मिलानो-कोर्टिना 2026 के लिए एरियाना फोंटाना का दोहरा लक्ष्य
इटली की शॉर्ट ट्रैक स्पीड स्केटर और 11 बार की ओलंपिक पदक विजेता एरियाना फोंटाना मिलानो-कोर्टिना 2026 विंटर ओलंपिक्स में शॉर्ट ट्रैक और लॉन्ग ट्रैक स्पीड स्केटिंग, दोनों में भाग लेने की तैयारी कर रही हैं। यह निर्णय फोंटाना ने पांच साल से अधिक समय पहले ही किया था, जब मिलान-कोर्टिना विंटर गेम्स के प्रस्ताव ने उनकी इस नई महत्वाकांक्षा को बढ़ावा दिया।
महामारी और ट्रेनिंग बाधाओं का सामना
बीजिंग 2022 विंटर गेम्स से पहले लॉन्ग ट्रैक की ओर बढ़ने की उनकी योजना थी, लेकिन COVID-19 महामारी ने उनके दोनों खेलों के लिए ट्रेनिंग में कई बाधाएँ पैदा कीं। महामारी के कारण हुए व्यवधानों के बावजूद, बीजिंग खेलों के बाद फोंटाना ने लॉन्ग ट्रैक के लिए अपनी ट्रेनिंग शुरू की और अब वरिष्ठ लॉन्ग ट्रैक स्पर्धाओं में अपनी शुरुआत कर चुकी हैं।
यूटा और मॉन्ट्रियल में ट्रेनिंग
एरियाना फोंटाना ने खासतौर पर यूटा और मॉन्ट्रियल में प्रशिक्षण लिया है, जहां उन्होंने मास स्टार्ट और टीम परस्यूट की नई चुनौतियों का सामना किया। ओलंपिक लॉन्ग ट्रैक कार्यक्रम में इन इवेंट्स को नया जोड़ा गया है, और फोंटाना की योजना इटली को पहली बार महिला टीम परस्यूट इवेंट के लिए क्वालिफाई करने में मदद करने की है।
चुनौतीपूर्ण कार्यक्रम
फोंटाना ने इस अक्टूबर के अंत में चयन दौड़ में भाग लेने का प्लान बनाया है ताकि लॉन्ग ट्रैक में वर्ल्ड कप के लिए क्वालिफाई किया जा सके, वहीं अंतरराष्ट्रीय तौर पर शॉर्ट ट्रैक में भी प्रतिस्पर्धा जारी रहेगी। मार्च में शॉर्ट ट्रैक और लॉन्ग ट्रैक दोनों के विश्व चैंपियनशिप एक ही सप्ताहांत में होने वाले हैं, और अगर वह दोनों के लिए क्वालिफाई करती हैं, तो उसे तय करना होगा कि किस इवेंट को प्राथमिकता दी जाए।
ऐतिहासिक अवसर
अगर एरियाना फोंटाना सफल रहती हैं, तो वह छः ओलंपिक्स में शॉर्ट ट्रैक में प्रतिस्पर्धा करने वाली पहली व्यक्ति बनेंगी और शॉर्ट ट्रैक में सबसे अधिक उम्र की महिला पदक विजेता बनेंगी। उनकी करियर हाइलाइट्स के सामने देखते हुए, वे 2006 में 15 वर्ष की आयु में विंटर ओलंपिक्स में पदक जीतने वाली सबसे युवा इटालियन बनी थीं और वे इटली की ओर से सबसे अधिक विंटर ओलंपिक पदक जीतने का रिकॉर्ड भी रखती हैं, जिनकी संख्या 11 है।
घरेलू ओलंपिक्स का सपना
एरियाना फोंटाना का लॉन्ग-टर्म लक्ष्य मिलानो-कोर्टिना 2026 में अपने घरेलू ओलंपिक्स में प्रतिस्पर्धा कर उच्चतम स्तर पर अपने करियर का समापन करना है, जो ट्यूरिन 2006 में उनके डेब्यू के बीस साल बाद होगा। यह उनके लिए एक बहुत ही भावुक और प्रेरणादायक लक्ष्य है, और उन्होंने इसे पाने के लिए बेहद मेहनत की है।
15 टिप्पणियाँ
Harshil Gupta
हर्षिल: एरियाना का दोहरा लक्ष्य वाकई में किफ़ायती है, क्योंकि शॉर्ट ट्रैक में उनका अनुभव लॉन्ग ट्रैक की बेसिक एरोडायनामिक्स को समझने में मदद करता है। ट्रेनिंग का मिश्रण यूटा और मॉन्ट्रियल जैसे हाई-लैटिट्यूड सेंटर्स में करने से उनकी सहनशक्ति बढ़ेगी। साथ ही, टीम परस्यूट में क्वालिफ़ाई करने की उनकी योजना इटली की टीम को नया मोटिवेशन देगी। मैं देख रहा हूँ कि अगर वह दोनों इवेंट में क्वालिफ़ाई कर लें, तो उनका मैनेजमेंट टीम को भी कई लॉजिस्टिकल चुनौतियों का सामना करना पड़ेगा, परंतु यह एक शानदार इतिहास रचने का मौका है।
