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टेस्ट मैच में बांग्लादेश की तेज गेंदबाज़ी पर बड़ा धक्का: टास्किन अहमद और शोरिफुल इस्लाम बाहर

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टेस्ट मैच में बांग्लादेश की तेज गेंदबाज़ी पर बड़ा धक्का: टास्किन अहमद और शोरिफुल इस्लाम बाहर
  • सित॰, 26 2025
  • के द्वारा प्रकाशित किया गया Divya B

चोट के कारण बाहर हुए दो प्रमुख पेसर

बांग्लादेश क्रिकेट बोर्ड के मुख्य चयनकर्ता मिन्हाजुल अबेदीन ने पुष्टि की कि तेज गेंदबाज़ी की दो धुरंधर टास्किन अहमद और शोरिफुल इस्लाम अगले टेस्ट सीरीज़ में नहीं खेल पाएंगे। शोरिफुल को ग्रोइन स्ट्रेन का झटका लगा, जिससे वह रावलपिंडी में पाकिस्तान के खिलाफ दूसरे टेस्ट में नहीं उतरा।

इस चोट के साथ‑साथ, शोरिफुल को 29 मार्च को ट्रेनिंग के दौरान एंकल इम्पिंजमेंट सीनड्रोम भी हुआ था। एमआरआई स्कैन ने ग्रेड‑1 एंकल इम्पिंजमेंट और मेडियल लिगामेंट में हल्की चोट की पुष्टि की। दोनों चोटें एक साथ आना उसकी फिटनेस को बहुत नुकसान पहुँचा रहा है, इसलिए उसने टी‑20 में भी भाग नहीं लिया।

टास्किन अहमद की चोट अभी तक आधिकारिक तौर पर नहीं बताई गई, परन्तु इतनी गंभीर है कि उसने दूसरे टेस्ट की चयन सूची से बाहर हो गया। दोनों पेसर बांग्लादेश की तेज बॉलिंग में भारी योगदान देते आए हैं, और उनकी अनुपस्थिति टीम के लिये बड़ा नुकसान है।

बांग्लादेश की टीम की अगली रणनीति

बांग्लादेश की टीम की अगली रणनीति

केंद्रीय टीम अब इन दो पेसरों की जगह किसे लाएगी, इस पर चर्चा कर रही है। विकल्प के तौर पर कुछ युवा धुरंधर और अनुभवी सिंगल‑ओवरर को बुलाने की संभावना है, ताकि तेज बॉलिंग में खालीपन ना रहे। साथ ही, मेडिकल टीम ने बताया कि टास्किन, शोरिफुल और मौस्तफिज़ुर रहमान सभी अब रिहैबिलिटेशन प्रक्रिया में हैं और स्वस्थ होने पर वापस मैदान पर लौटेंगे।

इस दौर में बांग्लादेश को तेज गेंदबाज़ी के अलावा स्पिनर पर भी अधिक भरोसा करना पड़ेगा। पिछले मैचों में स्पिन की भूमिका काफी अहम रही है, और अब उन्हें इस पर और अधिक ध्यान देना होगा। टीम मैनेजमेंट ने कहा कि वे चयन में नयी प्रतिभा को मौका देंगे, ताकि दीर्घकालिक रूप से टीम की गहराई बनी रहे।

इंटरनैशनल क्रिकेट की लगातार तेज़ी और शारीरिक माँगों को देखते हुए, ऐसी चोटें दुर्लभ नहीं हैं। बांग्लादेश को अब दिये गये इन्ज़्य़ुरियों से सीख लेकर अपनी स्क्वाड को अधिक बैक‑अप विकल्पों से लैस करना होगा, ताकि भविष्य में ऐसे सट्टे न खाए जाने पड़ें।

Divya B
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Divya B

15 टिप्पणियाँ

Tushar Kumbhare

Tushar Kumbhare

वाह भाई, बांग्लादेश की तेज़ गेंदबाज़ी पर बोझ बहुत बढ़ गया है! 😅 टास्किन और शोरिफ़ुल की कमी टीम को ज़ोरदार चुनौती दे रही है। अब नए पेसरों को मौका मिलेगा, आशा है कि वो भी चमकेंगे। लेकिन रिहैबिलिटेशन का ख्याल रखना पड़ेगा, वरना फिर से चोटें लगेंगी।

Arvind Singh

Arvind Singh

हाह! आप लोग हमेशा यही बोला करते हो कि चोटें दुर्लभ नहीं हैं, पर फिर भी बांग्लादेश को वही वही असर क्यों पड़ता है? यह कोई बेवकूफ़ी नहीं, यह ख़ुद की लापरवाही है, बस यही समझ ले।

Vidyut Bhasin

Vidyut Bhasin

समझ में आता है कि आप हमेशा विरोधी पक्ष से बात करते हो, पर क्या यह सच में विरोधी ही है? शायद हमें इस चोट की अपरिहार्य प्रकृति को भी मानना चाहिए, वरना सब कुछ सैद्धांतिक रहेगा।

nihal bagwan

nihal bagwan

यह स्पष्ट है कि राष्ट्रीय गर्व को चोटियों से नहीं, बल्कि स्थिरता से परिभाषित किया जाता है। टास्किन और शोरिफ़ुल की अनुपस्थिति से बांग्लादेश को अपनी मूलभूत क्षमता पर पुनर्विचार करना चाहिए। यदि हम केवल युवा बॉलरों पर भरोसा करेंगे तो अस्थायी समाधान मिलेगा, लेकिन दीर्घकालिक स्थिरता के लिए संरचनात्मक सुधार अनिवार्य हैं।

