केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने आज 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा के परिणाम घोषित कर दिए हैं। इस वर्ष कुल 93.60% छात्र उत्तीर्ण हुए हैं, जो पिछले साल के परिणाम 93.12% से 0.48% अधिक है। यह लगातार दूसरा वर्ष है जब CBSE 10वीं के परिणामों में सुधार देखा गया है।
एक बार फिर लड़कियों ने लड़कों को पीछे छोड़ दिया है। लड़कियों का उत्तीर्ण प्रतिशत 94.75% रहा, जबकि लड़कों का उत्तीर्ण प्रतिशत 92.71% रहा। ट्रांसजेंडर छात्रों का उत्तीर्ण प्रतिशत 91.30% रहा। यह लगातार तीसरा वर्ष है जब लड़कियों ने लड़कों से बेहतर प्रदर्शन किया है।
परीक्षा में शामिल हुए उम्मीदवार अपने स्कूल कोड, रोल नंबर और जन्म तिथि के साथ लॉगिन करके CBSE की आधिकारिक वेबसाइट cbse.gov.in और cbseresults.nic.in पर अपना परिणाम देख सकते हैं। परिणाम दिजिलॉकर ऐप और UMANG वेबसाइट के माध्यम से भी प्राप्त किए जा सकते हैं।
CBSE ने घोषणा की है कि जो छात्र अपने अंकों से संतुष्ट नहीं हैं, उन्हें पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन करने का अवसर मिलेगा। जो छात्र एक या एक से अधिक विषयों में अनुत्तीर्ण रहे हैं, उन्हें भी कम्पार्टमेंट परीक्षा में उत्तीर्ण होने का मौका मिलेगा।
क्षेत्रवार प्रदर्शन
क्षेत्रवार प्रदर्शन की बात करें तो त्रिवेंद्रम क्षेत्र ने सर्वोच्च उत्तीर्ण प्रतिशत 99.68% दर्ज किया। इसके बाद चेन्नई क्षेत्र 99.62% उत्तीर्ण प्रतिशत के साथ दूसरे और बेंगलुरु क्षेत्र 99.22% उत्तीर्ण प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर रहा।
| क्षेत्र | उत्तीर्ण प्रतिशत |
|---|---|
| त्रिवेंद्रम | 99.68% |
| चेन्नई | 99.62% |
| बेंगलुरु | 99.22% |
विषयवार प्रदर्शन
विषयवार प्रदर्शन के मामले में, विज्ञान और गणित में सबसे अधिक उत्तीर्ण छात्र थे। विज्ञान में 97.26% और गणित में 96.54% छात्र उत्तीर्ण हुए। सामाजिक विज्ञान में 95.37% और अंग्रेजी में 94.88% छात्र उत्तीर्ण रहे। हिंदी में उत्तीर्ण प्रतिशत 93.76% रहा।
टॉपर्स की सूची
इस वर्ष 10वीं कक्षा में कुल 57 छात्रों ने देशभर में टॉप किया है। इनमें से 23 लड़कियां और 34 लड़के शामिल हैं। टॉपर्स में त्रिवेंद्रम के 9, चेन्नई के 8 और दिल्ली के 6 छात्र शामिल हैं।
आगे की राह
CBSE 10वीं के परिणाम जारी होने के बाद, छात्रों को अब 11वीं कक्षा में प्रवेश लेने और अपने भविष्य की योजना बनाने का समय आ गया है। जो छात्र अपने प्रदर्शन से खुश नहीं हैं, वे पुनर्मूल्यांकन के लिए आवेदन कर सकते हैं या कम्पार्टमेंट परीक्षा के लिए तैयारी शुरू कर सकते हैं।
CBSE ने छात्रों को बधाई देते हुए कहा है कि यह उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण का परिणाम है। बोर्ड ने छात्रों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की है और उन्हें आगे के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं दी हैं।
