मुहर्रम के उपलक्ष्य में शेयर बाजार बंद
मुहर्रम के उपलक्ष्य में 17 जुलाई, 2024 को भारत के प्रमुख घरेलू इक्विटी बाजारों, बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) में कोई ट्रेडिंग नहीं होगी। यह बंद हर साल मुहर्रम के मौके पर होता है, जो इस्लामी कैलेंडर का पहला महीना होता है। घरेलू इक्विटी बाजारों में इस बंद का असर सभी सेगमेंट्स पर पड़ेगा, जिसमें इक्विटीज, डेरिवेटिव्स, सिक्योरिटीज लेंडिंग और बॉरोइंग (एसएलबी), और करेंसी डेरिवेटिव्स शामिल हैं।
सभी सेगमेंट्स पर पड़ेगा असर
इस बंदी के दौरान सभी सेगमेंट्स, जैसे कि इक्विटीज, डेरिवेटिव्स, सिक्योरिटीज लेंडिंग एंड बॉरोइंग (एसएलबी), और करेंसी डेरिवेटिव्स प्रभावित होंगे। ट्रेडिंग सभी इन सेगमेंट्स को शामिल करती है और निवेशकों के लिए यह मौका होता है कि वे अपने पोर्टफोलियो को मैनेज कर सकें। लेकिन, मुहर्रम के मौके पर यह सुविधाएं उपलब्ध नहीं होंगी। ट्रेडिंग में रुचि रखने वाले निवेशकों को ध्यान देना होगा कि 18 जुलाई को सुबह 9:15 बजे से ट्रेडिंग फिर से शुरू होगी। उससे पहले 15 मिनट का प्री-ओपनिंग सेशन सुबह 9:00 बजे से होगा।
एमसीएक्स में भी प्रभावित होगी ट्रेडिंग
एमसीएक्स (मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज ऑफ इंडिया लिमिटेड) में भी ट्रेडिंग पर प्रभाव पड़ेगा। हालांकि, महत्वपूर्ण बात यह है कि यहां सुबह के सत्र में ट्रेडिंग बंद रहेगी, लेकिन शाम के सत्र में यह फिर से 5:00 बजे से 11:30/11:55 बजे तक चालू हो जाएगी। इससे कमोडिटी ट्रेडर्स को राहत मिलेगी, जो शाम के समय ट्रेडिंग करते हैं।
अगले स्टॉक मार्केट हॉलिडेज
2024 में शेयर बाजार के कुछ महत्वपूर्ण हॉलिडेज हैं, जिनमें स्वतंत्रता दिवस 15 अगस्त, महात्मा गांधी जयन्ती 2 अक्टूबर, दिवाली प्रतिपदा 1 नवम्बर, गुरुनानक जयंती 15 नवम्बर और क्रिसमस 25 दिसम्बर शामिल हैं। यह सारे दिन ट्रेडिंग के लिए बंद होंगे, और निवेशकों को अपने वित्तीय गतिविधियों की योजना बनाते समय इन हॉलिडेज को ध्यान में रखना चाहिए।
बैंकों की विभिन्न शाखाओं का हाल
मुहर्रम के मौके पर कुछ शहरों में बैंक भी बंद रहेंगे। बैंकों की शाखाएं अहमदाबाद, भुवनेश्वर, चंडीगढ़, देहरादून, गंगटोक, गुवाहाटी, इम्फाल, ईटानगर, कोच्चि, कोहिमा, पणजी और तिरुवनंतपुरम में खुली रहेंगी, लेकिन मुम्बई, नई दिल्ली, बेंगलुरु, चेन्नई, कोलकाता, हैदराबाद, जयपुर, जम्मू, श्रीनगर, शिमला, नागपुर, लखनऊ, कानपुर, पटना, रांची, भोपाल, शिलांग और अगरतला में बंद रहेंगी। इसके कारण नागरिकों और व्यापारियों को उन शहरों में अपने बैंकिंग कार्यों की योजना बनाते समय अतिरिक्त ध्यान देना होगा।
बाजार बंद का प्रभाव
मुहर्रम पर बाजार बंद का सीधा असर निवेशकों और व्यापारियों पर पड़ता है। उन्हें अपने निवेश और ट्रेडिंग प्लांस को पुनः व्यवस्थित करना पड़ता है। बंद के दिन बाज़ारों में कोई गतिविधि न होने से आर्थिक सक्रियता पर भी प्रभाव पड़ता है। लेकिन, त्योहारों का महत्व और धार्मिक परंपराओं का पालन करना हमारी सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है जिसे सम्मान देना चाहिए।
बाजार बंद के बावजूद निवेशकों के लिए यह एक अच्छा मौका होता है कि वे अपने निवेश को रिस्ट्रक्चर करें और भविष्य के प्लांस पर ध्यान केंद्रित करें। उन्हें यह भी पता चलता है कि शेड्यूल में होने वाले इन छुट्टियों को कैसे प्लान किया जाए ताकि उनके निवेश लाभदायक साबित हों।
20 टिप्पणियाँ
One Love
ये बंदी तो हर साल होती है फिर भी कोई नोटिफिकेशन नहीं मिलता 😅 अब तो अपने कैलेंडर में लाल से घेर देना चाहिए!
