जब मार्क चैपमन, न्यूज़ीलैंड ने 132 रन बनाकर रॉस टेलर का 14 साल पुराना ODI रिकॉर्ड तोड़ा, तो इस जीत ने पूरी क्रिकेट दुनिया को चौंका दिया। यह ऐतिहासिक पारी पहला ODI नैपियर के मैकलीन पार्क में 29 मार्च 2025 को खेली गई। यह केवल एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं, बल्कि दोनों टीमों के बीच चल रही सीरीज में दिशा तय करने वाला मोड़ था।
इतिहास और पृष्ठभूमि
रॉस टेलर ने 2011 के ICC विश्व कप में पल्लेकले, श्रीलंका में 131* बनाकर रिकॉर्ड स्थापित किया था। तब से यह अंक 14 साल तक ओवरसीज में सबसे ऊँचा बना रहा। वही वर्ष, न्यूज़ीलैंड ने पाकिस्तान को 110 रन से हराया था, और टेलर की पारी को उस जीत का आधार माना गया। मार्क चैपमन, जो 2014‑2016 तक हांग कांग का प्रतिनिधित्व करता था, 2016 के बाद न्यूज़ीलैंड के लिए खेलना शुरू किया। इस बदलाव ने उसे कई बार दो‑देशीय खिलाड़ियों की सूची में रखा, जैसे कोरी एंडरसन या ल्यूक रोंची।
मैच की मुख्य बातें
बिना नियमित कप्तान टॉम लाथम के, चैपमन ने नंबर चार की स्थिति पर खड़ा होकर पूरे मैदान में गेंदें मार दीं। शुरुआत में 30‑रन की साझेदारी के बाद, वह तेज़ी से अपने शॉट्स का विस्तार करते हुए 10‑ओवर में ही 70 रन बना चुका था। पारी के मध्य में, उसे 20‑गेंद की डिलिवरी पर 30‑रन की बम्पर मिली, लेकिन उसकी बॉल‑टाइमिंग ने उसे फिर से रफर बना दिया। अंत में 67‑बॉल पर 132 रन बनाकर वह टेलर को पीछे छोड़ गया। यह पारी न्यूज़ीलैंड के लिए 344/9 का मजबूत लक्ष्य तय कर गई, जो पाकिस्तान के खिलाफ घरेलू ODI में दूसरे सबसे बड़े टोटल में गिनी जाती है।
- मार्क चैपमन के 132 रन (67 बॉल, 10 चौके, 6 छक्के)
- न्यूज़ीलैंड का कुल स्कोर: 344/9
- पाकिस्तान को शर्त लगाते हुए 5 ओवर में सलमान अग्रा ने 67 रन दिए
- रोजमर्रा के आंकड़े: 29 मार्च 2025, मैकलीन पार्क, नैपियर
टीमों की रणनीति
पाकिस्तान के कप्तान मोहोम्मद रिजवान ने चार तेज़ गेंदबाजों (नसीम शाह, हारिस रौफ, मोहम्मद अली, अकिफ जावेद) को टीम में जगह दी, जबकि कोई विशेषज्ञ स्पिनर नहीं रखा। यह gamble तब उल्टा पड़ गया जब सुफियन मुकीम को पांचवी ओवर में बेंच पर रखा गया। पिछले T20I सीरीज़ में मुकीम ने दो ओवर में 2 विकेट के साथ 6 रन दिए थे, इसलिए इसका चयन कई विश्लेषकों ने सवालिया बनाय। कारण स्पष्ट था: चैपमन की हांग कांग पृष्ठभूमि के कारण उसे स्पिन से डर लगता है, लेकिन इस बार वह उस कमी को भी दिखा नहीं सका।
रिजवान को गंभीर परिणाम भुगतने पड़े, क्योंकि पार्ट‑टाइम स्पिनर सलमान अग्रा के 67 रन ने पाकिस्तान की रोकथाम योजना को ध्वस्त कर दिया। विशेषज्ञों का कहना है कि अगर कम से कम एक अनुभवी स्पिनर (जैसे मुकीम) पिच पर होता, तो चैपमन को उतना आसान मौका नहीं मिलता।
खिलाड़ी के करियर पर प्रभाव
इस पारी से पहले चैपमन के ODI आँकड़े 6 मैच में 192 रन (औसत 38.40) थे, जिसमें दो आधी शतक और सर्वाधिक 81 रन का स्कोर था। अब वह 132 की पारी से न केवल रिकॉर्ड तोड़ा, बल्कि अपनी सूची को तीसरे स्थान पर पहुंचा दिया, जहाँ पहले रॉस टेलर और एबी दे विलियर्स जैसे दिग्गज थे। इस सफल प्रदर्शन ने उसे न्यूज़ीलैंड की 50‑ओवर फॉर्मूला में अड़े रहने का मजबूत कारण दिया। कोच ने कहा: "मार्क की इस बेस्ट-इन-क्लास पारी ने टीम के आत्मविश्वास को नई ऊँचाई तक पहुंचा दिया है।"
आगे क्या उम्मीदें?
