मुख्य चेतावनियाँ और प्रभावित क्षेत्र
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 26 सितंबर, 2025 को देश के कई हिस्सों में बारिश पूर्वानुमान जारी किया है। पश्चिम बंगाल, गुजरात और केरल में भारी से अत्यधिक बारिश की संभावना है, जिसके चलते स्थानीय प्रशासन ने नागरिकों से सतर्क रहने की अपील की है। इन क्षेत्रों में नदी‑तट पर बाढ़ का खतरा भी बढ़ा है, इसलिए आपातकालीन सेवाओं को तैयार रहने का निर्देश दिया गया है।
गुजरात में 26 सितंबर से 2 अक्टूबर तक हल्की‑मध्यम बारिश की अपेक्षा की गई है, लेकिन 27‑30 सितंबर के दौरान गुजरात के कई हिस्सों में तेज़ बारिश होगी। विशेष रूप से सौरा त्रा (28‑30 सितंबर) और गुजरात क्षेत्र (27‑30 सितंबर) को तीव्र वर्षा का सामना करना पड़ सकता है। दक्षिण गुजरात में पहले ही हल्की बारिश शुरू हो चुकी है, जबकि उत्तरी गुजरात और कच्छ अभी तक शुष्क रहेंगे।

क्षेत्रीय मौसम विवरण
पूरब में, पश्चिम बंगाल में इस सप्ताह अंत तक लगातार भारी वर्षा का अनुमान है। केरल में भी इसी अवधि में तीव्र बौछारों की संभावना है, जिससे समुद्री किनारे और पहाड़ी क्षेत्रों में जलभराव हो सकता है।
उत्तरी भारत में, दिल्ली‑एनसीआर और उत्तर प्रदेश में मिश्रित मौसम रहेगा। कभी‑कभी हल्की बारिश और बहुत ही अधिक आर्द्रता के साथ, रात के समय तापमान लगभग 23°C तक गिर सकता है, जो दिन के 34°C के उच्चतम तापमान से काफी हल्का होगा। दोबारा, बिहार, झारखण्ड, मध्य प्रदेश और उत्तराखण्ड में भी विभिन्न स्तरों की बारिश की निगरानी की जा रही है, इसलिए स्थानीय मौसम विभाग के अपडेट पर नजर रखें।
देशभर में इस महीने की औसत तापमान 26°C से 30°C के बीच रहने की उम्मीद है। कई क्षेत्रों में दिन के समय अधिकतम तापमान 34°C तक पहुंच सकता है, जबकि आर्द्रता स्तर बहुत अधिक रहने के कारण लोगों को हाइड्रेटेड रहना आवश्यक है।
सितंबर में भारत के अधिकांश हिस्सों में 8 से 15 बारिश वाले दिन हो सकते हैं, जिसमें कुछ क्षेत्रों में मासिक कुल 408 mm तक बारिश रिकॉर्ड की जा सकती है। उत्तर के कुछ हिस्सों में बारिश कम होने की प्रवृत्ति देखी गई है, परन्तु पश्चिम, मध्य और दक्षिण में अभी भी मॉनसून का प्रभाव जारी है।
- सावधानी के उपाय: छाता और वर्षा-रोधी कपड़े साथ रखें।
- सूर्य की अल्ट्रावायलेट (UV) इंडेक्स: अधिकांश क्षेत्रों में 10 की उच्चतम स्तर पर रहेगी, इसलिए सनस्क्रीन का प्रयोग आवश्यक है।
- सूर्य प्रकाश: दैनिक 7‑10 घंटे तक रहेगा, जिससे फसल एवं ऊर्जा उत्पादन पर कुछ हद तक प्रभाव पड़ सकता है।
जैसे-जैसे मॉनसून का अंतिम चरण निकट आ रहा है, बारिश की तीव्रता में धीरे‑धीरे गिरावट होगी, परन्तु पूरी भारत में बारी‑बारी से बारिश की संभावना बनी रहेगी। IMD नियमित रूप से अपडेट जारी करेगा, इसलिए हर नागरिक को सूचना पर ध्यान देना और स्थानीय अधिकारियों की अनिर्देशों का पालन करना चाहिये।