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आपातकालीन लैंडिंग का मतलब और क्यों होती है?

जब भी पायलट को लगे कि विमान को तुरंत जमीन पर उतारना जरूरी है, तो उसे आपातकालीन लैंडिंग कहते हैं। ये अचानक नहीं होता; कई बार तकनीकी खराबी, मौसम की बुरी स्थिति या स्वास्थ्य समस्या के कारण तय किया जाता है। एयरलाइन और पायलट दोनों का लक्ष्य होते हैं कि सभी लोग सुरक्षित रहें, चाहे हवाई अड्डा दूर ही क्यों न हो।

मुख्य कारण क्या-क्या हो सकते हैं?

सबसे आम कारण इंजिन की खराबी या इंधन खत्म होना है। कभी‑कभी कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी, हवा का तेज़ झोंका या धुंध भी लैंडिंग को जरूरी बना देता है। अगर कोई मरीज बेहोश हो जाए तो डॉक्टर के पास जल्दी पहुँचाने के लिये भी आपातकालीन लैंडिंग तय की जाती है।

पायलट और एयरलाइन कैसे संभालते हैं?

पहले पायलट ATC (एयर ट्रैफ़िक कंट्रोल) को अपनी स्थिति बताते हैं और सबसे नज़दीकी हवाई अड्डे पर लैंड करने का अनुरोध करते हैं। एयरलाइन तुरंत कस्टमर सर्विस टीम को सूचना देती है, ताकि यात्रियों को समझाया जा सके क्या हो रहा है। कई बार एयर्सर्विस कारें या बसें भी तैयार रखी जाती हैं ताकि आपातकालीन लैंडिंग के बाद जल्दी ट्रांसफ़र किया जा सके।

पायलट को सिम्पल स्टेप्स फॉलो करने होते हैं: इंधन बचाना, एरोडायनामिक कंट्रोल बनाए रखना और लैंडिंग गियर ठीक से डिप्लॉय करना। अगर दो‑तीन इंजिन में समस्या हो तो भी बचे हुए इंजन से विमान चलाते हैं, क्योंकि आधुनिक जेट बहुत भरोसेमंद होते हैं।

एयरलाइन की जिम्मेदारी होती है कि सभी सुरक्षा निर्देशों का पालन किया जाए। सीटबेल्ट साइन ऑन होने पर यात्रियों को तुरंत सीट बेल्ट बांधना चाहिए और सीट बैक को फुल लेन में रखना चाहिए। फ्लाइट अटेण्डेंट्स भी जल्दी‑जल्दी चेकलिस्ट चलाते हैं, जैसे ऑक्सीजन मास्क की जाँच और एमरजेंसी लाइट्स चालू करना।

अगर आप खुद यात्री हों तो सबसे जरूरी बात है शान्त रहना। पायलट या काबिन क्र्यू को भरोसा रखें; वे हर स्थिति के लिए ट्रेंड होते हैं। सीट बेल्ट हमेशा बंधे रखें, क्योंकि अचानक डिक्शनरी हो सकती है। एमरजेंसी एक्सिट की लोकेशन याद रखिए और इमरजेंसी लाइट्स देख कर संकेत दें अगर आप बाहर निकलने में मदद चाहते हों।

एक छोटी सी बात जो अक्सर भूल जाती है: इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस का इस्तेमाल बंद या एयरप्लेन मोड पर रखें, ताकि पायलट को कोई इंटरफ़ेरेंस न हो। यदि मोबाइल बैटरी खत्म हो रही हो तो अब तक की सभी जानकारी नोट कर लें—जैसे फ़्लाइट नंबर, लैंडिंग एयरपोर्ट और कस्टमर सर्विस का फोन।

आपातकालीन लैंडिंग के बाद अक्सर यात्रियों को होटल या वैकल्पिक फ्लाइट में बदला जाता है। एयरलाइन रिफंड या वाउचर देती हैं, इसलिए उनके नियम पढ़ें। अगर आपका सामान अभी तक नहीं आया तो कस्टम क्लेयरेंस में थोड़ा समय लग सकता है; धैर्य रखें और पूछताछ डेस्क से मदद लें।

ऐसे कई प्रसिद्ध आपातकालीन लैंडिंग के केस रहे हैं, जैसे 2009 की ‘एयर फ्रांस’ फ्लाइट जहाँ पायलट ने सफलतापूर्वक लंदन में लैंड किया या 2018 की ‘जेटब्ल्यू’ की हवाई दुर्घटना। इन कहानियों से पता चलता है कि सही तैयारी और टीमवर्क से बड़ी समस्याएँ भी हल हो सकती हैं।

सारांश में, आपातकालीन लैंडिंग एक ऐसी स्थिति है जहाँ पायलट को जल्दी‑जल्दी सुरक्षित जमीन पर उतरना पड़ता है। यात्रियों के लिए सबसे ज़रूरी है शान्त रहना, सीट बेल्ट बंधे रखना और काबिन क्र्यू की बात सुनना। अगर इन चीज़ों का ध्यान रखेंगे तो कोई भी आपातकालीन लैंडिंग आसान बन जाएगी।

एयर इंडिया एक्सप्रेस की बेंगलुरु-कोच्चि उड़ान में इंजन में लगी आग, आपातकालीन लैंडिंग
  • मई 19, 2024
  • के द्वारा प्रकाशित किया गया Divya B

एयर इंडिया एक्सप्रेस की बेंगलुरु-कोच्चि उड़ान में इंजन में लगी आग, आपातकालीन लैंडिंग

18 मई, 2024 को एयर इंडिया एक्सप्रेस की बेंगलुरु से कोच्चि जा रही उड़ान संख्या IX 1132 को इंजन में आग लगने की वजह से रात 11:12 बजे बेंगलुरु एयरपोर्ट पर आपातकालीन लैंडिंग करनी पड़ी। सभी 179 यात्रियों और 6 क्रू मेंबर्स को सुरक्षित निकाल लिया गया।

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