सीरीज में पाँच मैच बचे हैं, और अब पाकिस्तान को रणनीति बदलनी पड़ेगी। बहुत से विश्लेषकों ने सुझाव दिया है कि उन्हें स्पिनर को शामिल करके चैपमन की ताकत को neutralise करना चाहिए। दूसरी ओर, न्यूज़ीलैंड को इस मोमेंटम को आगे बढ़ाते हुए अपने कुल स्कोर को बढ़ाना होगा, ताकि शृंखला का फायदा सुनिश्चित हो। अगला टेस्ट दोपहर को वही मैकलीन पार्क में नहीं, बल्कि वेलिंगटन के बर्गर स्टेडियम में होगा, जहाँ पिच की गति अलग होगी।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
मार्क चैपमन की यह पारी न्यूज़ीलैंड की सीरीज जीत में कैसे मदद करेगी?
132 रन की पारी ने न्यूज़ीलैंड को 344/9 का सुरक्षित लक्ष्य दिया। इससे पाकिस्तान को 300+ रन करने का दबाव बढ़ा और टीम के बॉलर्स को आराम से अपनी स्ट्राइकिंग लाइन सेट करने का मौका मिला। संभावित जीत की संभावना इसलिए बढ़ गई।
पाकिस्तान की रणनीति में क्या कमी थी?
कप्तान रिजवान ने चार तेज़ गेंदबाजों के साथ स्पिनर को बेंचर पर रख दिया। इस कारण सलमान अग्रा जैसे पार्ट‑टाइम स्पिनर को 5 ओवर में 67 रन देना पड़ा, जिससे विपक्षी बैट्समैन का दबाव कम हुआ। स्पिन विकल्प के बिना पिच पर संतुलन बिगड़ गया।
क्या यह रिकॉर्ड तोड़ना चैपमन के भविष्य को प्रभावित करेगा?
हां, इस पारी से वह न्यूज़ीलैंड की शीर्ष बैटिंग लिस्ट में स्थायी जगह बना रहे हैं। चयनकर्ता अब उसे एक विश्वसनीय निचली‑ऑर्डर फायरबेस मानेंगे, जिससे आने वाले टेस्ट और T20I में भी उसके अवसर बढ़ेंगे।
रॉस टेलर का पुराना रिकॉर्ड क्यों टिक गया था?
2011 के विश्व कप में टेलर ने 131* बनाकर उस समय की तेज़ पिच और कम औसत स्कोरिंग की परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए एक अद्भुत पारी खेली थी। तब के अधिकांश विरोधी टीमों की बॉलिंग लाइन‑अप भी उच्च गति पर नहीं थी, जिससे ऐसा स्कोर मुश्किल था।
नए सत्र में कौन से खिलाड़ी उभरकर सामने आए हैं?
