अगर आप तेलंगाना के स्कूलों में हो रही हर छोटी‑बड़ी बात जानना चाहते हैं, तो आप सही जगह पर आए हैं। यहाँ हम सत्र की शुरुआत से लेकर बोर्ड परीक्षा, सरकारी नीतियों, नए सत्र के स्कीम और स्थानीय समाचारों तक सब कुछ सरल भाषा में पेश करेंगे। सिर्फ़ एक क्लिक पर आपको वह सब मिलेगा जो आपके या आपके बच्चे के लिए सबसे ज़्यादा जरूरी है।
तेलंगाना सरकार ने हाल ही में कई स्कूल सुधार कार्यक्रम लॉन्च किए हैं। सबसे बड़ा कदम ‘डिजिटल कक्षा’ योजना है, जिसमें हर सरकारी स्कूल को इंटरनेट कनेक्शन और टैबलेट मिलेंगे। इससे छात्रों को ऑनलाइन पाठ्य सामग्री आसानी से मिलेगी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी पढ़ाई का स्तर बढ़ेगा। साथ ही, शिक्षकों को नई तकनीकी ट्रेनिंग दी जाएगी ताकि वे डिजिटल टूल्स का सही उपयोग कर सकें।
एक और अहम अपडेट है ‘शिक्षा संरक्षण ब्यूरो’ की स्थापना। इस बॉडी का काम स्कूलों में छात्र-छात्राओं की सुरक्षा और सुविधाओं की निगरानी करना है। अगर किसी स्कूल में बुनियादी ढांचे की कमी या असुरक्षित माहौल हो, तो यह ब्यूरो तुरंत कदम उठाएगा।
पिछले महीने तेलंगाना बोर्ड ने 10वीं और 12वीं के परिणाम जारी किए। कुल मिलाकर पास रेट 82 % रहा, जो पिछले साल से बेहतर है। खास बात यह है कि ग्रामीण स्कूलों के छात्रों के पास होने का प्रतिशत भी बढ़ा। अगर आप अपने बच्चे के परिणाम देखना चाहते हैं, तो आधिकारिक बोर्ड वेबसाइट पर लॉगिन करके रॉल नंबर डालें, बस इतना ही।
आगामी शैक्षणिक सत्र की एडमिशन प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। अब ऑनलाइन पोर्टल के ज़रिए आप आसानी से आवेदन कर सकते हैं। याद रखें, फॉर्म भरते समय सभी दस्तावेज़ साफ़‑सुथरे स्कैन करके अपलोड करना ज़रूरी है, नहीं तो आपका एप्लिकेशन रद्द हो सकता है।
इस टैग पेज पर आप न केवल ये प्रमुख समाचार पाएँगे, बल्कि स्कूलों की नयी योजनाओं, परीक्षा टिप्स और स्थानीय कार्यक्रमों की भी जानकारी मिलेगी। यदि आप शिक्षक हैं, तो यहाँ से ट्रेनिंग ड्रॉप‑डाउन लिस्ट और वर्कशॉप की डिटेल भी ले सकते हैं। छात्र और अभिभावक दोनों के लिए यह जगह एक ही जगह पर सब कुछ लाती है।
तो, चाहे आप तेलंगाना के किसी छोटे गांव के स्कूल में पढ़ रहे हों या बड़े शहर में, इस पेज को हर दिन चेक करना न भूलें। यहाँ मिलती है सच्ची, भरोसेमंद और ताजा खबर, जिससे आप अपने शैक्षणिक फैसलों को सही दिशा दे सकते हैं।
कर्नाटक और तेलंगाना में 2025 में दशहरा अवकाश 24 सितंबर से 5 अक्टूबर तक रहेगा। कुछ जिलों में साप्ताहिक छुट्टियों और स्थानीय त्योहारों के साथ यह 12 से 17 दिन तक खिंच सकता है। अवकाश अवधि में नवरात्र, दुर्गा पूजा, महासप्तमी और महाअष्टमी शामिल हैं। स्कूलों ने सांस्कृतिक भागीदारी को ध्यान में रखकर कैलेंडर समायोजित किया है।
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