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विश्व की सबसे धनी परिवार हिंदुजा का अपील स्विस कोर्ट के जेल की सज़ा के आदेश के खिलाफ

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विश्व की सबसे धनी परिवार हिंदुजा का अपील स्विस कोर्ट के जेल की सज़ा के आदेश के खिलाफ
  • जून, 22 2024
  • के द्वारा प्रकाशित किया गया Divya B

परिचय

ब्रिटेन का सबसे धनी परिवार, हिंदुजा, हाल ही में स्विस अदालत द्वारा दिए गए एक विवादास्पद फैसले के खिलाफ अपील कर रहा है। परिवार के कुछ सदस्यों को वहां के अदालत ने कथित कर्मी शोषण के आरोपों में जेल की सज़ा सुनाई थी। हिंदुजा परिवार ने इस निर्णय को अपील करते हुए अपने वकीलों के माध्यम से यह दोहराया है कि वे इस फैसले से 'स्तब्ध और निराश' हैं और उन्होंने उच्च अदालत में इस पर पुनर्विचार की मांग की है।

फैसले का विस्तृत ब्यौरा

ये घटनाएँ तब सुर्खियों में आई जब प्रख्यात हिंदुजा परिवार के सदस्यों, जिनमें प्रकाश और कमल हिंदुजा, और उनके पुत्र अजॉय और पुत्रवधू नम्रता शामिल हैं, पर स्विस अदालत द्वारा मानव तस्करी के आरोपों से बरी कर दिया गया लेकिन कर्मियों का शोषण करने के आरोप में दोषी ठहराया गया। इस मामले में केंद्रिय आरोप यह थे कि उन्होंने अपनी घरेलू कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए, उनकी गतिविधियों पर کنترل रखा, उन्हें लंबे समय तक कम वेतन पर कार्य कराया और उनके वेतन को भारतीय बैंकों में जमा किया जहां तक उनकी पहुंच नहीं थी।

कानूनी पक्ष

कानूनी पक्ष

हिंदुजा परिवार के कानूनी प्रतिनिधियों, येल हयात, रॉबर्ट असल और रोमन जॉर्डन ने स्पष्ट किया कि स्विस कानून के तहत, अंतिम न्यायिक निर्णय की पालना होने तक किसी भी व्यक्ति की बेगुनाही बनी रहती है। इसके तहत किसी दशआ कि सज़ा तब तक लागू नहीं होती जब तक कि अंतिम प्राधिकार से कोई ठोस निर्णय ना लिया जाए। इस फैसले के खिलाफ की गई अपील में, परिवार ने सभी आरोपों के प्रति अपनी असहमति जताई है और उन्हें यथावत खारिज करने की मांग की है।

आरोप और उत्तर

इन मामलों में प्रमुख तथ्यों में यह बताया गया है कि कथित तौर पर कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त कर लिए गए थे, उनकी गतिविधियों पर प्रतिबंध लगाए गए, और उन्हें बहुत कम वेतन पर लंबे समय तक काम करने के लिए मजबूर किया गया। इसके साथ ही, उनके वेतन को उनके गृह देश के बैंकों में जमा किया गया, जिससे उन्हें उन पैसों तक पहुंच में कठिनाई होती थी। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए, परिवार के वकीलों ने यह दावा किया कि इन कर्मचारियों के साथ सम्मानपूर्वक व्यवहार किया जा रहा था एवं उन्हें आवश्यक आवास और सुविधाएं प्रदान की जा रही थीं।

परिवार की प्रतिक्रिया

परिवार की प्रतिक्रिया

हिंदुजा परिवार, जिनकी कुल संपत्ति 'द संडे टाइम्स रिच लिस्ट' के मुताबिक 37.196 अरब ब्रिटिश पाउंड आंकी गई है, ने न्यायिक प्रणाली में पूरी विश्वास रखने का संकेत दिया है। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि सत्य अंततः प्रकट होगा और वे दोषमुक्त साबित होंगे। परिवार और उनके कानूनी प्रतिनिधियों की उम्मीद यही है कि उनके पक्ष में न्याय होगा और वे खुद को निर्दोष साबित कर सकेंगे।

न्यायिक प्रोसेस की आस्था

इस समुच्चय में, यह स्पष्ट किया गया कि न्यायालय की प्रक्रिया में विश्वासहीनता के कोई संकेत नहीं हैं। कानून के तहत जिस प्रकार किसी भी अभियुक्त को आखिरी निर्णय तक निर्दोष माना जाता है, उसी प्रकार हिंदुजा परिवार की भी यही अपेक्षा है। वे आश्वस्त हैं कि न्याय प्रणाली में उनकी आस्था उन्हें सही परिणाम तक लाएगी।

