जब हम नव प्रतिदिन योग, एक ऐसा सरल योग कार्यक्रम है जो सुबह‑शाम केवल नऊ मिनट में पूरा हो जाता है, दैनिक योग की बात करते हैं, तो इसका लक्ष्य सिर्फ शरीर नहीं, बल्कि मन‑और‑आत्मा को भी ताज़ा करना है। यह विधि कई छोटे‑छोटे आसन और प्राणायाम का मिश्रण है, जिससे शरीर में रक्त‑संचार सुधरता है और तनाव स्तर घटता है। नव प्रतिदिन योग को अपनाने से आप रोज़ की थकान को दूर कर सकते हैं, मोटापा कम कर सकते हैं, और नींद की गुणवत्ता बढ़ा सकते हैं। नव प्रतिदिन योग इसलिए लोकप्रिय है क्योंकि इसे कहीं भी, बिना किसी विशेष उपकरण के किया जा सकता है।
एक प्रमुख प्राणायाम, श्वास‑प्रश्वास का नियंत्रित अभ्यास है जो फेफड़ों की क्षमता बढ़ाता है और मस्तिष्क को साफ़ करता है को नव प्रतिदिन योग में शामिल किया गया है। जब आप नाड़ी‑विन्यास या अनुलोम‑विलोम जैसी तकनीकें करते हैं, तो रक्त‑दाब स्थिर रहता है और ऊर्जा स्तर बढ़ता है। साथ‑साथ ध्यान, मन को एक बिंदु पर केंद्रित करने का अभ्यास है जो तनाव घटाता और एकाग्रता बढ़ाता है भी इस रूटीन का अभिन्न हिस्सा है। इस प्रकार, नव प्रतिदिन योग शरीर, श्वास, और मन को एक साथ जोड़ता है – यह एक स्पष्ट समानांतर संबंध है: योग कार्यक्रम समावेश करता है प्राणायाम और ध्यान, और दोनों सहयोग करते हैं स्वास्थ्य सुधार में।
अगर आप अनोखा योग आसन खोज रहे हैं, तो नव प्रतिदिन योग में शामिल वृक्षासन, स्थिरता और संतुलन बढ़ाने वाला आसान खड़े‑आसन है और भुजंगासन, पैल्विक क्षेत्र को सक्रिय करता है और रीढ़ को लचीला बनाता है जैसी पोज़ आपके दिन की शुरुआत को ऊर्जा‑भरा बनाते हैं। इन आसनों को केवल दो‑तीन मिनट में दोहराने से मसल टोन में सुधार, पीठ दर्द में राहत, और हृदय गति का संतुलन मिलता है। यह तथ्य कि नव प्रतिदिन योग कम समय में बड़े लाभ देता है, इसे व्यस्त पेशेवरों और छात्रों के बीच बहुत लोकप्रिय बनाता है। आप देखेंगे कि जब आप लगातार इन छोटे‑छोटे सत्र को दोहराते हैं, तो आपका फिटनेस स्तर धीरे‑धीरे बढ़ता है और आप जीवन के बाकी हिस्सों में भी अधिक सक्रिय महसूस करेंगे।
समय‑समय पर स्वास्थ्य के विभिन्न पहलुओं को जोड़ना जरूरी है। नव प्रतिदिन योग न केवल शारीरिक लचीलापन बढ़ाता है, बल्कि यह पाचन को भी सुधारता है, क्योंकि प्राणायाम के दौरान पेट के अंगों को हल्का मालिश मिलता है। साथ ही, ध्यान से मन की शांति मिलती है, जिससे खाने‑पीने की आदतें स्वाभाविक रूप से स्वस्थ बनती हैं। यह एक परस्पर संबद्ध प्रणाली है: बेहतर पाचन समर्थित करता है ऊर्जा स्तर, जो फिर उन्नत करता है व्यायाम क्षमता। इसलिए, जब आप रोज़ाना नऊ मिनट का सत्र शुरू करेंगे, तो आपको तुरंत बड़े बदलाव नहीं दिखेंगे, पर लगातार अभ्यास से महीनों में स्पष्ट सुधार महसूस होगा।
यदि आप अभी तक नव प्रतिदिन योग को अपनी दिनचर्या में नहीं जोड़ पाए हैं, तो नीचे दिए गए लेखों में विभिन्न स्थितियों के अनुसार कस्टम सुझाव मिलेंगे। चाहे आप मौसम‑अस्थिरता से जुड़ी तनाव से जूझ रहे हों, या खेल‑कूद में बेहतर प्रदर्शन चाहते हों, यहाँ के पोस्ट आपको सही प्राणायाम, सही आसन और सही ध्यान तकनीक चुनने में मदद करेंगे। तो तैयार हो जाइए, अपनी सेहत को एक आसान, विज्ञान‑आधारित योग रूटीन से सशक्त बनाइए – और आगे पढ़ें कि कैसे हर दिन सिर्फ नऊ मिनट में आप अपना जीवन बदल सकते हैं।
1 अप्रैल 2025 को चैतत्री नव वर्षा त्रयी का तीसरा दिन है, जिसमें चतुर्थी और पंचमी तिथियों का विशेष संगम है। सुबह 6:11 बजे सूर्य का उदय, 11:06 बजे तक बहरानी नक्षत्र और उसके बाद कृतिका नक्षत्र प्रमुख भूमिका निभाते हैं। महाशय-विनायक चतुर्थी और मासिक कर्तिकाई जैसे त्यौहार भी इस दिन मनाए जाते हैं। इस लेख में तिथि‑समय, नक्षत्र‑राशि स्थितियों और शारीरिक‑आध्यात्मिक कार्यों के लिए शुभ मुहूर्त की विस्तृत जानकारी दी गई है।
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