पहला दिन: 148* का शानदार जुगार
बेंगलुरु के BCCI सेंटर ऑफ़ एक्सीलेंस में खेली गई ड्यूप ट्रॉफी सेमीफाइनल के पहले दिन, नरायण जगेदेसन ने 260 गेंदों पर 148* बनाकर सभी का ध्यान खींचा। 13 चौके और दो छक्के मारते हुए, उन्होंने सतर्कता और आक्रमण का संतुलित मिश्रण पेश किया। इस पारी में उनका सबसे बड़ा योगदान दो साझेदारियों में था:
- हैदराबाद के तन्मय अग्रवाल के साथ 103 रन का शुरुआती साझेदारी, जिसमें जगेदेसन ने 43 रनों का समर्थन किया।
- कर्नाटक के देवदत्त पडिक्कल के साथ 128 रन की दूसरी साझेदारी, जिसमें उन्होंने 57 रनों का योगदान दिया।
जब वे 47वें ओवर तक 76 राजी थे, तब उन्होंने प्रारम्भिक रूप से एक नज़रिया की गलती से बचते हुए, मध्य गति के अनशूल कांबोज़ की गेंद को किन्हैया वधवान के सामने नोक-गली में छूट दिया, मगर फील्ड umpire ने इसे नो‑बॉल कर दिया। इस प्रकार उनका डिनर सुरक्षित रहा।
नॉरथ ज़ोन के कप्तान अंकित कुमार ने टॉस जीतकर पहले गेंदबाज़ी चुन ली, लेकिन बायस में हल्की बारिश और ओवरकास्ट के बावजूद पिच ने परेडियों को कोई फायदा नहीं दिया। टेस्ट डेब्यू करने वाले अनशूल कांबोज़ और औक़ीब नबी की लाइन‑डायरेक्शन में शुरुआती घंटे में थोड़ा‑बहुत फर्क दिखा, पर जगेदेसन के शांति‑पूर्ण खेल ने उन्हें रोक दिया।
दूसरा दिन: दोहरा शतक से चूक और टीम की बड़ी जीत
दूसरे दिन, जगेदेसन अपना आँकड़ा 197 तक ले पहुँचे और सिर्फ तीन रन बाकी रहने पर उनके साथियों के बीच एक गड़बड़ी हुई। रिकी भुई के साथ रन‑ऑट की वजह से वह तुरंत बेध हो गए, जो कि दोपहर के छह मिनट पहले ही हुआ। इस चूक ने न केवल उनके व्यक्तिगत लक्ष्य को धूमिल कर दिया, बल्कि फोटोग्राफ़र और मीडिया के सामने भी निराशा पैदा कर गई।
परंतु उनका योगदान इतना महत्वपूर्ण था कि साउथ ज़ोन ने कुल 536 रन बनाकर 169.2 ओवरों में अपनी पारी समाप्त की। इस पारी में बाएँ हाथ के स्पिनर निशांत सिंधु ने 47.2 ओवरों में 5/125 के शानदार आँकड़े पेश किए, जो नॉरथ ज़ोन की गेंदबाज़ी का प्रमुख बिंदु बन गया।
जगेदेसन की यह पारी उन सभी कारणों में से एक है कि भारतीय टेस्ट टीम ने हाल ही में उन्हें बैक‑अप विकेटकीपर के रूप में बुलाया। रिषभ पंत के पैर की चोट के बाद टीम ने तुरंत उन्हें इंग्लैंड के खिलाफ पाँचवें टेस्ट में शामिल किया, और ड्यूप ट्रॉफी में उनका प्रदर्शन उनके मल्टी‑स्किल्ड बॅटिंग और विश्वसनीय क़ीचिंग को फिर से स्थापित करता है।
साउथ ज़ोन की इस बड़ी पारी ने दिखा दिया कि घरेलू स्तर पर जगेदेसन किस तरह से टीम को स्थिरता और रफ्तार दोनों दे सकते हैं। उनका आक्रमणात्मक अटैक, आँकड़ों की गहराई और धैर्यपूर्ण दृष्टिकोण चयनकों के सामने उनके और भी अधिक मौके खोल रहा है।
6 टिप्पणियाँ
Ashish Pundir
नरायण जगेदेसन का 148* देख कर स्पष्ट होता है कि आजकल के युवा बल्लेबाज़ी में जोखिम और संतुलन का अभाव है। उनका खेल मूलभूत तकनीक में कमी दिखाता है।
gaurav rawat
वाह भाई 👏 जगेदेसन ने जबरदस्त बट्टिंग की 🙌 थोड़ा‑बहुत गिरावट हो सकती है पर लड़के ने दिखा दिया कि कैसे धीरज रख के बड़े रन बनाते हैं। keep it up bro!