CBSE 10वीं के परिणाम एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर होते हैं क्योंकि यह छात्रों के भविष्य की दिशा तय करता है। इस परीक्षा में अच्छा प्रदर्शन करने वाले छात्रों के पास विभिन्न क्षेत्रों में अपना करियर बनाने के अवसर होते हैं।
हालांकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि एक परीक्षा में प्रदर्शन किसी छात्र की क्षमता और प्रतिभा को परिभाषित नहीं करता है। जीवन में सफलता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें कौशल, दृढ़ संकल्प और निरंतर प्रयास शामिल हैं।
CBSE और शिक्षा मंत्रालय द्वारा छात्रों को उनके प्रदर्शन को लेकर प्रोत्साहित किया जाता है और उन्हें भविष्य के लिए मार्गदर्शन प्रदान किया जाता है। छात्रों को अपनी रुचियों और प्रतिभा के अनुसार क्षेत्र चुनने और अपने सपनों को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
इस वर्ष CBSE 10वीं के परिणामों ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि लड़कियां किसी से कम नहीं हैं और वे हर क्षेत्र में अपना परचम लहरा सकती हैं। यह देश के लिए एक गर्व की बात है कि हमारी बेटियां शिक्षा के क्षेत्र में इतना उत्कृष्ट प्रदर्शन कर रही हैं।
CBSE और शिक्षा मंत्रालय का प्रयास हमेशा से ही सभी छात्रों को समान अवसर प्रदान करना और उनकी प्रतिभा को निखारना रहा है। इसके लिए विभिन्न पहल की गई हैं, जैसे नीति आयोग द्वारा शुरू की गई अटल इनोवेशन मिशन और कौशल विकास कार्यक्रम।
CBSE 10वीं परीक्षा के परिणाम आने के बाद, छात्रों और अभिभावकों के लिए यह महत्वपूर्ण है कि वे बच्चों का मार्गदर्शन करें और उन्हें अपने भविष्य के लिए सही विकल्प चुनने में मदद करें। साथ ही, यह भी जरूरी है कि हम बच्चों पर अतिरिक्त दबाव न डालें और उन्हें अपनी गति से सीखने और विकसित होने का अवसर दें।
आइए, हम सभी मिलकर अपने बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करें और उन्हें हर संभव मदद और प्रोत्साहन दें। CBSE 10वीं का परिणाम केवल एक शुरुआत है, आगे की यात्रा लंबी और चुनौतीपूर्ण है। हमें बच्चों के साथ कदम से कदम मिलाकर चलना होगा और उनका हौसला बढ़ाना होगा।
20 टिप्पणियाँ
RANJEET KUMAR
लड़कियों ने फिर से दिखा दिया कि मेहनत और लगन का कोई विकल्प नहीं होता! ये आंकड़े सिर्फ नंबर नहीं, बल्कि उनकी हिम्मत का प्रमाण हैं।
Dipen Patel
वाह! 🎉 लड़कियों की इस जीत पर बधाई! अब तो बस एक बात है - इनकी इस ऊर्जा को 12वीं और कॉलेज में भी बनाए रखना होगा।
Sathish Kumar
क्या हम असली बात नहीं देख रहे? ये सब नंबर तो बस एक दिखावा है। असली जीत तो वो है जब एक लड़की अपने घर में पढ़ने का अधिकार पा ले।
Mansi Mehta
हमेशा से लड़कियां बेहतर परफॉर्म करती हैं... लेकिन जब तक हम उन्हें बाहर निकालकर फोटो नहीं खींच लेते, तब तक ये सब बस एक ट्रेंड है।
Bharat Singh
बहुत अच्छा नतीजा 😎 लड़कियों को बधाई! अब बस एक बार फिर इनका दिमाग नहीं बल्कि उनका दिल भी पढ़े!
Disha Gulati
ये सब नंबर फेक हैं भाई! बोर्ड ने जानबूझकर लड़कियों के नंबर बढ़ाए हैं ताकि लोग इनके ऊपर भरोसा करें... असल में तो लड़के ज्यादा तेज हैं! अगर तुमने देखा हो तो टॉपर्स में लड़कों की संख्या ज्यादा है न?
