तेलंगाना में भाजपा के प्रमुख और फायरब्रांड नेता बंदी संजय कुमार नए केंद्रीय मंत्री के रूप में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। संजय कुमार का राजनैतिक सफर काफी लंबा और प्रभावशाली रहा है। उन्होंने करीमनगर से दो बार सांसद के रूप में सेवा की है और भाजपा की तेलंगाना इकाई के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं। अब समय आ गया है कि वे देश के केंद्रीय कैबिनेट का हिस्सा बनें और अपने नई जिम्मेदारियों का निर्वहन करें।
बंदी संजय कुमार का जन्म एक सामान्य परिवार में हुआ था और उन्होंने राजनीति में कदम रखने से पहले राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) में स्वयंसेवक के रूप में काम किया था। इसके बाद उन्होंने विद्यार्थी परिषद (अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद - एबीवीपी) में सक्रिय भूमिका निभाई और मंच के राष्ट्रीय सचिव के रूप में अपनी सेवाएं दी। संजय कुमार ने भाजपा के नेता एल के आडवाणी के साथ उनकी रथ यात्रा में भी हिस्सा लिया था, जिससे उन्हें राष्ट्रीय राजनीति में पहचान मिली।
संजय कुमार ने अपने राजनैतिक करियर में कई उतार-चढ़ाव देखे हैं। उन्होंने 2014, 2018 और 2023 में विधानसभा चुनावों में हिस्सा लेने का प्रयास किया, लेकिन सफलता उनके हाथ नहीं लगी। इसके बावजूद, उन्होंने कभी भी हार नहीं मानी और अपने योगदान से भाजपा को तेलंगाना में मजबूत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
संजय कुमार की जोशीली भाषणशैली और गहरी राजनैतिक समझ ने उन्हें तेलंगाना भाजपा का प्रमुख चेहरा बना दिया। उन्होंने राज्य में 2020 के ग्रेटर हैदराबाद म्युनिसिपल कॉर्पोरेशन के चुनावों में भाजपा की अप्रत्याशित जीत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इसके अलावा, हुजूराबाद और डब्बाक विधानसभा उपचुनावों में भी शानदार जीत हासिल की।
संजय कुमार ने तेलंगाना में भाजपा के प्रभाव को बढ़ाने के लिए न केवल चुनावी योगदान दिया, बल्कि कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी आवाज उठाई। उन्होंने जोर-शोर से भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) सरकार और उसके मुख्यमंत्री के चंद्रशेखर राव की नीतियों की आलोचना की। उन्होंने कांग्रेस के वर्तमान मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी के खिलाफ भी कई बार अपनी आवाज उठाई।
बंदी संजय कुमार ने विभिन्न संसदीय समितियों में भी अपनी सेवा दी है, जिनमें ओबीसी कल्याण, शहरी विकास और अल्पसंख्यक मामलों की समितियाँ शामिल हैं। उनका संसदीय अनुभव और मजबूत राजनैतिक दृष्टिकोण उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने के लिए तैयार करता है।
उन्हें केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करना नरेंद्र मोदी सरकार के लिए भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि इससे पार्टी को तेलंगाना में और मजबूती मिलेगी। केंद्रीय सरकार में उनकी भागीदारी न सिर्फ पार्टी को मजबूत करेगी, बल्कि राज्य के विकास के लिए भी बहुत फायदेमंद साबित होगी।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि बंदी संजय कुमार का केंद्रीय मंत्री बनना परिवर्तनकारी साबित हो सकता है। उनके उपस्थिति से तेलंगाना के विकास कार्यों में तेजी आएगी और राज्य के युवाओं को एक नई दिशा मिलेगी। उन्हें केंद्रीय मंत्री पद मिलने से विपक्ष पर भी दबाव बनेगा और सरकार को राज्य में अपनी नीतियों को प्रभावी रूप में लागू करने में मदद मिलेगी।