Vakiya dinesh Bharvad
जगेदेसन ने भारतीय क्रिकेट की शान बढ़ाई :) दक्षिण ज़ोन की जीत में उनका योगदान अविस्मरणीय है।
Aryan Chouhan
यार ये ड्यूप ट्रॉफी का मैच देख कर मेरे सिर में बहुत घुमाड़ है। जगेदेसन का 148* तो धुंधला था जैसे धुंध में लाइट फाड रही हो। फ़ील्डिंग का तो कोई जवाब नहीं था, बस गोलियों का धँसाव था। उसके बाद के 197 रन में थोड़ी सी चूक लगती है, जैसे कंप्यूटर में सॉफ़्टवेर एरर। टीम का कंस्ट्रक्शन भी ठीक नहीं, बॉलर्स को कभी‑कभी गुलाब जामुन की तरह मीठा उछाल चाहिए। अरे भाई, मौसम भी कुछ गड़बड़ था, रेन वैरिएबल बना रहा। पिच ने भी ऐसा काम किया जैसे वो किसी ने प्रोफ़ाइल बदल दी हो। एनी वैराईटी के साथ ये खेल व्यावहारिक था, पर अगर आप दिमाग में नाचते हुए देखो तो समझ आएगा। जगेदेसन की क़ीचिंग लगभग कैमरे के फ़ोकस जैसी थी, पर कभी‑कभी ज़ूम इन नहीं हो पाई। दोनों पार्टनर्स के साथ साझेदारी तो ठीक थी, पर रिट्रीवल की क्वालिटी में गिरावट थी। टेकनीक के हिसाब से देखते हुए, वो थोड़ा‑बहुत आक्रामकता को कॉम्प्रेश कर रहा था। बॉलर्स ने भी कुछ कर दिखाया, पर उनका बाउंस थोड़ा‑बहुत अनियमित था। इस सारी चीज़ों को देखते हुए, मेरा दिल कहता है कि ये मैच एंटरटेनमेंट की हद से बाहर था। अंत में, जगेदेसन को बधाई देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने अपनी सीमाओं को पार किया। फिर भी, हमें देखना पड़ेगा कि अगली बार क्या चलता है।
Tsering Bhutia
जगेदेसन की पारी को देखें तो पता चलता है कि उनका स्ट्राइक रेट 70 के आसपास रहा, जो इस फॉर्मेट में काफी प्रभावी है। उन्होंने 13 चौके और दो छक्के लगाकर फ़ील्ड को अस्थिर कर दिया। अगर आप उनके पहले 50 रन की पारी को देखेंगे तो वह 30 गेंदों में आए, जो शुरुआती डैश के लिए बेहतरीन है। उनकी किचनिंग में अब भी सुधार की गुंजाइश है, पर इस सीज़न में उनका एवीरेज 45+ है जो बहुत प्रशंसनीय है। टीम के लिए उनका बहुमुखी योगदान सिर्फ बैटिंग तक सीमित नहीं, बल्कि बैक‑अप विकेटकीपर के रूप में भी मूल्यवान है। इस कारण ही चयनकर्ता उन्हें टेस्ट टीम में शामिल करने पर विचार कर रहे हैं। आशा है वह आगे भी इसी तरह फॉर्म में रहेंगे और नई ऊँचाइयों को छूते रहेंगे।
Narayan TT
जगेदेसन का प्रदर्शन केवल आँकड़े नहीं, वह क्रिकेट की दर्शन भी है।