मैच का सारांश
साउथेम्प्टन के रोज़ बॉल में 16 जुलाई को भारत महिला क्रिकेट और इंग्लैंड महिला क्रिकेट के बीच पहला वन‑डे अंतरराष्ट्रीय हुआ। इंग्लैंड ने मौसमी पिच का फायदा उठाते हुए 50 ओवर में 258 रन बनाए, जिसमें उनके ओपनर ने 70‑से अधिक रन बनाए और मध्यक्रम के रैफ़ेल ने तेज़ी से गति बढ़ाई। भारत को 260 रन का लक्ष्य मिला, जो कि थ्रेशहोल्ड से थोड़ा ऊपर था, पर इस लक्ष्य को पाने के लिए टीम को एक स्थिर और निःशब्द‑अंतिम‑टाब तक पहुंचना था।
भारत की शुरुआत में शीर्ष क्रम में हलचल रही—खिलाड़ी जल्दी‑जल्दी आउट हुए, पर क्रमशः नीचे की ओर गति बढ़ी। 31वें ओवर तक भारत 120‑रन पर 3 विकेट गिरा चुका था। फिर डीपी शर्मा ने पोज़िशन बदलते हुए 6वें क्रम में पैर धरे और 62* की अनबेटन पारी खेली। उनका कूद‑कूद कर चलना, बगल‑बगल 2‑3 रन की दोड़ और फिनिशर स्ट्रेटेज ने टीम को लक्ष्य के करीब ले आया।
जब भारत ने 49वें ओवर में 258‑रन तक पहुंची, तब इंग्लैंड के दो फील्डिंगरों के साथ क़ीमती ‘एवॉयडेबल फिज़िकल कॉन्टैक्ट’ की दो घटनाएँ भी हुईं, लेकिन रेफ़री ने चेतावनी दी और खेल जारी रहा। अंत में भारत ने चार विकेट लेकर जीत सुरक्षित की, जिससे यह जीत इंग्लैंड में उनकी लगातार चौथी ODI जीत बन गई।
- इंग्लैंड का स्कोर: 258/6 (50 ओवर)
- भारत का लक्ष्य: 260 रन
- भारत का स्कोर: 260/4 (48.2 ओवर)
- मैच में टॉप स्कोरर: डीपी शर्मा (62*)
- सीरिज में भारत की अब तक की ODI जीत: 4 (इंग्लैंड में)

मुख्य क्षण और भविष्य की झलक
मैच का मुख्य आकर्षण निश्चित ही डीपी शर्मा की फिनिशिंग पारी थी। पहले छह क्रम में उन्हें केवल 12 रन मिलना था, पर बाद में उनका अटैक मोमेंट आया। उन्होंने 25‑बॉल में 45 रन बनाए, जिसमें 6 छक्के और 3 चौके शामिल थे। उनकी इस इनिंग ने न सिर्फ लक्ष्य को सुरक्षित किया, बल्कि पूरी टीम में आत्मविश्वास का संचार भी किया।
इसी तरह जॉडी रॉड्रिगेज़ ने मध्यम क्रम में 40‑रन की स्थिर पारी खेली, जिससे बॉल की गति कम रही और पाकिस्तान‑इंग्लैंड के बीच का अंतर कम नहीं हुआ। उनका सहयोग और साझेदारी भारत को मंच पर मजबूती देने में महत्वपूर्ण रही।
विपक्षियों की ओर से भी कई प्रमुख बातें सामने आईं। इंग्लैंड की बैटिंग लाइन‑अप ने मध्यक्रम में कई जल्दी‑जल्दी आउट्स का सामना किया, जिससे उनका सॉफ्ट‑फ्लोर कमज़ोर रहा। साथ ही, फील्डिंग में दो बार ‘अवॉयडेबल फिज़िकल कॉन्टैक्ट’ की घटनाओं ने इंग्लैंड को निराश किया, क्योंकि इससे उनकी बैट्समैन पर दबाव कम नहीं हुआ।
यह जीत भारत की अगली विश्व कप की तैयारी में एक बड़ा सिग्नल है। हाल ही में त्री‑सिरीज़ में 280‑300 की लगातार हाई स्कोर करने की क्षमता दिखाने के बाद, अब टीम को इंग्लैंड जैसी मजबूत विरोधी टीमों के सामने अपनी ताकत साबित करने का मौका मिला है। अगले दो मैचों में भी यदि इस फ़ॉर्म को कायम रखा गया, तो भारत को विश्व कप में न केवल मोमेंटम मिलेगा, बल्कि टॉप‑ड्रॉपिंग के लिये भी आत्मविश्वास मिलेगा।
समग्र रूप से, यह ODI केवल एक स्कोर‑डिफ़रेंस नहीं, बल्कि टीम के मानसिकता, रणनीति और फील‑ड्रेसिंग का परीक्षण था। भारत महिला क्रिकेट ने इस परिदृश्य में साबित किया कि वह दबाव में खेल सकती है, और इंग्लैंड के साथ रोमांचक मुकाबला जारी रखने के लिए तैयार है।