Rakesh Pandey
राकेश: एरियाना को दो स्पोर्ट्स में उलझाना तो शॉर्टकट नहीं है, यह एक बड़ा जोखिम है 😀 जब तक वह दोनों में टॉप फॉर्म नहीं दिखा लेती, तब तक उन्हें ओलंपिक मेडल की उम्मीद नहीं करनी चाहिए। उनकी प्लानिंग काफी बेतुकी लगती है, और यह कई बार देखा गया है कि मल्टी-डिसिप्लिन ऐथलीट्स के लिए फोकस टूट जाता है।
Simi Singh
सिमी: क्या आप नहीं देखते कि यहाँ के सिल्वर प्लेटर्स उन विदेशी कोचों के साथ साजिश रच रहे हैं? एरियाना की दोहरी ट्रेनिंग को सरकार की कुछ गुप्त योजना का हिस्सा बताया जा रहा है, जो केवल कुछ ही लोगों को पता है।
Rajshree Bhalekar
राजश्री: ये खबर सुन कर मेरा दिल बहुत धड़क गया, एरियाना की मेहनत को देखकर आँखों में आँसू आ गये। उनका सपना अपने घर के ओलंपिक में जीतना हर किसी के लिए प्रेरणा है।
Ganesh kumar Pramanik
गणेश: भाई लोग, फ़ोंटाना का प्लान देख के मस्त लग रहा है, जइसे दोनो डिसिप्लिन में उन्का डैडजैम्प देख सकें। इटली में इब्बे नया रेकार्ड बनानै का जज्बा है, हमें भी सपोर्ट करना चाहिए।
Abhishek maurya
अभिषेक: मैं समझता हूँ कि एरियाना का दोहरा लक्ष्य हाई-एम्बिशन की बात है, परंतु यहाँ कई पहलुओं को नजरअंदाज़ नहीं किया जा सकता। सबसे पहले, शारीरिक थकान का स्तर दोनों डिसिप्लिन में अलग-अलग रहता है और वर्ल्ड कप सत्रों में लगातार प्रतियोगिताओं का शेड्यूल बहुत सख़्त है। इसके अलावा, लॉन्ग ट्रैक की तकनीकी आवश्यकताएँ शॉर्ट ट्रैक से काफी भिन्न होती हैं, जिससे प्रशिक्षण के दौरान दोनों में संतुलन बनाना मुश्किल हो जाता है। मैं यह भी जोड़ना चाहूँगा कि यदि वह दोनों इवेंट में क्वालिफ़ाई नहीं कर पाए, तो उनके टाइम मैनेजमेंट और मेडिकली रिस्क पर सवाल उठेंगे, और यह राष्ट्रीय टीम में एक बड़े संघर्ष की ओर ले जा सकता है।
Sri Prasanna
श्री: एरियाना को दोनो में जाना चाहिए नहीं एरियाना है तो सिर्फ एक में ही होनी चाहिए जब तक उसे दोनो में सतही पकड़ नहीं मिलती
Sumitra Nair
सुमित्रा: प्रिय पाठकों, एरियाना फोंटाना के इस अद्भुत साहस पर मैं गहरी श्रद्धा व्यक्त करना चाहता/चाहती हूं। उनका दोहरा प्रयास न केवल व्यक्तिगत दृढ़ता का प्रतीक है, बल्कि इतिहास में एक नई कड़ी का निर्माण भी करेगा। 🏅 यह एक ऐसी कहानी है जो हमारे राष्ट्र के सामूहिक आत्मविश्वास को पुनः उभारती है, और यह दर्शाती है कि किस प्रकार एक एथलीट अपने सपनों को सच्चाई में बदल सकता है।
Ashish Pundir
अशिष: एरियाना की योजना बहुत दिलचस्प है
gaurav rawat
गौरव: बधाई हो फोंटाना जी! तुम्बे ऐसा दोहरा प्लान बनायो जो अपने आप में एक मोटिवेशन है 🙌 ट्रेनिंग में थकान तो होगी पर तुम कमिटेड रहोगी तो पिच बेस्ट पाओगी।
Vakiya dinesh Bharvad