Sourav Sahoo
मैं रो रहा हूँ... असली बात ये है कि हमारी बेटियां अब न सिर्फ अपने घर के लिए बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात बन रही हैं! ये जीत कोई परीक्षा की नहीं, ये तो समाज की जीत है!
Sourav Zaman
ये रिजल्ट तो बहुत बेसिक है भाई... असली चैलेंज तो ये है कि लड़कियां इंजीनियरिंग या एआई में भी उतनी ही नजर आएं जितनी बोर्ड में... और अभी तक तो लड़के ही टॉपर्स में हैं न?
Avijeet Das
इस रिजल्ट के बाद एक सवाल उठता है - क्या हम सिर्फ परीक्षा में बेहतर हो रही हैं, या हम अपने विचारों में भी आगे बढ़ रहे हैं? क्या ये बदलाव सिर्फ स्कूल तक सीमित है?
Sachin Kumar
अत्यधिक प्रशंसा के बावजूद, यह तथ्य है कि लड़कों की उत्तीर्णता अभी भी 92.71% है, जो एक अत्यधिक सफल प्रदर्शन है।
Ramya Dutta
हर साल लड़कियां बेहतर होती हैं... लेकिन जब तक घर में बेटी को बोर्ड नहीं बनाया जाता, तब तक ये सब बस एक फेक न्यूज है।
Ravindra Kumar
इस रिजल्ट के बाद देश के बाप बोल रहे हैं - 'हम तो बेटियों के लिए गर्व करते हैं!'... लेकिन अगर बेटी को घर में अकेले बाथरूम में पढ़ने की इजाजत नहीं है, तो ये गर्व क्या है? ये तो नाटक है!
arshdip kaur
हर साल यही बात... लड़कियां बेहतर हैं, लेकिन जब बात आती है टॉपर्स की, तो लड़के लगते हैं। ये दिखावा तो बंद करो। ये सब बस एक सामाजिक नाटक है।
khaja mohideen
लड़कियों की इस जीत का मतलब है कि अगर उन्हें सही अवसर मिले, तो वो किसी से कम नहीं हैं। अब बस इतना ही चाहिए - एक बराबरी का मौका।
Diganta Dutta
लड़कियां बेहतर हैं? अच्छा? तो फिर लड़के क्यों टॉपर्स में हैं? ये रिजल्ट तो बस एक बड़ा झूठ है। क्या आपने कभी सोचा कि लड़कियों को ज्यादा समय दिया जा रहा है?
Meenal Bansal
ये रिजल्ट देखकर मैं रो पड़ी 😭 लड़कियों की इतनी ताकत को देखकर लगता है कि भारत का भविष्य हमारी बेटियों के हाथों में है! जय हिंद! 🙌💖
Akash Vijay Kumar
इस रिजल्ट को देखकर, एक अच्छी बात यह है कि शिक्षा के क्षेत्र में लिंग अंतर कम हो रहा है। हालांकि, यह ध्यान देने योग्य है कि अभी भी कुछ क्षेत्रों में असमानता बनी हुई है।
Dipak Prajapati
ये सब बस एक रिजल्ट है... लेकिन जब तक लड़कियों को बाहर निकलने की इजाजत नहीं मिलती, तब तक ये नंबर बस एक लिस्ट है। और अगर तुम लड़कियों के घरों में जाओगे, तो पता चलेगा कि उनके लिए ये परीक्षा भी एक बहाना है।
Mohd Imtiyaz
लड़कियों के इस प्रदर्शन का कारण ये है कि उन्होंने अपने लक्ष्यों को स्पष्ट रखा है। ये नंबर बस एक अंक है - असली बात उनकी लगन है। अगर आप उनके साथ बात करें, तो पता चलेगा कि वो बस एक अच्छा भविष्य चाहती हैं।
arti patel
मैं अपनी बेटी के लिए गर्व करती हूँ... लेकिन अगर इस देश में एक लड़की को बस एक घर में शांति से पढ़ने का मौका मिल जाए, तो ये रिजल्ट बहुत बड़ी बात नहीं होगी।