Arjun Sharma

Arjun Sharma

भाईसाहब, नया पेसर लाने वाले प्लान में जर्गन ज़्यादा है, पर मैनेजमेंट को थोडा कूल बनना चाहिए। हम लोग भी थोड़ा इम्प्रोव करें तो फिक्स हो जायेगा।

Sanjit Mondal

Sanjit Mondal

टेस्ट टीम को जल्द ही एक संतुलित विकल्प चाहिए, जिसमें तेज़ बॉलिंग के साथ स्पिन का भी समुचित मिश्रण हो। मेडिकल टीम के अनुसार, दोनों पेसरों की स्वास्थ्य स्थिति को देखते हुए, उन्हें धीरे‑धीरे वापस लाना आवश्यक है। इस बीच, युवा पेसरों को सीमित ओवर में आज़माया जा सकता है, जिससे उनके फ़िटनेस की जाँच हो सके।

Ajit Navraj Hans

Ajit Navraj Hans

देखो भाई सबसे पहले तो ये समझो कि चोटें टालना मुश्किल है तो फिर भी क्यों बोरिंग प्लान ही चलाते हो

arjun jowo

arjun jowo

क्या आप लोग जाने‑जाने की बात कर रहे हैं? हमें बस यह देखना है कि कौन सी नई गेंदबाज़ी तकनीक टीम को मदद कर सकती है।

Rajan Jayswal

Rajan Jayswal

नई पेसर चाहिए, लेकिन बहुत नहीं - बस सही मात्रा।

Simi Joseph

Simi Joseph

बिलकुल ठीक कह रहे हो, पर यह टीम की अजीब लापरवाही का ही परिणाम है।

Vaneesha Krishnan

Vaneesha Krishnan

ऐसा लगता है कि सबको मिलकर इस चोट से सबक लेना चाहिए 🙏 टीम को सशक्त बनाना ही अब प्राथमिकता होनी चाहिए। मैं उम्मीद करती हूँ कि रिहैबिलिटेशन सही ढंग से होगा और युवा खिलाड़ी भी तैयार रहेंगे।

Satya Pal

Satya Pal

आपके विचार ठीक है पर आपके लिखने में तो कई टाइपो है, ध्यान दो फिर से पढ़ो।

Partho Roy

Partho Roy

बांग्लादेश की तेज़ गेंदबाज़ी के दो प्रमुख खिलाड़ी टास्किन अहमद और शोरिफ़ुल इस्लाम की चोट एक गहरी समस्या को उजागर करती है। पहला कारण यह है कि चोटों की रोकथाम में मानक प्रोटोकॉल की कमी है, जिससे खिलाड़ी अक्सर अत्यधिक शारीरिक तनाव का सामना करते हैं। दूसरा कारण यह है कि प्रशिक्षण के दौरान उचित पुनरावृत्ति और लोड मैनेजमेंट नहीं किया जाता, जिससे मांसपेशियों और जोड़ों पर अत्यधिक दबाव पड़ेगा। तीसरे बिंदु में, एन्कल इम्पिंजमेंट जैसी ऊपरी चोटें अक्सर अनदेखी रह जाती हैं, जबकि उनका प्रबंधन आवश्यक है। चौथा, टीम के मैनेजमेंट को युवा खिलाड़ियों को पर्याप्त आराम देना चाहिए, नहीं तो वे जल्दी थक जाएंगे। पाँचवाँ, सख्त फिटनेस टेस्ट की कमी से बर्नआउट की संभावना बढ़ती है। छठा, वैद्यकीय स्टाफ को चोटों की शुरुआती पहचान में सतर्क रहना चाहिए। सातवाँ, जब प्रमुख पेसर बाहर होते हैं, तो टीम की रणनीति में लचीलापन की कमी स्पष्ट होती है। आठवाँ, स्पिनर पर अधिक भरोसा करने से बॉलिंग बैलेंस टूट सकता है। नौवाँ, युवा पेसर को अति‑जल्दी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर लाने से उनका करियर प्रभावित हो सकता है। दसवाँ, बांग्लादेश को अब बेस्ट प्रैक्टिसेज़ अपनाना चाहिए, जैसे कि लोड मॉनिटरिंग सॉफ्टवेयर। ग्यारहवाँ, प्रशिक्षकों को चोटों के बाद रिहैबिलिटेशन प्रोटोकॉल को कड़ाई से फॉलो करना चाहिए। बारहवाँ, टीम को बॉलरों के मानसिक स्वास्थ्य पर भी ध्यान देना चाहिए, क्योंकि मनःस्थिति शारीरिक स्वास्थ्य से जुड़ी होती है। तेरहवाँ, घरेलू लीग में अधिक मैच लगाने से खिलाड़ियों को थकान होगी, इसलिए शेड्यूल को संतुलित करना चाहिए। चौदहवाँ, अंत में, बांग्लादेश को अपनी चयन नीति में विविधता लानी चाहिए, ताकि केवल तेज़ गेंदबाज़ी पर निर्भरता न रहे। पंद्रहवाँ, यही सब कदम उठाने से बांग्लादेश की टीम भविष्य में ऐसी चोटों से बच सकेगी और लगातार प्रदर्शन में सुधार लाएगी।

Ahmad Dala

Ahmad Dala

बहुत सुंदर वाक्यांश, पर असली खेल तो मैदान पर ही दिखता है, शब्दों में नहीं।

RajAditya Das

RajAditya Das

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