नैपियर में इस मैच में शुरुआती ओवर में तेज़ गति से फिसलते हुए अकिफ जावेद ने 3 विकेट लिए, और नसीम शाह ने 2 विकेट कर बेहतरीन गति दिखायी। दोनों को आगामी पायदानों में देखना दिलचस्प रहेगा।
15 टिप्पणियाँ
Ajeet Kaur Chadha
ओहो क्या बात है भाई, चैपमन ने 132 बना दिया जैसे कोई बटर चिकन के सॉस में डुबकी लगा रहा हो।
रॉस टेलर का रिकॉर्ड बस हवा में खो गया, अब नई कहानी लिखी जा रही है।
यह पारी तो ऐसे थी जैसे हर गेंद पर चटपटे पापड़ की खुशबू।
सच में, न्यूज़ीलैंड ने तो सबको लोट-मार दिया।
Vishwas Chaudhary
इंडिया की बल्लेबाज़ी भी कभी नहीं देखी ऐसी
sangita sharma
देखिए, यह जीत सिर्फ एक व्यक्तिगत उपलब्धि नहीं है, बल्कि एक सामाजिक संदेश है।
क्रिकेट में अनुशासन और धैर्य का महत्व हम सबको समझना चाहिए।
खेतीबाड़ी की तरह मेहनत से ही फल मिलता है, चाहे वह क्रिकेट हो या ज़िंदगी।
ऐसे पलों में हमें टीम की जड़ें और लोगन की भावना को नहीं भूलना चाहिए।
साथ मिलकर आगे बढ़ना ही असली जीत की कुंजी है।
PRAVIN PRAJAPAT
आपकी बात सही नहीं है यह केवल खेल के दबाव से नहीं बनता
srinivasan selvaraj
मार्क चैपमन की इस पारी ने मेरे दिल की धड़कन को ही बदल दिया।
पहली बात तो यह है कि 132 रन बनाना किसी भी बल्लेबाज़ के लिए बेहद कठिन कार्य है, और वह भी 67 बॉल में।
यह पारी हमें यह सिखाती है कि तैयारी और मानसिक दृढ़ता का कितना बड़ा महत्व है।
एक पक्षी की तरह, वह हर गेंद को अपने पंखों से पकड़ता गया।
उसके शॉट्स में शक्ति और सुंदरता का संगम देखा गया।
न्यूज़ीलैंड की क्याचिंग लाइन को भी इस पारी ने बहुत हिला दिया।
साथ ही, पाकिस्तान की गेंदबाज़ी रणनीति में स्पष्ट त्रुटियाँ सामने आईं।
जब चार तेज़ गेंदबाज़ों ने स्पिनर को बेंच पर रखा, तो यह एक बड़ी चूक थी।
सलमान अग्रा की पार्ट‑टाइम स्पिन ने रिवर्स भी नहीं किया, बल्कि पूरी पिच को साफ़ कर दिया।
इससे स्पष्ट होता है कि टैक्टिकल लचीलापन की कमी टीम को कमजोर कर देती है।
चैपमन की बैटिंग ने न सिर्फ स्कोर बढ़ाया, बल्कि टीम के आत्मविश्वास को भी नई ऊँचाई पर पहुँचाया।
भविष्य में ऐसे पारी को देखते हुए, हमें नई रणनीतियों पर काम करना चाहिए।
उदाहरण के तौर पर, स्पिनर को बेंच पर नहीं रखना चाहिए, बल्कि पिच के अनुसार लोड करना चाहिए।
अंत में, यह पारी क्रिकेट इतिहास में एक नया मील का पत्थर बन गई है।
इससे यह स्पष्ट है कि खेल सिर्फ शारीरिक नहीं, बल्कि मानसिक युद्ध भी है।
हम सभी को इस सफलता से प्रेरणा लेनी चाहिए और अपनी-अपनी क्षेत्रों में मेहनत जारी रखनी चाहिए।
Adrija Maitra
बहुत बढ़िया विश्लेषण, चैपमन की पारी सच में रोचक थी।
