हार्शित राणा की डेब्यू में जोरदार शुरुआत
पुणे में जनवरी 31, 2025 को हुए चौथे T20I मुकाबले में पाकिसतान के सामने भारतीय टीम के लिए एक नया साबित हुआ। यह मुकाबला हार्शित राणा के लिए यादगार रहा, जिन्होंने इस मैच में अपने अंतरराष्ट्रीय करियर का आगाज किया। 23 वर्षीय तेज़ गेंदबाज़ राणा ने शिवम दुबे के कनकशन सब्स्टीट्यूट के रूप में खेल में प्रवेश किया, जब दुबे की हेलमेट पर जैमी ओवर्टॅन की गेंद लगी थी। दुबे को कनकशन प्रोटोकॉल के तहत मैच से बाहर कर दिया गया।
कनकशन सब्स्टीट्यूशन के विवाद
हार्शित राणा की एंट्री ने एक विवाद का जन्म दिया। भारतीय टीम द्वारा इस सब्स्टीट्यूशन को इंग्लैंड की टीम के साथ-साथ क्रिकेट विश्लेषकों के बीच भी बहस छेड़ दी गई। इंग्लैंड के कप्तान जोस बटलर ने नाराजगी दिखाई। विवाद का मुख्य कारण था कि दुबे एक ऑलराउंडर हैं जो माध्यम गति से गेंदबाजी करते हैं, जबकि राणा एक विशेषज्ञ तेज़ गेंदबाज़ हैं। यह बहस जारी रही कि राणा का शामिल होना क्या टीम के लिए असंगत लाभ प्रदान करता है।

राणा का प्रदर्शन और भारत की विजय
विवाद के बावजूद, हार्शित राणा ने अपने खेल से सबको प्रभावित किया। उन्होंने 12वें ओवर में बल्लेबाजी करने आए इंग्लैंड के बल्लेबाजों को धाराशायी कर दिया। राणा की गेंदबाजी ने लियाम लिविंगस्टन और जैकब बिथेल जैसे बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। भारत ने इस मैच को 15 रनों से जीता, जिससे सीरीज में 3-1 की अप्राप्य बढ़त हासिल की। राणा की इस शानदार गेंदबाजी ने भारतीय टीम को एक निर्णायक जीत दिलाई।
हार्शित का दिल-चस्प बयान
मैच के बाद, राणा ने अपने डेब्यू के संबंध में बयान देते हुए कहा कि यह उनके लिए एक सपना पूरा होने जैसा था। "जब दुबे वापस लौटे, तभी मुझे बताया गया कि मैं कनकशन सब्स्टीट्यूट बनूंगा। लम्बे समय से मैं इस मौके का इंतजार कर रहा था। मुझे ज़्यादा सोचने का समय नहीं मिला, बस अपनी टीम के लिए सर्वश्रेष्ठ देना चाहता था। आईपीएल में डेथ ओवर्स में गेंदबाजी का अनुभव मेरे काम आया," उन्होंने कहा।

कनकशन सब्स्टीट्यूशन नियमों का परीक्षण
आईसीसी के कनकशन सब्स्टीट्यूशन नियम स्पष्ट करते हैं कि प्रतिस्थापन को एक जैसे खिलाड़ी के रूप में होना चाहिए जो टीम के लिए अत्यधिक लाभकारी नहीं हो। हालाँकि, अंतिम निर्णय आईसीसी मैच रेफरी का होता है और किसी टीम के पास अपील का अधिकार नहीं होता। राणा का चयन और प्रदर्शन इस विषय को लेकर उठे सवालों को और भड़का दिया है, क्या भारत ने एक तेज़ गेंदबाज़ को ऑलराउंडर के स्थान पर लाकर अनुचित लाभ प्राप्त किया या नहीं?
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