वेलिंगटन टेस्ट में हैरी ब्रुक की शतकीय पारी ने इंग्लैंड को दिलाई बढ़त
वेलिंगटन के बेसिन रिजर्व मैदान पर दूसरे टेस्ट के पहले दिन इंग्लैंड के हैरी ब्रुक ने अपनी लाजवाब बल्लेबाजी से एक खास मुकाम हासिल किया। इंग्लैंड की शुरुआत लड़खड़ाती हुई रही जब पहले ही दिन के 13 ओवरों में उनके चार खिलाड़ी पैविलियन लौट गए। लेकिन ब्रुक ने 91 गेंदों में शानदार 123 रन बनाकर अपनी टीम को मुश्किल से उबार लिया। उन्होंने उप-कप्तान ओली पोप के साथ 174 रन की साझेदारी की जिसने इंग्लैंड को प्रतिस्पर्धी स्कोर तक पहुँचाया। ओली पोप ने भी 66 रन बनाए और दोनों की पारी से इंग्लैंड 280 रन बनाकर ऑल आउट हुई।
ब्रुक और पोप की साझेदारी ने बदल दिया मैच का रुख
इंग्लैंड की पारी संवारने में हैरी ब्रुक की भूमिका खास रही जो पिछले टेस्ट में भी अपने प्रदर्शन के कारण चर्चा में थे। उन्होंने पहले टेस्ट में 171 रन बनाए थे और यहाँ पर अपने आठवें टेस्ट शतक को पूरा किया। उनकी इस पारी की बदौलत इंग्लैंड ने न्यूज़ीलैंड द्वारा पेश की गई कठिन चुनौती का शानदार जवाब देते हुए स्थिति को अपनी ओर खींचा।
इंग्लैंड के गेंदबाजों ने दिखाई तेहराई
न्यूज़ीलैंड की पारी की शुरुआत भी ठीक नहीं रही। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने क्रमबद्ध रूप से विकेट लेकर उन्हें दबाव में डाल दिया। डेवन कॉनवे और टॉम लैथम को सस्ते में आउट कर गस एटकिन्सन और बेन स्टोक्स ने मेहमान टीम की स्थिति को मजबूत किया। वहीं, क्रिस वोक्स और ब्रायडन कार्से ने महत्वपूर्ण विकेट लेकर न्यूज़ीलैंड को निराश किया।
कार्से ने की शानदार गेंदबाजी
ब्रायडन कार्से ने अपनी गेंदबाजी से दर्शकों का ध्यान खींचा जब उन्होंने केन विलियमसन और डेरिल मिशेल के महत्वपूर्ण विकेट लेकर अपनी टीम को बढ़त दिलाई। विलियमसन ने 37 रन बनाए, लेकिन कार्से का फॉर्म उनसे ले पैदा हुआ। अंत में न्यूज़ीलैंड की टीम 86-5 के स्कोर पर सिमट कर रह गई।
समय-सीमाओं और तकनीक का मेल
मैच के पहले दिन की समाप्ति पर इंग्लैंड का पलड़ा भारी रहा क्योंकि उन्होंने एक कठिन सतह पर न्यूज़ीलैंड की पारी को तहस-नहस कर दिया। इंग्लैंड के गेंदबाजों ने समझदारी और संयम के साथ खेलते हुए अपनी टीम को सर्वोच्च स्थिति में पहुँचाया, जिससे उनके लिए श्रंखला में बढ़त हासिल करने का अवसर बना है।
इस मुकाबले में टीम के बीच की प्रतिस्पर्धा और बल्लेबाजों की चारित्रिक बारीकियों ने क्रिकेट प्रेमियों के लिए एक यादगार दिन बनाया। क्रिकेट के इस खेल में खिलाड़ियों के कौशल और रणनीतियों का अद्भुत संगम देखने को मिला। क्रिकेट प्रेमी आगे की पारी में भी ऐसा ही रोमांचक प्रदर्शन देखने की उम्मीद करेंगे।
10 टिप्पणियाँ
Arjun Sharma
वाह भाई, हैरी ब्रुक ने तो बेमिसाल शतक मार दिया! 123 रन की पारी में 91 बॉल्स पर ऐसा फॉर्म देखना बड़ा ही मज़ेदार रहा। इंग्लैंड की टीम को बिन स्ट्रैटेजी के बिलकुल ही टूटने से बचा लिया उसने। बॉलर्स ने तो ब्रुक को टारगेट ही नहीं कर पाया, सारा बल्ला बाउंस पर ही कुछ किक मार गया। क्या कहूँ, यह पिच डीसी में भी किलर पिच नहीं थी लेकिन ब्रुक ने अपना जादू चलाया। इस जॉर्नी में अब इस शतक को याद रखेंगे सभी क्रिकेट फैन।
Sanjit Mondal
