Manchester में Emirates Old Trafford पर 9 जुलाई 2025 को खेले गए चौथे T20I मैच ने भारतीय महिला क्रिकेट के इतिहास में नया पन्ना लिख दिया। 127 रनों के लक्ष्य को 6 विकेट से पीछे रहकर पूरा करने वाली भारतीय टीम ने इंग्लैंड के खिलाफ अपनी पहली श्रृंखला जीत हासिल की, जिससे श्रृंखला 3-1 की स्पष्ट बढ़त मिल गई। यह जीत न केवल अंक में बल्कि मनोवैज्ञानिक दर्शकों में भी भारत की स्थिति को मजबूत करती है।
मैंचेस्टर में ऐतिहासिक जीत
शफ़ाली वर्मा की तेज़ शुरुआत ने भारतीय पावरप्ले को तुरंत दिशा दी। पहले ओवर में ही उन्होंने दो सीमिंग छक्के लगाकर इंग्लैंड की गेंदबाज़ी को तोड़ फेंका और लक्ष्य को तेज़ी से 40 रनों के आसपास ले गईं। इस आक्रमण ने इंग्लैंड को बचाव की स्थिति में डाल दिया। जबकि शफ़ाली ने 27 बॉल में 45 रन बनाकर टीम का आधार रखा, स्मृति मंडाना ने 31 बॉल में 32 रन की स्थिरता दिखाई, जिससे रनों की जरूरत को संतुलित किया गया।
सीज़न के बीच में, कप्तान हार्मनप्रीत कौर ने मध्य ओवर्स में सुगम गति से चलती रहीं, अपने एंबिस को दो-तीन छक्के मारने की अनुमति दी। उन्होंने ऑउटपुट को नियंत्रण में रखने के साथ साथ टीम को जरूरत के समय थोड़ा अतिरिक्त रन भी दिया। अंत में, मध्य-क्रम की मूक शक्ति जेमीमा रोड्रिग्स ने अपनी unbeaten पारी से मैच को समाप्त किया। 22 बॉल में 28 रन बनाते हुए, उन्होंने अंतिम सीमा को छक्का मार कर भारत को 18 गेंद शेष रहकर जीत दिलाई। उनका संतुलित खेल, दबाव को संभालने की क्षमता और साहसी पेडल शॉट ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया।

भारतीय महिला क्रिकेट का उज्जवल भविष्य
इंग्लैंड की गेंदबाज़ी ने पहली पारी में दबाव नहीं बना पाई, विशेषकर शफ़ाली के आक्रमण के सामने। एश्लिन जैन, एरिन हेंड्रिक्स और गैब्रिएला बीटरी ने मिलकर कुल 7 विकेट लिए, पर वे लगातार रनों के प्रवाह को रोक नहीं पाए। भारत की टीम ने इस दबाव को सीधा सलामत करने के लिए लगातार साझेदारी बनाते रहे, जिससे लक्ष्य की ओर गति बनी रही।
सीरीज की इस जीत ने भारत को अंतरराष्ट्रीय टुर्नामेंटों में काबिल दावेदार बना दिया है। विश्व कप और कई बड़े टुर्नामेंट की तैयारी में यह जीत टीम के आत्मविश्वास को नई ऊँचाइयों पर ले जाएगी। कोच और प्रबंधन दोनों ने इस जीत को लंबे समय के विकास का परिणाम बताया, जहाँ नयी प्रतिभा को अनुभव मिला और वरिष्ठ खिलाड़ियों ने अपनी नेतृत्व क्षमताओं को निखारा।
ऐसी जीतों से यह स्पष्ट हो जाता है कि भारत महिला क्रिकेट अब केवल घरेलू टोरंट्स में ही नहीं, बल्कि विदेशों में भी स्थायी रूप से जीत हासिल करने के लिए तैयार है। आगे के मैचों में भी इस निरंतरता को बनाए रखने के लिए टीम को सुसंगत प्रदर्शन, रणनीतिक खेल और फिटनेस पर ध्यान देना होगा।