वकीया: एरियना जी जैसा एथलीट हमारे देश में बहुत कम मिलता है, उनकी कोशिशों से इटली की विंटर स्पोर्ट्स संस्कृति में नया रंग जुड़ता है :)
Aryan Chouhan
आर्यन: ये दो स्पोर्ट्स में डुबकी तो फैंसी लगती है पर असल में टाइम मैनेजमेंट गड़बड़ है, एरियाना को फोकस चाहिए।
Tsering Bhutia
तेसिंग: एरियाना फोंटाना का दोहरा लक्ष्य न केवल व्यक्तिगत महत्व रखता है, बल्कि इटली के विंटर खेलों के इतिहास में एक नया अध्याय जोड़ता है। यह देखना आनंददायक है कि वह शॉर्ट ट्रैक की तेज़ रफ़्तार और लॉन्ग ट्रैक की स्थायी सहनशक्ति दोनों में उत्कृष्टता हासिल करने की कोशिश कर रही हैं। उनके ट्रेनिंग सत्र यूटा की ऊँचाई और मॉन्ट्रियल की ठंडी हवा में विशेष रूप से कठोर होते हैं, जो उनकी शारीरिक सीमा को आगे बढ़ाते हैं। इस तरह के दोहरे कार्यक्रम में मानसिक दृढ़ता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है, क्योंकि प्रतिस्पर्धा के दबाव से निपटने के लिए उन्हें दो अलग-अलग रणनीतियों को संभालना पड़ता है। उन्होंने पहले ही कई राष्ट्रीय रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं, और अब उनका लक्ष्य अंतर्राष्ट्रीय मंच पर नई उपलब्धियों को हासिल करना है। यदि वे दोनों इवेंट में क्वालिफ़ाई करती हैं, तो यह एक अनूठी उपलब्धि होगी जो पिछले कई दशक की प्रतियोगियों को पीछे छोड़ देगी। इस बात का भी उल्लेख है कि उनका यह कदम युवा एथलीट्स को प्रेरित करेगा, जो बहु-डिसिप्लिन को अपनाने की हिम्मत करेंगे। साथ ही, इटली की स्पोर्ट्स प्रशासन को भी इस नई चुनौती के लिए बेहतर समर्थन और संसाधन प्रदान करने की आवश्यकता होगी। उनके कोचिंग स्टाफ ने अब तक के सबसे कठोर ट्रेनिंग शेड्यूल को तैयार किया है, जिसमें एरोडायनामिक तकनीक, पावर आउटपुट, और रेस्टोरेशन रणनीतियों का संतुलन शामिल है। एरियाना ने यह भी कहा है कि वह अपने घरेलू ओलंपिक में जीतना चाहती हैं, जिससे दर्शकों के दिलों में गहरी जुड़ाव बनेगा। यह भावनात्मक जुड़ाव न केवल उनके व्यक्तिगत सफर को रोमांचक बनाता है, बल्कि राष्ट्रीय गौरव को भी बढ़ाता है। दोनो इवेंट की तैयारी में वह अपने शरीर को अलग-अलग पोषण और रिकवरी मोड में रखती हैं, जिससे उनका समग्र स्वास्थ्य बना रहे। यह एक अत्यंत रणनीतिक कदम है जो दर्शाता है कि वह केवल शारीरिक नहीं, बल्कि वैज्ञानिक दृष्टिकोण से भी अपनी तैयारी को परिपूर्ण कर रही हैं। अंत में, यह स्पष्ट है कि एरियाना फोंटाना का यह साहसिक कदम विंटर ओलंपिक इतिहास में एक मील का पत्थर बन सकता है, और अगर वह सफल होती हैं तो वह न केवल अपने नाम को चमकाएंगी, बल्कि समस्त इटालियन स्की और स्केटिंग समुदाय को नई दिशा दिखाएंगी।
Narayan TT
नरयान: यदि हम एथलेटिक बहु-आयाम को दार्शनिक दृष्टि से देखेंगे तो फोंटाना का दोहरापन एक अस्तित्ववादी चयन है, परन्तु व्यावहारिक दृष्टि से यह अत्यधिक जोखिमपूर्ण है।
SONALI RAGHBOTRA
सोनाली: एरियाना का यह साहसिक कदम सभी को प्रेरणा देता है। हमें उनका समर्थन करना चाहिए और उनकी ट्रेनिंग में आवश्यक संसाधन प्रदान करने में मदद करनी चाहिए। उनकी सफलता हमारे पूरे खेल समुदाय को आगे बढ़ाएगी।