सही कहा, ब्रुक की पारी ने इंग्लैंड को नई ऊर्जा दी। यह दिखाता है कि दबाव में भी खिलाड़ी अपना सर्वश्रेष्ठ दे सकते हैं 😊। इसके साथ ही ओली पोप की 66 रन की साझेदारी भी टीम के लिए काफी महत्वपूर्ण रही। दोनों ने मिलकर स्कोर को 280 तक बढ़ाया, जो कि न्यूज़ीलैंड के खिलाफ एक नियंत्रण वाला टोटल था। इस दर्शा देता है कि टॉप ऑर्डर में स्थिरता कैसे जीत की दिशा तय करती है।
Ajit Navraj Hans
ब्रुक की बैटिंग को क्या कहें, ये तो बस एक साधारण सी पारी नहीं थी बल्कि सीरीयसली अवेलेबल एटिक टॉप पर है। 123 रन और 91 बॉल्स में तो बॉलर्स की भी काबिलिएत टेस्ट में सवाल उठाता है। इस तरह की पारी नहीं देखी गई पहले, बॉलर को भी खुद को रीस्पेक्ट करना पड़ेगा। वाकई में हमें ऐसे ज़िम्मेदार खिलाड़ी चाहिए जो टीम को आशा दे सके।
arjun jowo
ब्रुक की पारी तो सही है, पर ये भी देखना ज़रूरी है कि इंग्लैंड ने बॉलर्स को कैसे सेंटर किया। कॉनवे और लैथम की शुरुआती ओवर्स में निराशाजनक फॉल्ट दिखी, जिससे न्यूज़ीलैंड को भरोसा मिला। अगर बॉलर लाइनअप में थोड़ी और स्ट्रेटेजी होती तो स्कोर और दबाव दोनों पर असर पड़ता।
Rajan Jayswal
वाकई शानदार पारी, ब्रुक ने टीम को सही दिशा दी।
Simi Joseph
आरामदायक पिच, बस बोरिंग एक्स्पर्ट केस।
Vaneesha Krishnan
ब्रुक की शतक वाली पारी को देख कर तो दिल खुशी से धड़कने लगा 💥! ऐसे खिलाड़ी टीम की जीत की नींव रखते हैं। यह मैच अब तक के सबसे रोमांचक पलों में से एक है। साथ ही, न्यूज़ीलैंड की बॉलिंग लाइनअप ने भी कुछ अच्छा किया, पर इंग्लैंड ने सबको पीछे छोड़ दिया। इस जीत से इंग्लैंड के आगे के टेस्ट में भी आत्मविश्वास बढ़ेगा। 🎉
Satya Pal
ब्रुक गीड़ी के धाकड़ ज्वाल बव्ढी, लेकिन न्यूज़ीलैंड बब्बी भी क्यट नहीं थे। थेट शोट कॅम्प्लीटली वड बोवर्ड तो फिर मुल्य बंधा। अइसे शँपळ्स सॉफ्टवेरस नीगॅस है।
Partho Roy
हैरी ब्रुक की शतक वाली पारी को देख कर मन में कई भाव जाग उठते हैं। सबसे पहले तो यह समझ आता है कि किस तरह एक सामंजस्यपूर्ण साझेदारी टीम को नई दिशा दे सकती है। बॉलर्स को लगातार घेरते रहना और बल्लेबाज़ी को निरंतर दबाव में रखना जीत की कुंजी है। उस दिन पोप और ब्रुक की साझेदारी ने इस विषय पर एक स्पष्ट उदाहरण प्रस्तुत किया। ऐसे पलों में खिलाड़ियों का मानसिक सामर्थ्य भी उतना ही महत्वपूर्ण हो जाता है। लाइन‑अप में हंगामे से बचने के लिये हर खिलाड़ी को अपनी भूमिका पूरी तरह समझनी चाहिए। इंग्लैंड की टीम ने इस बात को बखूबी दिखाया कि कठिन परिस्थितियों में भी वे कितनी सुदृढ़ हो सकते हैं। न्यूज़ीलैंड के बॉलर्स ने भी कुछ शानदार गेंदें रुके लेकिन अंत में उनका प्रयास पर्याप्त नहीं रहा। इस मैच के बाद इंग्लैंड की टीम को आगे बढ़ते हुए अपने फॉर्म को कायम रखना चाहिए। बॉलिंग यूनिट को विशेष रूप से नई रणनीति अपनानी चाहिए ताकि वे और प्रभावी हो सकें। ब्रुक का फॉर्म अभी भी उच्चतम स्तर पर है और वह आने वाले मैचों में भी इसी तरह चमकता रहेगा। अंत में, क्रिकेट सिर्फ एक खेल नहीं है, यह एक विज्ञान है और इस विज्ञान के हर पहलू को समझना जरूरी है। इस पारी ने सभी को यह याद दिलाया कि हर विकेट, हर रन महत्वपूर्ण होता है। इसलिए अगली पारी में भी हमें इसी तरह के उत्साह और दृढ़ता की आशा रखनी चाहिए।
Ahmad Dala
ब्रुक का शतक तो कमाल का था, लेकिन न्यूज़ीलैंड की गेंदबाज़ी ने थोड़ी क्रीएटिविटी दिखायी। वैसे भी जीत में थोड़ा सा रंगीन अंदाज़ होना चाहिए, नहीं तो खेल में रोमांच नहीं रहता।