भारत की उभरती हुई मुक्केबाज़ निकहत ज़रीन, जो दो बार की विश्व चैंपियन और कॉमनवेल्थ गेम्स की गोल्ड मेडलिस्ट हैं, पेरिस 2024 ओलंपिक में अपने अभियान का अंत करने के लिए मजबूर हो गईं। चीन की वु यू के खिलाफ महिला 50 किलो भार वर्ग के मुकाबले में उन्हें निराशा हाथ लगी। वु यू, जो एशियाई खेलों की मौजूदा चैंपियन और इस वर्ग में टॉप सीडेड हैं, ने अपने तेज़ और चुस्त फुटवर्क का बेहतरीन इस्तेमाल किया और निकहत की काउंटर-अटैक्स का प्रभाव सीमित कर दिया।
निकहत ज़रीन का यह ओलंपिक अभियान उनके लिए कई मायनों में महत्वपूर्ण था। वह अपने पहले समर गेम्स में एक बड़ा पदक जीतने का सपना लेकर आई थीं। लेकिन उनका यह सपना राउंड ऑफ 16 में ही चकनाचूर हो गया। उन्हें वु यू के हाथों सर्वसम्मत निर्णय से हार का सामना करना पड़ा।
निकहत, जो इस प्रतियोगिता में अनसीडेड थीं, ने इससे पहले राउंड ऑफ 32 में जर्मनी की मैक्सी कैरिना क्लॉटज़र को 5:0 से हराया था। इस जीत से उनके आत्मविश्वास में इज़ाफ़ा हुआ था, लेकिन वु यू के खिलाफ उनका मुकाबला उम्मीदों के विपरीत रहा।
इस हार से न केवल निकहत बल्कि भारतीय बॉक्सिंग फैंस भी निराश हुए हैं। निकहत इनकी बेटियों की तरह हैं और उनका हर मुक्का देखा जाता है। चार भारतीय बॉक्सर्स का सफर इस ओलंपिक में यहीं खत्म हो गया है। अमित पंघाल और प्रीती पवार भी राउंड ऑफ 16 में हार गए थे, जबकि जैस्मिन लांबोरिया राउंड ऑफ 32 में बाहर हो चुकी थीं।
हालांकि, उम्मीद अभी भी जिंदा है। टोक्यो 2020 में पदक जीत चुकीं लोवलीना बोरगोहेन और निशांत देव ने अपने-अपने क्वार्टर फाइनल मुकाबलों में जगह बना ली है। लोवलीना अब चीन की टॉप सीडेड ली क़िआन का सामना करेंगी, जबकि निशांत का मुकाबला दूसरी सीड मैक्सिको के मार्को वर्डे से होगा।
निकहत ने अपने हार के बाद कि यह उनके लिए एक बड़ा सीखने का अनुभव था और वह ज़रूर और मजबूत होकर वापस आएंगी। उनके इस सकारात्मक सोच से भारतीय खेल प्रेमियों को निकहत से भविष्य में और भी बड़ी उम्मीदें हैं।
भारतीय मुक्केबाज़ी में महिलाओं ने हमेशा से ही अपनी कड़ी मेहनत और लगन से देश का नाम रोशन किया है। निकहत भी इस कड़ी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। उनकी इस हार से हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि प्लेयर का असली पहचान उसके उतार-चढ़ाव में ही होता है।
निकहत की यह हार एक मौका भी है, एक सबक भी है। इसमें वो सिखाने की कोशिश रही हैं कि हार के बाद ही इंसान जीत के असली मायने समझ पाता है। निकहत की इस यात्रा में हम सभी उनके साथ हैं और उम्मीद करते हैं कि वे अगली बार नई ऊंचाइयों पर पहुंचेंगी।
एक टिप्पणी लिखें