भविष्य की दिशा

भविष्य की दिशा

फिलहाल, पूरा मामला किन्हीं निश्चित निष्कर्ष पर पहुंचने से पहले एक निर्णायक मोड़ पर है। उच्च अदालत के निर्णय का परिवार और उनके समर्थकों द्वारा बेसब्री से इंतजार किया जा रहा है। यह केस न केवल कानूनी रूप से महत्वपूर्ण है, बल्कि इससे पता चलता है कि समृद्ध और प्रसिद्ध परिवार भी न्यायिक प्रक्रिया में जवाबदेह हो सकते हैं। इससे न्यायिक प्रणाली की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर भी रोशनी पड़ती है।

संदेश

यह मामला एक महत्वपूर्ण संदेश देता है कि कानून सबके लिए एक समान होता है, चाहे वे कितने भी प्रभावशाली क्यों ना हों। इसके अंतर्गत, यह देखा जाना बाकी है कि न्यायिक प्रक्रिया में आगे क्या होता है और उच्च न्यायालय इस मामले में किन बिंदुओं पर ध्यान देता है।

Divya B
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Divya B

13 टिप्पणियाँ

Avijeet Das

Avijeet Das

ये सब कहानी तो सुनी है, पर असली सवाल ये है कि जब तक आपके पास दुनिया की सबसे बड़ी नौकरी वाली बात होती है, तब तक आम इंसान का क्या होगा? कानून तो सबके लिए एक जैसा होना चाहिए, चाहे आप 37 अरब रखते हों या 37 हजार।

Sachin Kumar

Sachin Kumar

कर्मचारियों के पासपोर्ट जब्त करना... ये नहीं, ये आधुनिक गुलामी है।

Ramya Dutta

Ramya Dutta

अरे भाई, जब तक आपका घर अमेरिका में है, तब तक आप भारतीय नौकर को अपनी बात मानने के लिए बाध्य कर सकते हैं। बस यही तो सच है।

Ravindra Kumar

Ravindra Kumar

ये तो बस शोर मचा रहे हैं कि 'हम निर्दोष हैं!'... पर अगर आप अपने घर के नौकर के पासपोर्ट जब्त कर रहे हैं, तो आपको अपने आप को निर्दोष क्यों समझ रहे हैं? ये तो बस बड़े बाप का बच्चा है जो अपनी गलती नहीं मानता!

arshdip kaur

arshdip kaur

कानून तो एक अदालत की चादर है, जो धनी के लिए गर्म होती है, गरीब के लिए बर्फ जैसी। और ये हिंदुजा लोग... वो तो बस इसी चादर को अपने लिए फिर से बुन रहे हैं।

khaja mohideen

khaja mohideen

ये सब बातें तो बहुत अच्छी हैं, पर अगर आपके घर में एक आदमी दिन भर काम करता है और उसे उसका वेतन भी नहीं मिलता, तो ये न्याय नहीं, ये अत्याचार है।

Diganta Dutta

Diganta Dutta

अरे यार, ये तो बस एक नए सीज़न का शो शुरू हो गया है - 'मैं बहुत अमीर हूँ और मैं गलत नहीं हूँ!' 😂💸

Meenal Bansal

Meenal Bansal

मुझे लगता है इस दुनिया में जो भी बहुत धनी होता है, उसके पास अपना एक अलग कानून होता है। और जब तक हम इसे नहीं बदलेंगे, तब तक ये सब बस एक नाटक ही रहेगा।

Akash Vijay Kumar

Akash Vijay Kumar

यहाँ तक कि कानून भी, जब तक अंतिम निर्णय नहीं आ जाता, तब तक निर्दोषता बनी रहती है... लेकिन ये निर्दोषता क्या है? क्या ये सिर्फ एक तकनीकी बात है, या वास्तविक नैतिकता?

Dipak Prajapati

Dipak Prajapati

अरे यार, ये तो बस एक बड़े बाप का बच्चा है जिसे लगता है कि वो दुनिया का नियम बना सकता है। अगर आपके घर में नौकर के पासपोर्ट जब्त हैं, तो आपको न्याय की जगह जेल की जगह मिलनी चाहिए।

Mohd Imtiyaz

Mohd Imtiyaz

ये मामला असल में दो चीज़ों के बारे में है: एक तो कानून की शक्ति, दूसरा मानवीय अधिकारों का सम्मान। अगर हम इसमें सिर्फ धन को बड़ा बना दें, तो हम सब खो रहे हैं।

arti patel

arti patel

मुझे लगता है कि ये सब लोग बस ये सोच रहे हैं कि धन से सब कुछ खरीदा जा सकता है। लेकिन सम्मान और न्याय नहीं।

Nikhil Kumar

Nikhil Kumar

इस मामले का असली संदेश ये है कि कोई भी इंसान, चाहे वो कितना भी धनी हो, अपने कर्मों के लिए जवाबदेह होता है। और ये न्याय की शक्ति है।

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