इस्तांबुल के करीब जोरदार भूकंप, दहशत से खाली हुई सड़कें
तुर्की के मारमारा सागर में 23 अप्रैल 2025 की दोपहर करीब 12:49 बजे तुर्की भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए। यह झटका, जिसकी तीव्रता 6.2 रही, तकरीबन 21 किलोमीटर दूर मारमारा एरेग्लीसी, तरेकिडग प्रांत के पास आया। तुर्की आपात सेवाओं के मुताबिक इसका केंद्र धरती से मात्र 6.92 किमी गहराई पर था, वहीं अमेरिकी भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (USGS) ने 10 किमी की गहराई दर्ज की। ये इलाका Marmara Fault और प्रसिद्ध North Anatolian Fault सिस्टम का हिस्सा है, जिससे पहले भी कई भीषण भूकंप आ चुके हैं।
तुरंत झटकों के बाद इस्तांबुल सहित आसपास के शहरों में लोगों में अफरातफरी फैल गई। ऊँची इमारतों और दफ्तरों से लोग बाहर भागे, सड़कों और पार्कों में भीड़ लग गई। तुर्की प्रशासन के अनुसार 359 घायल हो गए, हालांकि किसी मृतक की सूचना नहीं मिली। घायलों में कई को हल्की चोटें आईं, लेकिन घबराहट के कारण भी कई लोग अस्पताल पहुंचे।
130 से अधिक आफ्टरशॉक्स, हल्की सुनामी और जोखिम की चिंता
भूकंप के बाद राहत और जांच कार्य तेज हो गया। अधिकारी इमारतों की जाँच में जुट गए ताकि निर्माणों की मजबूती साबित हो सके। किसी बड़ी इमारत के गिरने या गहरी दरार की रिपोर्ट नहीं आई, लेकिनेट की जुड़ी डर व चिंता सबके चेहरों पर दिखी।
इस भूकंप के बाद 130 से ज्यादा आफ्टरशॉक्स महसूस किए गए, जिनमें दो की तीव्रता 5.0 रही। समुद्र विज्ञानियों ने मारमारा तट पर करीब 6 सेंटीमीटर की हल्की सुनामी लहर दर्ज की, हालांकि इससे कोई बड़ा नुकसान नहीं हुआ।
यह इलाका हमेशा से भूकंपीय रूप से संवेदनशील रहा है। 2019 में इसी क्षेत्र में 5.7 तीव्रता का भूकंप आ चुका है और इतिहास में 1509 व 1766 में घातक झटकों की मिसालें हैं। इस बार कई इलाकों में झटकों की ताकत MMI VIII (Severe) दर्ज की गई, यानी असर इतना कि कुछ जगहों पर जमीन की कंपन 10-30% गुरुत्वाकर्षण बल जितनी रही।
भूकंप के बाद टेलीविजन चैनलों पर उफान मारती भीड़, घबराहट से बाहर निकलते लोग और पीड़ितों की देखरेख में जुटा मेडिकल स्टाफ दिखा। आपातकालीन सेवाएं लगातार चेतावनी देती रहीं कि टूट-फूट वाली इमारतों से लोग दूर रहें और किसी भी इमरजेंसी पर नंबरों पर संपर्क करें। तुर्की में इस तरह की घटनाओं ने लोगों के मन में बार-बार एक बड़ा खतरा बसा दिया है कि कहीं भविष्य में इससे भी भयानक इस्तांबुल भूकंप का खतरा न हो।
हर बार के झटके के साथ शहर की तैयारियों, इमारतों की मजबूती और वक्त पर राहत पहुंचाने की योजनाओं पर भी सवाल उठ जाते हैं। तुर्की के वैज्ञानिक खुलेआम मान रहे हैं कि मारमारा फॉल्ट पर एक बड़े भूकंप की संभावना लगातार बनी हुई है। वहीं, इस्तांबुल की घनी आबादी और पुरानी इमारतें आग में घी डालने जैसा हैं। यही कारण है कि प्रशासन अब और सतर्कता बरत रहा है और नागरिकों से भी तैयार रहने का अनुरोध किया गया है।
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