लंदन के अमीरात स्टेडियम में हुए इस चैंपियंस लीग मैच में आर्सेनल ने शख्तर डोनेत्स्क पर 1-0 की मामूली जीत हासिल की। गनर्स इस मैच से पहले प्रीमियर लीग में बॉर्नमाउथ से 2-0 की हार झेल चुके थे। अपनी पुरानी हार को भुलाकर और घरेलू मैदान पर अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन को जारी रखते हुए, आर्सेनल ने मैच शुरू किया। मैच में जीत दर्ज करना जितना महत्वपूर्ण था, उतना ही अपनी गलतियों से सबक लेना भी जरूरी था। खेल में शख्तर के युवा प्रतिभाशाली खिलाड़ी, विशेषकर हीओरही सुडाकव, किसी चुनौती से कम नहीं थे।
शख्तर डोनेत्स्क के लिए वर्तमान में यूक्रेन में जारी संघर्ष के कारण अपने घरेलू लीग मैच लविव और चैंपियंस लीग मुकाबले जर्मनी के गेल्सेनकिर्चन में खेलने पड़ रहे हैं। ऐसी कठिन परिस्थितियों के बावजूद, शख्तर के खिलाड़ियों ने उल्लेखनीय प्रयास किया। उनका आत्मविश्वास और टीम वर्क पूरे गेम के दौरान दर्शकों का ध्यान खींचता रहा। भले ही वे जीत नहीं सके, पर उनका कौशल और टीम भावना प्रशंसनीय थी।
आर्सेनल के लिए इस मैच की जीत उन्हें चैंपियंस लीग के अंतिम 16 में प्रवेश के करीब ले जाती है। इस जीत से गनर्स को नॉकआउट राउंड तक पहुँचने के लिए प्लेऑफ खेलने की जरूरत नहीं पड़ेगी। उनकी टीम में प्रमुख खिलाड़ी जैसे गेब्रियल जीसुस, गेब्रियल मार्टिनेली, और जोर्गिन्हो की भूमिका अहम रही। इस एलिमेंट के होने से उनका टीम संयोजन और भी मजबूत हुआ, और यह उनके गेम को अधिक प्रभावी बनाने में सहायक रहा।
गनर्स की जीत में रफ्तार और रणनीति की कमी
हालांकि आर्सेनल ने जीत दर्ज की, होम फैंस उनकी पारंपरिक रणनीति और आक्रमण शैली की कमी पर सवाल उठाए। गनर्स के प्रदर्शन में उनके आम आक्रामक रवैया से अधिक सावधानियों और डिफेंसिव योजना को देखा गया। कोच मिकेल अर्टेटा की रणनीति के तहत खिलाड़ियों ने गहराई में खेलते हुए शख्तर के अटैक को नियंत्रित करने की कोशिश की। हालांकि, यह स्ट्रेटजी उन्हें ज्यादा गोल करने से रोकती दिखाई दी। प्रशंसकों को उम्मीद थी कि उनकी टीम ज्यादा आक्रामक खेलेगी।
आर्सेनल के आक्रामक खिलाड़ियों के प्रदर्शन को देखा जाए तो विशेषत: रहीम स्टर्लिंग की कोशिशें काफी प्रभावी दिखीं। किन्तु, उनका हालिया फॉर्म और बॉर्नमाउथ के खिलाफ उनकी जल्दी सब्स्टीट्यूशन ने कुछ शंकाएं खड़ी की। खेल में शख्तर के जमा पड़े डिफेंस को भेदने की उनकी कोशिश जारी रही, लेकिन किए गए प्रयासों में उन्हें ज्यादा सफलता नहीं मिली। वास्तविकता यह है कि अक्सर मौके बनाने की क्षमता ने जीत के साथ-साथ स्ट्रैटेजी को भी शक के घेरे में रखा।
यह मैच Amazon Prime Video पर प्रसारित हुआ और इसके दौरान अत्यधिक दर्शक शामिल हुए। यह देखा गया कि फुटबॉल की लोकप्रियता कैसे एक वैश्विक मंच पर उच्चतम स्तर पर पहुंच चुकी है। विशेष रूप से भारतीय इलाकों में फुटबॉल के मोह का उपभोक्ता ग्राफ लगातार उर्ध्वगामी है। प्रधानमंत्री समय से शुरू होने वाले इस प्रसारण ने फुटबॉल प्रेमियों के लिए एक नई रोशनी डाली।
बदलते परिवेश और आर्थिक असर
आर्सेनल के इस प्रदर्शन ने फुटबॉल उद्योग में वित्तीय पहलुओं को भी उजागर किया। क्लबों के लिए चैंपियंस लीग में प्रदर्शन का सीधा असर उनकी ब्रांड वैल्यू और राजस्व पर होता है। हर जीत उन्हें स्पॉन्सरशिप और मीडिया अधिकारों से अधिक लाभ पहुंचाती है। समकालीन डिजिटल प्लेटफार्म्स पर अधिकतम व्यूअरशिप इन्हें दर्शकों के पसंदीदा बना देता है। हालांकि, शख्तर के चुनौतीपूर्ण समय में भी उनके कठिन हालातों ने दिखाया कि खेल कैसे आशा की किरण बन सकता है। उनका संघर्ष दर्शकों के लिए प्रेरणा बनता है।
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