नई दिल्ली, भारत की राजधानी और राजनीतिक, प्रशासनिक और सांस्कृतिक केंद्र है, जहाँ हर दिन कोई न कोई निर्णय लिया जाता है जो पूरे देश को प्रभावित करता है। यह शहर सिर्फ विधानसभा और केंद्रीय मंत्रिमंडल का घर नहीं, बल्कि मौसम के बदलाव का भी सबसे ज्यादा संवेदनशील क्षेत्र है। जब दिल्ली में बारिश होती है, तो यह सिर्फ गर्मी को भगाने का काम नहीं करती—यह दुशहरा के पंडालों को डुबो देती है, हवाई अड्डों पर उड़ानें रोक देती है, और राजनीतिक बैठकों के शेड्यूल बदल देती है।
दिल्ली मौसम, भारतीय मौसम विभाग के अनुसार, अक्सर अप्रत्याशित होता है। 30 सितंबर 2025 को जब तेज़ बारिश हुई, तो एनसीआर के लोगों ने राहत की सांस ली—लेकिन दुर्गा पूजा के पंडालों में जलभराव ने उस राहत को बर्बाद कर दिया। यही वजह है कि नई दिल्ली के लिए मौसम सिर्फ एक विषय नहीं, बल्कि दैनिक जीवन का हिस्सा है। और जब बारिश के बाद तापमान गिरता है, तो आगरा से लेकर पंजाब तक के लोग भी इसका असर महसूस करते हैं।
दिल्ली राजनीति, भारत की सबसे तेज़ चलने वाली राजनीति है, जहाँ निर्वाचन आयोग के फैसले, विधानसभा के बदलाव और केंद्रीय सरकार के निर्णय एक साथ टकराते हैं। बिहार के चुनाव में पर्दानशीन महिलाओं के लिए खास व्यवस्था का फैसला भी नई दिल्ली से ही आया। यहीं से रेपो दर, आयकर नियम, और शहरी विकास के नए नियम जारी होते हैं। नई दिल्ली का हर निर्णय एक छोटे गाँव तक पहुँचता है।
इस लिस्टिंग में आपको नई दिल्ली से जुड़ी हर बड़ी खबर मिलेगी—चाहे वो बारिश का असर हो, चाहे राजनीतिक बदलाव हो, या फिर शहर के लोगों की रोज़मर्रा की जिंदगी पर लगने वाला दबाव। यहाँ कोई नकली खबर नहीं, कोई अधूरी जानकारी नहीं। सिर्फ वो तथ्य जो आपको अपने शहर के बारे में सच में समझने में मदद करेंगे।
मार्गशीर्ष अमावस्या 2025 19-20 नवंबर को आयोजित होगी, जिस पर पितृ पूजा, तिल तर्पण और ब्राह्मण भोजन से पूर्वजों को शांति मिलती है। यह दिन पितृ दोष वालों के लिए विशेष रूप से शुभ है।
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