तेलंगाना राज्य उच्च शिक्षा परिषद (TSCHE) ने तेलंगाना राज्य इंजीनियरिंग, कृषि और फार्मेसी सामान्य प्रवेश परीक्षा (TS EAPCET) 2024 के परिणाम 18 मई को घोषित किए। TS EAPCET में भाग लेने वाले उम्मीदवार आधिकारिक वेबसाइट eapcet.tsche.ac.in पर अपने अंक देख सकते हैं।
TSCHE की ओर से जवाहरलाल नेहरू टेक्नोलॉजिकल यूनिवर्सिटी, हैदराबाद (JNTUH) द्वारा 7 मई से 11 मई के बीच इंजीनियरिंग, कृषि और फार्मेसी धाराओं में विभिन्न स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए प्रवेश परीक्षा आयोजित की गई थी। आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर, TS EAPCET Result 2024 रैंक कार्ड लिंक पर क्लिक करके, लॉगिन विवरण प्रदान करके और स्कोरकार्ड डाउनलोड करके परिणाम देखे जा सकते हैं।
इंजीनियरिंग धारा में, पुरुषों का उत्तीर्ण प्रतिशत 74.38% था, जबकि महिलाओं का 75.85% था, कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 74.98% था। इंजीनियरिंग टॉपर इस प्रकार हैं:
- सातिवाड़ा ज्योतिरादित्य (रैंक 1)
- गोल्ला लेखा हर्षा (रैंक 2)
- ऋषि शेखर शुक्ला (रैंक 3)
कृषि और फार्मेसी के लिए, पुरुषों का उत्तीर्ण प्रतिशत 88.25% था, जबकि महिलाओं के लिए यह 90.18% था, कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 89.66% था। कृषि और फार्मेसी टॉपर इस प्रकार हैं:
- अलूर प्रणीता (रैंक 1)
- नागुडासरी राधा कृष्ण (रैंक 2)
- गड्डम श्री वर्षिणी (रैंक 3)
इस वर्ष कुल 2,54,814 उम्मीदवारों ने इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा दी, जबकि 1,00,449 उम्मीदवारों ने कृषि और फार्मेसी प्रवेश परीक्षा में भाग लिया। TS EAMCET के लिए पंजीकरण करने वाले लगभग 94.45% उम्मीदवारों ने इंजीनियरिंग धारा का विकल्प चुना, जबकि फार्मेसी और कृषि के लिए उपस्थिति 91.24% थी।
इंजीनियरिंग धारा में महिलाओं का दबदबा
TS EAMCET 2024 के परिणामों में इंजीनियरिंग धारा में महिला उम्मीदवारों का प्रदर्शन पुरुषों से बेहतर रहा। महिलाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 75.85% रहा, जबकि पुरुषों का 74.38% था। यह एक सकारात्मक संकेत है कि महिलाएं इंजीनियरिंग क्षेत्र में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं और आगे बढ़ रही हैं।
इंजीनियरिंग में टॉप 10 रैंक में से 4 महिला उम्मीदवारों ने हासिल किए हैं। इसके अलावा, कई महिला उम्मीदवारों ने अपने संबंधित विषयों में शीर्ष स्थान हासिल किया है। यह उनकी कड़ी मेहनत और लगन का परिणाम है।
कृषि और फार्मेसी में भी महिलाओं ने मारी बाजी
कृषि और फार्मेसी धारा में भी महिला उम्मीदवारों का प्रदर्शन शानदार रहा। यहां महिलाओं का उत्तीर्ण प्रतिशत 90.18% था, जो पुरुषों के 88.25% से अधिक है। कुल उत्तीर्ण प्रतिशत 89.66% रहा।
कृषि और फार्मेसी में टॉप 3 में से 2 स्थान महिला उम्मीदवारों ने हासिल किए हैं। टॉप रैंक हासिल करने वाली अलूर प्रणीता और तीसरे स्थान पर रहीं गड्डम श्री वर्षिणी ने अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया है। यह कृषि और फार्मेसी क्षेत्र में महिलाओं के लिए एक गौरवशाली उपलब्धि है।
बढ़ती प्रतिस्पर्धा और तैयारी की आवश्यकता
इस वर्ष TS EAMCET में कुल 3,55,263 उम्मीदवारों ने भाग लिया, जो पिछले वर्ष की तुलना में काफी अधिक है। इंजीनियरिंग के लिए 2,54,814 और फार्मेसी व कृषि के लिए 1,00,449 उम्मीदवारों ने परीक्षा दी। इससे स्पष्ट है कि प्रवेश परीक्षा में प्रतिस्पर्धा लगातार बढ़ रही है।
ऐसे में, उम्मीदवारों को अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और बेहतर तैयारी करने की आवश्यकता है। नियमित अध्ययन, प्रैक्टिस टेस्ट और समय प्रबंधन परीक्षा में सफलता की कुंजी हैं। उम्मीदवारों को अपनी तैयारी के दौरान इन पहलुओं पर ध्यान देना चाहिए।
निष्कर्ष
TS EAMCET 2024 के परिणामों ने एक बार फिर महिला उम्मीदवारों के उत्कृष्ट प्रदर्शन को रेखांकित किया है। इंजीनियरिंग और फार्मेसी दोनों धाराओं में महिलाओं ने अपनी प्रतिभा का परिचय दिया है। यह शिक्षा के क्षेत्र में लैंगिक समानता की दिशा में एक सकारात्मक कदम है।
