जॉर्ज कुरियन: एक निष्ठावान नेता
केरल के राजनीति में जॉर्ज कुरियन का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है। वह भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के एक वरिष्ठ और अनुभवी नेता हैं, जिन्होंने अपने करियर के विभिन्न दौर में पार्टी की सेवा की है। कुरियन ने 1980 के दशक में भारतीय जनता युवा मोर्चा (बीजेपी) के साथ अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी। तब से, वे पार्टी के साथ मजबूती से जुड़े हुए हैं और उनकी राजनीतिक यात्रा को बहुत संघर्षपूर्ण माना गया है।
अल्पसंख्यक समुदायों के लिए प्रयास
बीजेपी ने हमेशा से ही केरल में अपना आधार मजबूत करने के प्रयास किए हैं, लेकिन यह एक चुनौतीपूर्ण कार्य रहा है। कुरियन ने विशेष रूप से अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर ईसाई समुदाय, के बीच पार्टी की पैठ बढ़ाने के लिए कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। उनका मानना है कि सभी समुदायों को समान अवसर मुहैया कराना ही पार्टी की असली पहचान है।
नैशनल कमीशन फॉर माइनॉरिटीज
कुरियन की राजनीतिक यात्रा में एक महत्वपूर्ण पड़ाव तब आया जब उन्हें नैशनल कमीशन फॉर माइनॉरिटीज का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पद पर रहते हुए, उन्होंने अल्पसंख्यक समुदाय की समस्याओं को सुनने और उनके समाधान के लिए ठोस प्रयास किए। उनकी विशेष दक्षता और कार्यशैली ने उन्हें इस महत्वपूर्ण पद के लिए उत्तम उम्मीदवार बनाया।
केरल बीजेपी में प्रमुख पद
कुरियन ने केरल बीजेपी के कई महत्वपूर्ण पदों पर काम किया है। वह बीजेपी के महासचिव के पद पर भी कष्टभोगी रहे हैं। उनकी कार्यशैली और पार्टी के प्रति उनकी निष्ठा ने उन्हें अन्य नेताओं के बीच एक प्रमुख स्थान दिलाया है।
विशेष कर्तव्य अधिकारी
वह विशेष कर्तव्य अधिकारी (OSD) के पद पर भी रहे थे जब ओ. राजगोपाल, एक वरिष्ठ बीजेपी नेता, अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में केंद्रीय मंत्री थे। इस भूमिका में उनका कार्यकाल कठिनाईयों और चुनौतियों से भरा रहा, लेकिन उन्होंने इसे सफलतापूर्वक निभाया।
चुनावों में भागीदारी
2016 के विधानसभा चुनावों में, कुरियन ने पुठुपल्ली से चुनाव लड़ा था जो कि कांग्रेस का गढ़ माना जाता है। उनके चुनावी प्रदर्शन को सराहा गया, हालांकि वे कांग्रेस और CPI(M) उम्मीदवारों के पीछे तीसरे स्थान पर रहे। उनके चुनावी अभियान ने यह स्पष्ट किया कि वे कितने मेहनती और समर्पित नेता हैं।
थ्रिसुर की सफलता
हाल के चुनावों में बीजेपी की थ्रिसुर में सफलता को भी कुरियन के समर्पण और नेतृत्व का परिणाम माना जा रहा है। यह कदम पार्टी द्वारा अल्पसंख्यक समुदाय, विशेषकर ईसाई समुदाय, के समर्थन को मान्यता देने के रूप में देखा जा रहा है।
केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होने की तैयारी
अब जॉर्ज कुरियन को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल करने की चर्चा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उनकी यह भूमिका न केवल उनके लिए बल्कि बीजेपी के लिए भी एक महत्वपूर्ण कदम होगी। यह नियुक्ति पार्टी की 2026 के विधानसभा चुनावों की तैयारी का हिस्सा भी मानी जा रही है।
कुल मिलाकर, जॉर्ज कुरियन का केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल होना पार्टी और प्रदेश दोनों के लिए एक सकारात्मक संकेत होगा। उनके अनुभव और निष्ठा को देखते हुए, यह कहना गलत नहीं होगा कि वे इस भूमिका के लिए पूरी तरह से योग्य हैं।
एक टिप्पणी लिखें