जब आपको पता चलता है कि अगले दिन दिल्ली में 100 मिमी बारिश होने वाली है, या बंगाल की खाड़ी से एक तूफान आ रहा है, तो ये जानकारी भारतीय मौसम विभाग, भारत सरकार का अधिकारिक मौसम विज्ञान एजेंसी जो देश भर में मौसम की भविष्यवाणी, चेतावनी और डेटा संकलन करता है से आती है। इसे IMD के नाम से भी जाना जाता है, और ये एकमात्र संस्थान है जो देश के हर कोने के मौसम को ट्रैक करता है — चाहे वो दरजीलीन के लैंडस्लाइड हों या गुजरात में अचानक आई भारी बारिश।
IMD का काम सिर्फ बारिश का अनुमान लगाना नहीं, बल्कि उसके असर को समझना भी है। जब दरजीलीन में 300 मिमी बारिश हुई और 18 लोगों की मौत हो गई, तो IMD की भविष्यवाणी ने बचाव टीमों को तैयार करने में मदद की। उसी तरह, जब कर्नाटक या केरल में बारिश का अनुमान लगाया जाता है, तो ये जानकारी स्कूल बंद करने, उड़ानें रद्द करने या बाढ़ के लिए तैयारी करने का आधार बनती है। ये सिर्फ एक अनुमान नहीं, बल्कि जीवन बचाने का टूल है।
आजकल IMD की भविष्यवाणियाँ और भी ज्यादा सटीक हो रही हैं। वो अब सिर्फ दिन के लिए नहीं, बल्कि घंटों के लिए भी बारिश की संभावना बताते हैं। आपने शायद देखा होगा कि दिल्ली में तेज़ बारिश के बाद एयरपोर्ट पर उड़ानें देरी से निकलीं — इसकी जिम्मेदारी IMD के अनुमान पर ही टिकी है। वो अपने डेटा के आधार पर बताते हैं कि कहाँ कितनी बारिश होगी, किस दिन गर्मी चरम पर होगी, और कब तूफान तट पर आएगा।
इस लिस्ट में आपको ऐसे ही ताज़ा अपडेट मिलेंगे — जहाँ IMD की भविष्यवाणी ने लोगों के जीवन को बदल दिया है। आपको पता चलेगा कि बंगाल, गुजरात या उत्तर प्रदेश में क्या होने वाला है, लैंडस्लाइड की चेतावनी कैसे जारी होती है, और ये अनुमान किस तरह से आपके दिन के फैसलों को बदल देते हैं। ये सिर्फ मौसम की जानकारी नहीं, बल्कि आपकी सुरक्षा का हिस्सा है।
साइक्लोन मोंथा आंध्र प्रदेश के तट पर टकराएगा, लेकिन इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव आगरा सहित उत्तरी भारत पर पड़ सकता है। बारिश और तापमान में गिरावट की उम्मीद।
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