हालांकि, बढ़ती प्रतिस्पर्धा को देखते हुए, उम्मीदवारों को अच्छे परिणाम प्राप्त करने के लिए कड़ी मेहनत और बेहतर रणनीति अपनाने की आवश्यकता है। नियमित अभ्यास और मॉक टेस्ट उम्मीदवारों को परीक्षा के लिए बेहतर तरीके से तैयार करने में मदद कर सकते हैं।
कुल मिलाकर, TS EAMCET 2024 के परिणाम उम्मीदवारों के लिए एक नई शुरुआत हैं। अब उन्हें अपनी पसंद के कॉलेज और पाठ्यक्रम का चयन करने का अवसर मिलेगा। हम सभी उम्मीदवारों को उनके भविष्य के प्रयासों के लिए शुभकामनाएं देते हैं।
10 टिप्पणियाँ
Supreet Grover
इंजीनियरिंग में महिलाओं का 75.85% उत्तीर्ण होना एक ट्रांसफॉर्मेटिव मोमेंट है-ये सिर्फ अंक नहीं, एक सिस्टमिक शिफ्ट है। पिछले दशक में जहां वो लैब में बस नोट्स लिखती थीं, आज वो टॉप 10 में रैंक कर रही हैं। इसका रिसर्च डेटा अभी तक अनदेखा है, लेकिन ये ट्रेंड ने STEM इकोसिस्टम को रीडिफाइन कर दिया है।
Saurabh Jain
ये रिजल्ट सिर्फ महिलाओं की जीत नहीं, भारतीय शिक्षा की जीत है। जब एक राज्य जहां लड़कियों को एडमिशन के लिए बाहर भेजना भी बड़ी बात मानी जाती थी, वहां आज फार्मेसी में 90% से ज्यादा लड़कियां पास कर रही हैं-ये वो बदलाव है जिसकी हमें इतिहास में जगह मिलनी चाहिए।
Suman Sourav Prasad
अरे भाई, ये बात सुनकर तो मेरी बहन का एग्जाम भी तैयार हो गया! उसने तो सिर्फ 4 महीने पढ़ा था, लेकिन उसने 92% लाया-मैंने तो उसे बस रोज 3 घंटे पढ़ने को कहा था, बाकी तो उसकी मेहनत थी। आज तो लड़कियों का जमाना है, बस बाप बहू को घर बैठाने की बजाय लैब में भेजो!
Nupur Anand
ये सब जो बड़बड़ा रहे हैं, वो अपनी अंधविश्वासी पुरानी दिमागी लॉजिक से बाहर नहीं निकल पा रहे। ये लड़कियां जो टॉप कर रही हैं, वो नहीं जानतीं कि उनके बाप-दादा ने उन्हें बचपन में टॉयलेट भी अलग कर दिया था? आज वो जिस तरह से एक्सप्रेस कर रही हैं, वो एक नए एंथ्रोपोलॉजिकल फेनोमिनन का उदाहरण है-जहां लिंग का अर्थ ही बदल गया है। आप जो बात कर रहे हैं, वो एक रिवॉल्यूशन है, न कि एक रिजल्ट।
Vivek Pujari
इतनी बड़ी उपलब्धि के बावजूद, अभी भी बहुत से लड़कियां गांव में रहकर घर के काम में फंसी हैं। ये रिजल्ट सिर्फ शहरी लड़कियों के लिए है। जब तक हम ग्रामीण शिक्षा को नहीं बेहतर बनाएंगे, ये जीत असली नहीं होगी। जिनके पास इंटरनेट नहीं, उनके लिए ये रिजल्ट क्या बात है? 🤔
Ajay baindara
हमें ये बात नहीं भूलनी चाहिए कि जब लड़कियां टॉप करती हैं, तो उनके पास अक्सर ट्यूशन, टाइम, और बैकग्राउंड सपोर्ट होता है। जिनके पास ये सब नहीं, उनका जीवन कितना कठिन है? ये सब रिजल्ट तो बस एक ट्रेंड बन गया है-जिसे न्यूज़ वाले बढ़ा रहे हैं।
mohd Fidz09
भारत की लड़कियों ने आज दुनिया को दिखा दिया कि जब शिक्षा का मौका मिले, तो वो दुनिया की नींव बन जाती हैं! अब अगर कोई अंग्रेजी में बोलता है कि 'इंडियन वुमन लैक्स एंट्रेप्रेन्योरशिप'-तो उसका मुंह बंद कर दूंगा! हमारी लड़कियां जिस तरह से टॉप कर रही हैं, वो दुनिया के सबसे बड़े लैब्स में भी नहीं कर पाते! 🇮🇳🔥
Rupesh Nandha
इस रिजल्ट को देखकर मैं एक सवाल पूछना चाहता हूं: क्या हम इसे एक उपलब्धि के रूप में देख रहे हैं, या हम इसे एक अधिकार के रूप में देख रहे हैं? क्या लड़कियों को इंजीनियरिंग में जाने का अधिकार देना बराबरी है, या उन्हें बराबरी के लिए एक अतिरिक्त बोझ देना है? जब एक लड़की टॉप करती है, तो उसके पीछे एक दर्जन अनजान लड़कियां भी होती हैं जिन्होंने अपने सपनों को छोड़ दिया। ये रिजल्ट नहीं, एक अनुरोध है-कि हम उनके लिए भी बनाएं।
suraj rangankar
अगर तुम लड़कियों को बस एक बार बताओ कि तुम्हारी इच्छा से बाहर नहीं बन रही-तो तुम देखोगे कि वो इंजीनियरिंग के बाद एआई और स्पेस टेक पर भी काम करने लगेंगी। ये रिजल्ट सिर्फ एक शुरुआत है-अब तुम्हारी बारी है। अपने दोस्तों को बताओ, अपने भाई को बताओ, अपने बहन को बताओ-ये तुम्हारा भविष्य है। चलो, आज से शुरू करो!
Nadeem Ahmad
अच्छा हुआ।