भारत के केरल में निपाह वायरस से एक और मौत, वर्ष की दूसरी घटना
दक्षिण भारतीय राज्य केरल से एक बार फिर निपाह वायरस के प्रकोप की खबर आई है। 24 वर्षीय छात्र, जिसने हाल ही में बेंगलुरु से यात्रा की थी, उसकी निपाह वायरस से मृत्यु हो गई है। यह इस वर्ष की दूसरी मृत्यु है जो इस घातक वायरस के कारण हुई है। यह मामला सोमवार को स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारी द्वारा रिपोर्ट किया गया।
कैसे सामने आया मामला
छात्र ने 4 सितंबर को बुखार आने की शिकायत की थी। बेंगलुरु से लौटने के बाद उसकी तबीयत बिगड़ती चली गई और पाँच दिनों के भीतर, उसकी स्थिति इतनी गंभीर हो गई कि डॉक्टर उसे बचाने में असमर्थ रहे। उसकी मौत के बाद जब उसके खून के नमूनों की जांच की गई, तब पुणे के वायरोलॉजी संस्थान ने 9 सितंबर को निपाह वायरस पाया।
स्वास्थ्य विभाग की तैयारी
स्वास्थ्य अधिकारी आर. रेनुका के अनुसार, मलप्पुरम में रहने वाले 151 लोगों को अभी निगरानी में रखा गया है। इन लोगों का संपर्क मृतक छात्र से था और इन्हें संक्रमण से बचाने के लिए एहतियात बरती जा रही है। स्थानीय स्वास्थ्य विभाग ने पांच अन्य व्यक्तियों से भी रक्त के नमूने लिए हैं, जो शुरुआती लक्षणों की शिकायत कर रहे थे। इन नमूनों की जांच अभी की जा रही है, हालांकि यह स्पष्ट नहीं है कि ये लोग मृतक छात्र के सीधे संपर्क में थे या नहीं।
मलप्पुरम में दूसरी मृत्यु
यह घटना पिछले जुलाई महीने में हुई एक अन्य निपाह वायरस से हुई मृत्यु के बाद आई है। उस वक्त 14 वर्षीय एक लड़के की मलप्पुरम में मौत हो गई थी। केरल राज्य में निपाह वायरस के मामले बहुत संवेदनशील होते हैं क्योंकि 2018 में पहली बार यह वायरस राज्य में सामने आया था और तब से ही इसने कई लोगों की जान ली है।
निपाह वायरस: एक खतरनाक बीमारी
निपाह वायरस फल खाने वाले चमगादड़ों और अन्य जानवरों, जैसे कि सूअरों से मनुष्यों में फैलता है। यह बीमारी इंसानों में बहुत गंभीर बुखार और मस्तिष्क में सूजन जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने निपाह वायरस को एक प्राथमिक रोगजनक के रूप में चिन्हित किया है, क्योंकि इसके महामारी का रूप लेने की संभावना है।
अभी तक इलाज संभव नहीं
इस वायरस का इलाज या इससे बचाव के लिए कोई भी प्रभावी टीका अभी तक उपलब्ध नहीं है। इसलिए, सबसे जरूरी है कि लोग सतर्क रहें और अपने स्वास्थ्य पर ध्यान दें।
निपाह वायरस से बचाव के उपाय
निपाह वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए कुछ महत्वपूर्ण उपाय अपनाए जा सकते हैं। संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से बचना, स्वच्छता बनाए रखना और अपने आस-पास के वातावरण को स्वच्छ रखना इनमें से प्रमुख हैं।
- संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें।
- अपने हाथों को नियमित रूप से साबुन और पानी से धोएं।
- चमगादड़ों और उनके मलमूत्र वाले क्षेत्रों से बचें।
- जंगलों और ग्रामीण क्षेत्रों में अधपके फल नहीं खाएं।
सरकारी और स्वास्थ्य विभाग द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करके भी हम इस गंभीर समस्या से निपट सकते हैं।
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