संजय कुमार की यह नई भूमिका तेलंगाना भाजपा के लिए एक नया अध्याय लेकर आ सकती है। उनके जोश और प्रतिबद्धता से केंद्र सरकार को भी लाभ होगा और तेलंगाना में भाजपा के पक्ष में माहौल बनेगा। उनके समर्थक इस खबर से बहुत उत्साहित हैं और उम्मीद कर रहे हैं कि कुमार राज्य और देश के विकास में अपनी निर्णायक भूमिका निभाएंगे।
12 टिप्पणियाँ
Bharat Singh
ये तो बस शुरुआत है भाई। अब देखना है कि कैबिनेट में कैसे धमाका करते हैं।
Mansi Mehta
अरे यार, एक ऐसे आदमी को मंत्री बनाया जा रहा है जिसने 2014, 2018, 2023 में चुनाव हारे? अब जब वो बार-बार हार गए, तो अच्छा हुआ कि उसे दिल्ली भेज दिया। वहाँ तो बस बोलने का मौका मिलेगा, जीतने का नहीं। 😏
Sourav Sahoo
भाई, इस आदमी ने तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से शुरुआत की, एबीवीपी में नेता बना, आडवाणी के साथ रथ यात्रा में घूमा, और अब केंद्रीय कैबिनेट में जा रहा है। ये कोई राजनीति नहीं, ये तो एक जीवन यात्रा है। मैं इस आदमी के लिए गर्व महसूस कर रहा हूँ। अब तेलंगाना के लिए असली बदलाव आएगा।
Disha Gulati
ये सब बकवास है। ये आदमी तो बस एक राष्ट्रीय स्वयंसेवक है जिसे दिल्ली में बैठाकर बाहर के लोगों को शांत करना है। तेलंगाना में भाजपा का कोई असली आधार नहीं है। ये सब फेक न्यूज है। अगर वो इतने अच्छे हैं, तो 2018 में क्यों हार गए? क्या तुम्हें लगता है कि लोग बेवकूफ हैं? ये सब एक बड़ा धोखा है। और हाँ, ये आदमी आरएसएस का बच्चा है, ये तो जानते ही हैं कि वो क्या करेंगे।
Sourav Zaman
बंदी संजय कुमार के बारे में बात कर रहे हो तो आप लोग इसका इतिहास नहीं जानते। ये आदमी तो एबीवीपी के नेता थे, लेकिन उनकी राजनीति बहुत सरल है। वो बस एक अच्छे भाषणकार हैं। जब तक वो अपने आप को एक लीडर नहीं बनाते, तब तक कोई उन्हें मंत्री नहीं बनाएगा। और हाँ, आपको याद है जब उन्होंने हुजूराबाद में जीत दर्ज की? वो तो एक अद्भुत रणनीति थी। लेकिन अब वो असली चुनौती के सामने हैं।
Avijeet Das
मुझे लगता है कि इस निर्णय का असली मतलब ये है कि भाजपा तेलंगाना में अपनी उपस्थिति को बढ़ाना चाहती है। बंदी संजय कुमार ने राज्य में एक ऐसा आधार बनाया है जिसे अब दिल्ली से भी इस्तेमाल किया जा सकता है। उनका अनुभव ओबीसी और अल्पसंख्यक मामलों में बहुत उपयोगी होगा। अगर वो सच में विकास पर ध्यान दें, तो ये बहुत अच्छा होगा।
Sachin Kumar
मंत्री बनने के लिए चुनाव जीतना जरूरी नहीं है। राजनीति में लगन और सेवा का महत्व है। बंदी संजय कुमार ने दशकों से इसी का अभ्यास किया है। अब उन्हें केंद्रीय स्तर पर अपनी भूमिका निभाने का मौका मिला है।
Ramya Dutta
हमें इस आदमी को बस इतना ही चाहिए कि वो बोले, बोले, बोले... और फिर कुछ न करे। अब वो दिल्ली जा रहे हैं, तो अच्छा हुआ। वहाँ वो अपनी भाषणों को बेकार नहीं बर्बाद करेंगे।
Ravindra Kumar
अरे भाई, ये तो बस एक राजनीतिक नाटक है। एक आदमी जिसने चुनाव हारे हैं, उसे मंत्री बनाया जा रहा है? ये क्या बकवास है? ये सब तो बस लोगों को भ्रमित करने के लिए है। ये आदमी तो अपने आप को बहुत बड़ा समझता है, लेकिन वास्तविकता में वो कुछ नहीं कर सकता।
arshdip kaur
राजनीति का अर्थ ही बदल गया है। अब जीतने की जगह, बोलने की क्षमता को महत्व दिया जाता है। बंदी संजय कुमार एक ऐसे व्यक्ति हैं जिन्होंने अपनी भाषा से लाखों को प्रभावित किया है। अब वो दिल्ली में अपनी आवाज बढ़ाएंगे। और जब वो बोलेंगे, तो दुनिया सुनेगी।
khaja mohideen
इस आदमी के साथ तेलंगाना की राजनीति बदल गई। उन्होंने न सिर्फ चुनाव लड़े, बल्कि एक नई सोच भी बनाई। अब जब वो केंद्रीय कैबिनेट में हैं, तो ये बस शुरुआत है। तेलंगाना के लिए अब बड़े बदलाव आएंगे।
Bharat Singh
देखो ये बात है, जब तक तुम नहीं बोलोगे, तब तक कोई नहीं सुनता। अब वो बोलेंगे, दिल्ली में।