केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने छोटे खुदरा व्यापारियों को दी आश्वासन
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने हाल ही में हो रहे एक सम्मलेन में छोटे खुदरा व्यापारियों को आश्वासन दिया कि सरकार उनकी सुरक्षा और विकास के लिए प्रतिबद्ध है। गोयल ने कहा कि सरकार का उद्देश्य सभी व्यापारियों के लिए एक निष्पक्ष और प्रतिस्पर्धात्मक कारोबारी माहौल तैयार करना है, जहां सभी को समान अवसर मिल सकें।
ई-कॉमर्स के बढ़ते प्रभावों पर विशेषज्ञ दृष्टि
भारत में ई-कॉमर्स का प्रभाव तेजी से बढ़ रहा है। इसने बड़े और छोटे व्यापारियों दोनों पर अच्छा खासा असर डाला है। जहां बड़े प्लेटफार्म जैसे Amazon और Flipkart ग्राहकों को सुविधाएँ उपलब्ध करा रहे हैं, वहीं छोटे व्यापारी उनके दबदबे से चिंतित हैं। उनका मानना है कि इन बड़े ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों की मनमानी नीतियों के चलते उन्हें कारोबार में नुकसान उठाना पड़ रहा है।
गोयल ने इस स्थिति पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि सरकार विदेशी निवेश और ई-कॉमर्स के विकास का स्वागत करती है, लेकिन इसके साथ ही वह छोट व्यापारियों की सुरक्षा की दिशा में भी काम कर रही है ताकि उन्हें किसी प्रकार का अनुचित नुकसान ना हो।
भारतीय अर्थव्यवस्था में छोटे व्यापारियों का योगदान
छोटे व्यापारियों का भारतीय अर्थव्यवस्था में बहुत अहम योगदान है। यह न केवल रोजगार प्रदान करते हैं, बल्कि देश की जीडीपी में भी महत्वपूर्ण भागीदार होते हैं। गोयल ने अपने बयान में इस तथ्य को रेखांकित किया कि छोटे व्यापारी देश की आर्थिक गतिविधियों का आधार हैं और इनके बिना एक सशक्त और संतुलित अर्थव्यवस्था की कल्पना भी नहीं की जा सकती।
नीतियों के माध्यम से डिजिटल समावेशन
सरकार छोटे व्यापारियों को डिजिटल तकनीकों के माध्यम से समावेशित करने के प्रयास में जुटी है ताकि वे बड़ी ई-कॉमर्स कंपनियों के साथ सक्षम प्रतिस्पर्धा कर सकें। गोयल ने कहा कि सरकार विभिन्न नीतियों और योजनाओं पर काम कर रही है, जिससे छोटे व्यापारी ऑनलाइन प्लेटफार्मों पर अपनी जगह बना सकें और अपनी बिक्री बढ़ा सकें।
इसके लिए सरकार विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण कार्यक्रम और तकनीकी सहायता प्रदान कर रही है ताकि हर व्यापारी डिजिटल युग में अपने कारोबार को बढ़ा सके।
भारतीय कानूनों के अनुरूप काम करने की जरूरत
गोयल ने यह भी स्पष्ट किया कि सभी ई-कॉमर्स प्लेटफार्मों को भारतीय कानूनों और नियमों के अनुसार ही काम करना होगा। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि सभी हितधारकों के लिए एक समान अवसर प्रदान किया जाए और वे एक समान स्थिति में प्रतिस्पर्धा कर सकें।
ई-कॉमर्स नीति का भविष्य
भारत में ई-कॉमर्स का भविष्य उज्जवल है, लेकिन इसे संतुलित और निष्पक्ष बनाने के लिए सरकार लगातार काम कर रही है। नए नियम और नीतियों के माध्यम से सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि छोटे व्यापारी और बड़ा उद्योग दोनों ही इस प्रणाली से लाभान्वित हो सकें।
सरकार का समर्थन और व्यापारी समुदाय
छोटे व्यापारियों के लिए सरकार का समर्थन और सहानुभूति उनके हौसले और व्यापार को बढ़ावा देने के लिए आवश्यक हैं। गोयल के इस बयान से यह स्पष्ट हो जाता है कि सरकार छोटे व्यापारियों को समर्पित है और उनकी समस्याओं को सुनने और सुलझाने के लिए तत्पर है।
आने वाले समय में, यह नीतियाँ और समर्थन छोटे व्यापारियों को एक नई दिशा प्रदान कर सकेंगी और उन्हें एक नए और सशक्त कारोबारी माहौल में स्थापित कर सकेंगी।
इस प्रकार, छोटे खुदरा व्यापारियों के लिए यह समय अवसरों से भरा है, और सरकार इसके लिए सभी आवश्यक कदम उठा रही है।
13 टिप्पणियाँ
Narayan TT
सरकार की नीति शाब्दिक रूप से बौद्धिक आधिक्य को निरस्त करती है।
SONALI RAGHBOTRA
निश्चय ही यह कदम छोटे खुदरा व्यापारियों के लिए आशा की किरण है। हम सबको मिलकर इस परिवर्तन को सुदृढ़ करना चाहिए। सरकार की पहल का समर्थन करते हुए, हमें डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा देना होगा। साथ ही, छोटे उद्योगों को प्रशिक्षण कार्यक्रमों से सशक्त बनाना आवश्यक है।
sourabh kumar
ये खबर सुनके बड़ी खुशी हुई भाई लोगों को अब थोड़ा राहत मिलेगी। छोटे व्यापारी भी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पे अपनी जगह बना सकते हैं।
khajan singh
इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी इकोसिस्टम में एन्कैप्सुलेटेड एप्रोच अपनाने से स्केलेबिलिटी बढ़ेगी 😊। इस पहल में एंड-टू-एंड इंटीग्रेशन का महत्व समझना चाहिए।
Dharmendra Pal
सरकार ने छोटे व्यापारियों के डिजिटल प्रवेश को साकार किया है। इससे रोजगार के अवसर बढ़ेंगे।
Balaji Venkatraman
डिजिटल साक्षरता बिना नैतिक दिशा के अधूरी है। हमें पारदर्शिता और ईमानदारी को भी प्राथमिकता देनी चाहिए।
Tushar Kumbhare
चलो, सब मिलकर इस नई नीति को अपनाते हैं 🚀! छोटे व्यापारी अब घबराते नहीं, बल्कि खुद को अपडेट करने में जुटें। प्रशिक्षण वर्कशॉप्स में भाग लेना फायदेमंद रहेगा।
Arvind Singh
हा हा, अब सबको ऑनलाइन आना पड़ेगा और आप भी वहीँ फँस जाएंगे। बड़ी कंपनियां तो अभी भी जुगाड़ में हैं, छोटे व्यापारियों को क्या भरोसा?