मैं भी मानता हूँ कि पाकिस्तान की बैकवर्ड प्लानिंग ने उन्हें नुकसान पहुँचाया।
RISHAB SINGH
क्रिकेट में कोच की भूमिका अक्सर अनदेखी रह जाती है, पर ये जीत दिखाती है कि सही मार्गदर्शन कितना महत्वपूर्ण है।
जैसे चैपमन ने हमें दिखाया, तकनीकी ट्रेनिंग और मानसिक तैयारी दोनों का संतुलन जरूरी है।
आगे भी ऐसी ही रणनीति अपनाने से टीम को लगातार जीत मिलती रहेगी।
suji kumar
सही कहा, कोचिंग का प्रभाव अक्सर आँकड़ों में नहीं दिखता, पर वास्तव में यह टीम के मनोबल को नई दिशा देता है, जिससे प्रत्येक खिलाड़ी अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को अनलॉक करता है, और इस प्रकार पूरे स्कोरबोर्ड पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है, जिससे न केवल वर्तमान मैच बल्कि भविष्य के सीजन में भी निरंतर सफलता संभव हो जाती है।
Rahul kumar
अरे यार, सब कहते हैं चैपमन की पारी लाजवाब, पर सच में तो यह बस एक और बड़ा आँकड़ा है, हमें तो परफ़ॉर्मेंस के पीछे की असली कहानी देखनी चाहिए, न कि सिर्फ स्कोरबोर्ड पर चमकते लफ़्ज़।
indra adhi teknik
भाई, आँकड़ों के पीछे की डिटेल्स देखना ज़रूरी है, जैसे गेंद की स्पीड, बॉल का रेंज, और बैंटर की पोजिशनिंग, ताकि हम सही निष्कर्ष निकाल सकें।
Kishan Kishan
वाह! यह पारी तो बिल्कुल शानदार थी-वाकई में, एक दावेदारी की तरह, जिसने सभी अपेक्षाओं को चकनाचूर कर दिया।
ऐसे ही पलों में हमें टीम की रणनीति को पुनः परिभाषित करना चाहिए, क्योंकि यह सिर्फ एक व्यक्तिगत जीत नहीं, बल्कि समग्र खेल की दिशा को बदल देती है।
हाहाहा, अब तो हर कोई चैपमन की तारीफ़ों में ही मग्न हो जाएगा!
richa dhawan
एक बात बताऊँ, इस रिकॉर्ड के पीछे कोई छिपा हुआ सौदा ज़रूर होगा, क्योंकि इतने बड़े स्कोर को इतना आसानी से नहीं बना सकते।
जैसे खेल के दिग्गज कभी कहते हैं, हर चमकते सितारे के पीछे धुंधला स्याह पर्दा होता है।
Balaji S
आइए इस घटना को एक व्यापक सामाजिक-आर्थिक संदर्भ में समझने की कोशिश करें; क्रिकेट, जैसा कि हम सब जानते हैं, केवल एक खेल नहीं बल्कि एक सामाजिक संरचना है जो राष्ट्र की पहचान, जनसांस्कृतिक अभिव्यक्तियों और सामूहिक मानसिकता को प्रतिबिंबित करती है।
इसलिए एक सिंगल रिकॉर्ड जितना प्रतीकात्मक प्रभाव रखता है, उतना ही सतत विश्लेषण और प्रत्यावर्तन की आवश्यकता भी उत्पन्न करता है।
Alia Singh
यह उपलब्धि अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में नई मापदंड स्थापित करती है, आश्चर्यजनक रूप से।
Purnima Nath
क्या बात है, न्यूज़ीलैंड ने पूरी दुनिया को दिखा दिया कि सपनों को सच किया जा सकता है, चलो हम सब मिलकर इस उत्साह को आगे बढ़ाते रहें!