यूपी गोण्डा में ट्रेन दुर्घटना: डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस पटरी से उतरने पर मची अफरा-तफरी
18 जुलाई 2024 को उत्तर प्रदेश के गोण्डा जिले में एक बड़ी ट्रेन दुर्घटना घटी, जब डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस की 15 बोगियां पटरी से उतर गईं। यह हादसा जिहलाही रेलवे स्टेशन और गोंसाई दीहवा के बीच हुआ, जिसने इलाके में अफरा-तफरी मचा दी। इस दुर्घटना में दो लोगों की जान चली गई और लगभग 25 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घटना के बाद राहत और बचाव कार्य तेजी से शुरू किया गया।
रेलवे सुरक्षा उपायों की आवश्यकता पर जोर
इस हादसे ने रेलवे सुरक्षा उपायों की जरूरत को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं। विगत वर्षों से रेल दुर्घटनाओं में कोई कमी नहीं आई है, और यह घटना एक बार फिर रेलवे की सुरक्षा प्रणाली की खामियों को उजागर करती है। लोगों की मांग है कि रेलवे मंत्री इस घटना की जिम्मेदारी लें और सुरक्षा उपायों में सुधार करें।
मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा का बयान
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा ने इस दुर्घटना पर दुःख व्यक्त किया और बताया कि अब तक असम से किसी भी यात्री की मौत की खबर नहीं आई है। उन्होंने कहा कि यह एक दुखद घटना है और असम सरकार पीड़ितों के परिजनों की हरसंभव मदद करने के लिए तैयार है।
राहत कार्य और पुनर्स्थापन
रेलवे अधिकारियों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया, और घायल यात्रियों को अस्पताल में भर्ती कराया गया। ट्रेन संचालन को सामान्य बनाने के लिए रेलवे कर्मचारी दिन-रात एक करके पुनर्स्थापन कार्य में जुटे हुए हैं। रेलवे विभाग ने कहा कि हरसंभव प्रयास किया जा रहा है कि इस प्रकार की घटनाएं भविष्य में न हों और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके।
रेलवे विभाग की जिम्मेदारी
इस हादसे ने एक बार फिर सवाल खड़ा कर दिया है कि क्या रेलवे विभाग अपने कर्तव्यों का सही ढंग से निर्वहन कर रहा है? रेल पटरियों की स्थिति और ट्रेन संचालन की निगरानी में कहीं न कहीं कमी नजर आ रही है। विशेषज्ञों का कहना है कि रेलवे इंफ्रास्ट्रक्चर और ट्रेन की सुरक्षा में सुधार के लिए अधिक निवेश किया जाना चाहिए तथा नियमित निरीक्षण और रखरखाव को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।
यात्रियों की सुरक्षा पर विशेष जोर
इस बात पर भी जोर दिया जा रहा है कि यात्रियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए ट्रेन संचालन में सख्ती बरती जाए। रेल मंत्रालय को यात्रियों के लिए सुरक्षा निर्देश जारी करने चाहिए और उन्हें पालन कराने के लिए कठोर कदम उठाने चाहिए। यात्रियों की सुरक्षा से संबंधित प्रशिक्षण भी नियमित रूप से आयोजित किया जाना चाहिए ताकि किसी भी दुर्घटना की स्थिति में सही और त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
समापन
गोण्डा जिले में हुई इस दुर्घटना ने एक बार फिर रेलवे सुरक्षा के महत्व को उजागर किया है। उम्मीद है कि रेलवे विभाग इस घटना से सबक लेकर आवश्यक सुधार करेगा और यात्रियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देगा। साथ ही, रेलवे कर्मचारियों को ट्रेन संचालन और रेल पटरियों की निगरानी में अधिक सतर्कता बरतने की आवश्यकता है ताकि भविष्य में ऐसे हादसों को टाला जा सके।
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