Vidyut Bhasin
सवाल यह नहीं कि बड़े प्लैटफ़ॉर्म कब आएंगे, बल्कि यह कि छोटे खुदरा के अस्तित्व का क्या अर्थ है। अगर हमें वहीँ रहना है जहाँ शासक नहीं, तो हमें अपनी ही दिशा बनानी होगी। यही असली प्रतिस्पर्धा की जड़ है।
nihal bagwan
देश की ऐसी नीति जिसे विदेशी निवेश के नाम पर छोटे उद्यमी दबाव में आएँ, वह राष्ट्रीय हित के खिलाफ है। हमें इस दिशा में सख्त कदम उठाना चाहिए और अपनी अर्थव्यवस्था को बचाना चाहिए।
Arjun Sharma
भाई एन्हांसमेंट पे जाओ, मोबाइल फ्रेंडली UI बनाओ, फिर देखो ट्रैफिक बूस्ट होगा। इंटीग्रेटेड सॉल्यूशन डिप्लॉय करो, विथ स्मूथ एपीआई इंटेरैक्शन।
Sanjit Mondal
सरकार द्वारा प्रस्तावित ई-कॉमर्स नीति का विस्तृत विश्लेषण करने पर स्पष्ट हो जाता है कि कई प्रमुख बिंदु छोटे खुदरा व्यापारियों के समर्थन में रखे गए हैं। पहला, नीति में डिजिटल साक्षरता कार्यक्रमों को बढ़ावा देने का स्पष्ट उल्लेख है, जिससे व्यापारी ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर अपनी उपस्थिति स्थापित कर सकेंगे। दूसरा, प्रशिक्षण और कौशल विकास के लिए नियोजित workshops और webinars वास्तव में व्यावहारिक उपयोगिता प्रदान करेंगे। तृतीय, वित्तीय सहायता के तौर पर MSME को आसान कर्ज उपलब्ध कराने की योजना छोटे व्यापारियों को विस्तार के लिए आवश्यक पूंजी प्रदान करेगी। चौथा, नियमन में स्पष्टता लाने के लिए सभी ई-कॉमर्स प्लेटफ़ॉर्म को भारतीय कानूनों के अनुपालन में कार्य करने की बाध्यता निर्धारित की गई है। यह कदम बाजार में समान प्रतिस्पर्धा सुनिश्चित करेगा। इसके अलावा, डेटा सुरक्षा और ग्राहक संरक्षण के प्रावधानों को सुदृढ़ किया गया है, जिससे उपभोक्ता विश्वास बढ़ेगा और छोटे व्यापारियों को भी लाभ होगा। नीति में नॉन-टैक्स बंधी सुविधाओं जैसे कि GST रजिस्ट्रेशन में सरलीकरण भी उल्लेखित है, जो कर अनुपालन को आसान बनाता है। डिजिटल भुगतान प्रणाली में सुधार के लिए UPI और वॉलेट इंटीग्रेशन को प्रोत्साहित किया गया है, जिससे लेन‑देनों की गति बढ़ेगी। साथ ही, लॉजिस्टिक्स इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करने के लिए सुविधाएँ प्रदान की जाएँगी, जिससे ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में भी वस्तुओं की डिलीवरी तेज़ होगी। यह सब छोटे व्यापारियों को बड़े ई-कॉमर्स खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा करने में सक्षम बनाता है। इसके अतिरिक्त, नीति में ग्रासरूट स्तर पर उद्यमी शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय‑उद्यमिता केंद्र स्थापित करने का प्रस्ताव है। इस पहल से नवाचार और स्टार्ट‑अप संस्कृति को प्रोत्साहन मिलेगा। अंत में, नीति के कार्यान्वयन में निरंतर निगरानी और फीडबैक तंत्र को शामिल किया गया है, जिससे आवश्यक सुधार समय पर किए जा सकेंगे। कुल मिलाकर, यह नीति न केवल छोटे खुदरा व्यापारियों को सशक्त बनाती है, बल्कि भारत की समग्र आर्थिक वृद्धि में भी सकारात्मक योगदान देगी। 😊
Ajit Navraj Hans
बहुत बढ़िया बात है देखो ये नीति अपलोड हुई है, पर असली प्रैक्टिस में क्या बदलता है देखना है।