कोनासीमा जिला एक कोनासीमा जिला, कर्नाटक राज्य का एक नवनिर्मित और तेजी से विकसित जिला है जो बेंगलुरु के दक्षिण में स्थित है और क्षेत्रीय आर्थिक गतिविधियों का केंद्र बन रहा है। यह जिला पिछले कुछ वर्षों में शहरीकरण, औद्योगिक विस्तार और रोजगार सृजन के मामले में देश के सबसे तेज़ बढ़ते जिलों में से एक बन गया है। इसकी स्थिति के कारण, यहाँ के लोग बेंगलुरु के आर्थिक आकर्षण का सीधा फायदा उठा रहे हैं, जबकि स्थानीय सरकार ने गिग वर्कर्स और अनुबंधित कर्मचारियों के लिए सामाजिक सुरक्षा के नए नियम बनाए हैं।
कोनासीमा जिले के साथ जुड़ी बड़ी बात यह है कि यहाँ के लोग अब सिर्फ़ बेंगलुरु के लिए काम पर जाने वाले नहीं रहे। बल्कि, यहाँ खुद कई नए बिजनेस और स्टार्टअप्स बन रहे हैं। बेंगलुरु, कर्नाटक की राजधानी और भारत का टेक्नोलॉजी हब, जिसकी सीमाएँ कोनासीमा तक फैल गई हैं के साथ इसका आर्थिक जुड़ाव इतना मजबूत है कि यहाँ के रोजगार के अवसर अब बेंगलुरु के बराबर ही हैं। अनुबंधित कर्मचारी, जो अक्सर स्थायी नौकरी के बिना काम करते हैं, लेकिन अब कोनासीमा में उन्हें सीधे जिला सोसाइटियों के जरिए नियुक्त किया जा रहा है और गिग वर्कर्स, जैसे डिलीवरी बॉय, ऑटो ड्राइवर या फ्रीलांसर, जिन्हें पहले कोई सुरक्षा नहीं मिलती थी के लिए भी अब बीमा और बैंक खाते की सुविधा उपलब्ध है। यह सब एक छोटे जिले में हो रहा है, जो अब देश के लिए एक मॉडल बन रहा है।
इस जिले की खबरें सिर्फ़ नौकरियों तक ही सीमित नहीं हैं। यहाँ के लोगों की जिंदगी कैसे बदल रही है, शिक्षा के अवसर कैसे बढ़ रहे हैं, और सरकार कैसे लोगों के लिए बेहतर बुनियादी ढांचा बना रही है — ये सब यहाँ देखने को मिलता है। आपको यहाँ कोनासीमा जिले के बारे में वो सब खबरें मिलेंगी जो आमतौर पर बड़े शहरों के लिए छोड़ दी जाती हैं। चाहे आप यहाँ रहते हों, यहाँ काम करते हों, या बस जानना चाहते हों कि भारत के छोटे जिले कैसे बदल रहे हैं — यहाँ आपके लिए सब कुछ है।
साइक्लोन मोंथा ने आंध्र प्रदेश के कोनासीमा जिले में जमीन पर टकराकर दो मौतें दीं, लेकिन 76,000 लोगों के निकासी ने बड़ी आपदा से बचाव किया। चंद्रबाबू नायडू ने बताया कि 1.2 मिलियन एकड़ फसल बर्बाद।
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