रेबेका चेप्टेगी: एक महान धावक का अंतिम दुखद अध्याय
उगांडा की ओलंपिक धावक रेबेका चेप्टेगी के निधन की खबर ने खेल जगत को स्तब्ध कर दिया है। यह दुखद घटना केन्या के ट्रांस नज़ोइया में घटित हुई, जहां रेबेका और उनके बॉयफ्रेंड डिक्सन न्डीमा के बीच जमीन के विवाद को लेकर तकरार हुई। तकरार इस कदर बढ़ गई कि न्डीमा ने पेट्रोल डालकर रेबेका को आग के हवाले कर दिया।
रेबेका को गंभीर अवस्था में एल्डोरेट के मोई टीचिंग एंड रिफरल हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने अंतिम सांस ली। अस्पताल के डॉक्टरों के अनुसार रेबेका 80 प्रतिशत तक जल चुकी थीं, और उनकी हालत बेहद नाजुक थी।
रेबेका की ओलंपिक यात्रा
रेबेका चेप्टेगी ने उगांडा के लिए 2024 पैरिस ओलंपिक में हिस्सा लिया था, जहां उन्होंने मैराथन में 44वां स्थान प्राप्त किया था। यह उनकी पहली ओलंपिक दौड़ थी और इसे हासिल करने के लिए उन्होंने अबू धाबी मैराथन में 2:22:47s का व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ समय दर्ज किया था।
उनकी एथलेटिक यात्रा 2010 में शुरू हुई थी, जहां वे शुरू में मिडल-डिस्टेंस दौड़ में भाग लिया करती थीं। इस यात्रा में कई बड़े मील के पत्थर छुने के बाद, उन्होंने लम्बी दूरी की दौड़ों में भाग लेना शुरू किया और 2022 में इटली के पदोवा मैराथन में 2:31:21s का समय निकालकर जीत हासिल की।
घरेलू हिंसा का शिकार और न्याय की मांग
उगांडा एथलेटिक्स फेडरेशन ने रेबेका के निधन पर गहरा शोक प्रकट किया और इस हिंसा की कड़ी निंदा की। फेडरेशन ने इस घटना को घरेलू हिंसा का जघन्य उदाहरण बताया और दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा देने की मांग की। यह घटना न केवल एक एथलीट की मृत्यु है, बल्कि यह समाज में महिलाओं के प्रति बढ़ती हिंसा की भी पहचान कराती है।
जमीन विवाद का कारण
रेबेका और न्डीमा के बीच का विवाद एक जमीन मामले को लेकर था जिसे रेबेका ने अपने प्रशिक्षण केंद्र के पास खरीदा था। जब स्थानीय प्रमुख ने रिपोर्ट दर्ज की, तो उन्होंने बताया कि विवाद के दौरान दोनों के बीच जोरदार बहस हुई थी।
गौरतलब है कि न्डीमा भी इस घटना में जख्मी हुए थे और वही अस्पताल में इलाज करा रहे थे। पुलिस कमांडर जेरमियाह ओले कोसिओम ने इस घटना के सभी मामले को गंभीरता से लेते हुए कार्रवाई का भरोसा दिलाया है।
खिलाड़ियों का जीवन कठिन प्रशिक्षण और समर्पण की कहानी होती है। रेबेका चेप्टेगी का इस तरह का अंत न केवल उगांडा बल्कि पूरे खेल समुदाय के लिए एक बड़ी क्षति है। यह घटना हमें याद दिलाती है कि समाज में महिलाओं की सुरक्षा और उन्हें न्याय दिलाने के लिए हमें सतर्क रहना चाहिए।
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