जब आप शेयर बेच, स्टॉक को बाजार में बेचने की क्रिया, जिससे पूँजी मुक्त होती है और लाभ या नुकसान तय होता है. सेयर सेल की बात करते हैं, तो अक्सर दो बिचार आते हैं – क्या लाभ बुक कर रहा हूँ या भविष्य की संभावनाओं को छोड़ रहा हूँ? यही सवाल इस पेज के सभी लेखों का केंद्र है।
शेयर बेचने के निर्णय शेयर बाजार, भारत में लिस्टेड कंपनियों के स्टॉक्स का समुच्चय, जहाँ कीमतें मांग‑आपूर्ति के आधार पर बदलती हैं के कई संकेतकों से जुड़ा होता है। उदाहरण के लिए, अगर डिविडेंड, किसी कंपनी द्वारा शेयरधारकों को दिया गया मुनाफे का हिस्सा घोषित किया जाता है, तो बहुत से निवेशक इसे बेचने के बजाय रख लेते हैं। वहीं, RBI की बैंकरॉल नीति या रेपो दर में बदलाव शेयर बेच के विचार को तुरंत प्रभावित कर सकता है, क्योंकि यह मौद्रिक स्थिति को बदलता है और इक्विटी में पूँजी प्रवाह को दिशा देता है।
पहला कारक है इंटरिम डिविडेंड, वित्तीय वर्ष के मध्य में दिया गया अस्थायी लाभांश, जो अक्सर अल्पकालिक मूल्य वृद्धि लाता है। जब किसी बड़ी कंपनी जैसे TCS ने इंटरिम डिविडेंड की घोषणा की, तो उसका शेयर मूल्य अस्थायी रूप से ऊपर जा सकता है, जिससे बेचने का मोमेंट सही लग सकता है। दूसरा कारक है RBI नीति, रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया की मौद्रिक नीति, जो ब्याज दरों और तरलता को नियंत्रित करती है। अगर RBI रेपो दर घटाती है, तो फिक्स्ड इनकम की आकर्षण कम होती है और इक्विटी में पूँजी बहते हैं, जिससे शेयर की कीमतें उठती हैं – यही वह अवसर है, जब बेचने से अधिक लाभ मिल सकता है। तीसरा कारक है बाज़ार सूचकांक जैसे निफ्टी, देश के सबसे बड़े 50 स्टॉक्स का सूचकांक, जो समग्र बाजार दिशा दर्शाता है और सेंसेक्स, 30 प्रमुख कंपनियों का प्रमुख सूचकांक, जो निवेशकों की मनोवस्थिति को प्रतिबिंबित करता है। अगर निफ्टी लगातार गिर रही हो, तो कई निवेशक नुकसान को रोकने के लिए बेचने का विकल्प चुनते हैं।
इन सभी कनेक्शन को देखते हुए, हमारा लेख संग्रह आपको बताएगा कि कब डिविडेंड की घोषणा के बाद पकड़े रहना चाहिए, कब RBI की नीति बदलाव का फायदा उठाकर शेयर बेचना चाहिए, और निफ्टी‑सेंसेक्स के ट्रेंड को कैसे पढ़ना चाहिए। आगे आप पाएँगे केस स्टडी, ट्रीडिंग टिप्स और वास्तविक बाजार डेटा जो आपके शेयर बेचने के निर्णय को ठोस आधार देगा। अब नीचे की सूची में आपके लिए तैयार किए गए लेखों को देखिए – हर एक में एक नया परिप्रेक्ष्य और व्यावहारिक सलाह है।
LG Electronics India ने 7 अक्टूबर को ₹11,607 करोड़ का IPO लॉन्च किया, 10.18 करोड़ शेयर बेचते हुए 85% हिस्सेदारी रखी। IPO पूरी तरह से बुक हुआ, लेकिन 47× P/E का मूल्यांकन कुछ विशेषज्ञों ने महँगा माना।
©2025 iipt.co.in. सर्वाधिकार सुरक्षित