Vaishali Bhatnagar
मुहर्रम पर बाजार बंद होना बिल्कुल सही है ये तो हमारी सांस्कृतिक विविधता का हिस्सा है
Abhimanyu Prabhavalkar
अरे भाई ये बंदी तो बस एक दिन के लिए है और तुम लोग इतना बड़ा अर्थ निकाल रहे हो कि लगता है कोई अपोकैलिप्स हो रहा है
RANJEET KUMAR
हर धर्म का अपना त्योहार होता है और बाजार बंद होना उसका सम्मान है 🙏 ये नहीं कि बाजार खुले तो लाभ होगा
Dipen Patel
मुहर्रम पर बंद होना बहुत अच्छी बात है इससे हम सबको एक दिन के लिए रुकने का मौका मिलता है 🌸
Sathish Kumar
जब तक दिल बंद नहीं होता तब तक बाजार बंद होना भी कोई बड़ी बात नहीं
Mansi Mehta
क्या ये सब बंदी असल में बाजार के लिए बहुत बड़ी बात है या बस एक बड़ा झूठ है जिसे हम सब बड़ा बना रहे हैं
Bharat Singh
बंद हो रहा है तो बंद हो जाए बस और कुछ नहीं चाहिए 😎
Disha Gulati
ये सब बंदी असल में बाजार को नियंत्रित करने का एक तरीका है लोगों को बेकार बैठने पर मजबूर करने के लिए जिससे वो ज्यादा खर्च न करें और निवेश कम करें
Sourav Sahoo
इस बार तो बाजार बंद हो गया लेकिन दिल तो खुला ही रहेगा 🤯 ये दिन हमारे लिए नए विचारों का दिन होना चाहिए
Sourav Zaman
मुहर्रम पर बंद होना तो बहुत अच्छा है पर अगर हम इसे और भी ज्यादा लोगों के लिए बना दें तो शायद बाजार का असली नुकसान होगा
Avijeet Das
मुझे लगता है कि ये बंदी बहुत अच्छी है क्योंकि इससे हम अपने अंदर की आवाज सुन पाते हैं और बाजार के बाहर की चीजों को भूल जाते हैं
Sachin Kumar
बाजार बंद होने का अर्थ यह नहीं है कि आर्थिक गतिविधि बंद हो गई बल्कि यह एक अलग तरह की गतिविधि है
Ramya Dutta
ये सब बंदी तो बस एक तरह का धार्मिक नियंत्रण है जिसे हम अच्छा बता रहे हैं
Ravindra Kumar
मुहर्रम का दिन बाजार बंद होने के बाद भी दुनिया घूमती रहती है और हम बस इसे बड़ा बना रहे हैं
arshdip kaur
बंदी का मतलब है रुकना और रुकने के बाद अपने आप को ढूंढना नहीं बाजार का अंकुश लगाना
khaja mohideen
ये बंदी हमें याद दिलाती है कि हम सब एक हैं और हर धर्म का सम्मान करना जरूरी है
Diganta Dutta
अगर बाजार बंद हो गया तो अब क्या होगा अगले दिन तो बाजार खुलेगा और सब वापस आ जाएंगे इसलिए ये बंदी बहुत बड़ी बात नहीं है
Meenal Bansal
मुहर्रम के दिन बाजार बंद होना बहुत अच्छा है और ये दिन हमें याद दिलाता है कि हम कितने अलग हैं और फिर भी एक हैं 💖
Amit Varshney
यह बंदी न केवल धार्मिक सम्मान का प्रतीक है बल्कि एक व्यावहारिक आर्थिक विराम का भी अवसर है जिसे हमें समझना चाहिए। यह दिन निवेशकों को अपने पोर्टफोलियो के विश्लेषण के लिए समय देता है और बाजार के अस्थायी शांति के माध्यम से लंबी अवधि की रणनीति को बेहतर बनाता है। इस प्रकार, यह एक अनुशासित और विचारशील आर्थिक समाज का संकेत है।