नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा जेईई मेन 2025 के सत्र 1 के परिणाम 11 फरवरी को घोषित किए गए, लेकिन छात्र अपनी स्कोरकार्ड तक पहुंचने में असमर्थ रहे। जैसे ही परिणाम ऑनलाइन पोर्टल पर उपलब्ध हुए, तकनीकी समस्याओं ने साइट को बंद कर दिया। jeemain.nta.nic.in पर '500 Internal Server Error' दिखाई दिया, जिससे छात्रों को बहुत कठिनाई का सामना करना पड़ा।
इस बीच, स्पॉटलाइट उन 14 छात्रों पर रहा जिन्होंने पेपर 1 (BE/BTech) में 100 NTA स्कोर प्राप्त किया। इनमें राजस्थान के आयुष सिंघल, कर्नाटक के कुशाग्र गुप्ता, और दिल्ली के दक्ष शामिल थे। परिणाम घोषित होने से एक दिन पहले NTA ने अंतिम उत्तर कुंजी जारी की थी, जिसमें विभिन्न पालियों के 12 प्रश्नों को हटाया गया था।
कैसे देखें रिजल्ट
छात्र अपनी स्कोरकार्ड तक पहुंचने के लिए आवेदन संख्या और जन्म तिथि का उपयोग कर सकते हैं। लेकिन यह प्रक्रिया सर्वर समस्याओं के कारण विलंबित रही। इतना ही नहीं, बल्कि साइट के बार-बार ठप होने के कारण अनेक छात्र चिंतित रहे।
आखिरकार, जैसे-जैसे सर्वर ठीक हुआ, छात्रों ने अपने परिणाम देखने शुरू किए। इस बार जेईई एडवांस्ड 2025 के लिए शीर्ष 2.5 लाख छात्र क्वालीफाई करेंगे, जो कि 18 मई को निर्धारित है। यह इस बात को दिखाता है कि कैसे NTA भी बढ़ती तकनीकी मांगों के साथ जूझ रही है।
12 टिप्पणियाँ
Rajan Jayswal
नतीजे में 100 अंक वाले 14 छात्रों की उपलब्धि सराहनीय है, जबकि NTA की सर्वर गड़बड़ी ने कई छात्रों को परेशान किया।
Vaneesha Krishnan
ऐसे तनावपूर्ण समय में परिणाम देखना वाकई में खुशी की बात है 😊 सर्वर की समस्या ने सबको घबराया, लेकिन आप सभी को आगे की पढ़ाई के लिए ढेर सारी शुभकामनाएँ 🌟
Simi Joseph
सिर्फ 14 छात्र ही 100 अंक ले पाए, बाकी लाखों को फँसा दिया सिस्टम ने, यह नाकाबिले‑शराफ़त है।
Partho Roy
जब सिस्टम में जैसे‑जैसे खामियां आ रही थीं, तो यही दिखता है कि डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म की मुख्य ज़िम्मेदारी क्या होती है।
हर बार की गिरावट हमें सोचने पर मजबूर कर देती है कि क्या हम तकनीकी रूप से तैयार हैं।
परन्तु फिर भी, उन 14 छात्रों की मेहनत को नज़रअंदाज़ नहीं किया जा सकता।
उन्हें बधाई देना चाहिए, क्योंकि उन्होंने बाधाओं को पार कर अपनी क्षमता दिखा दी।
आगे के जीनियस जैसे छात्रों के लिए इस नई लहर को प्रेरणा बनाना चाहिए।
Satya Pal
जैसे ही परिणामों का झरना आया, लोग उनकी ऊँची-ऊँची उम्मीदों में डूब गए।
पर NTA के सर्वर ने एक बार फिर दिखा दिया कि कैसे तकनीकी ढाँचा मांद में बदल सकता है।
भले ही 14 छात्र 100 अंक ले कर चमके, पर बाकी लाखों के लिये यह एक कड़वा सच बन गया।
मानव मन की जिज्ञासा और मेहनत को मशीन की चूक नजरअंदाज़ नहीं करनी चाहिए।
अगर हम इस सिस्टीम को गहराई से देखें तो पाएंगे कि कई बीते सालों में भी इस तरह की बग्स रहे।
उन्हीं बग्स ने कई बार छात्रों को दीर्घकालीन तनाव में डाल दिया था।
सोचिए, जब एक विद्यार्थी अपने भविष्य की योजना बना रहा हो और बीच में ही स्क्रीन ब्लैकआउट हो।
ऐसे में उसका मनोबल गिर जाता है और वह डिमोटिवेट हो जाता है।
परन्तु जीवन में असफलताओं का एक ही नियम है – आगे बढ़ते रहना।
इसलिए ये 14 अलग-अलग राज्य के छात्र, जो अपनी मेहनत से 100 अंक तक पहुंचे, हमें सिखाते हैं कि परिश्रम का फल मिलेगा।
वहीं, NTA को चाहिए कि वह अपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत करे, ताकि अगली पीढ़ी की समस्याएं कम हों।
अन्यथा, यह अछूत ज्ञान की राह में कई अड़चनें पैदा करता रहेगा।
विज्ञान और तकनीक का साथ होना चाहिए, न कि एक-दूसरे को रोकना।
भविष्य के लिये यह जरूरी है कि हम इन त्रुटियों को सुधारे और एक भरोसेमंद प्लेटफ़ॉर्म बनाएं।
आखिरकार, हम सभी की सफलता तब ही संभव है, जब प्रणाली भी उतनी ही ठोस हो जितना कि हमारा इरादा।
Harshil Gupta
भाई, सिस्टम की गड़बड़ी तो सौ देर की बात थी, लेकिन इन 14 छात्रों की मेहनत वाकई में काबिले‑तारीफ है। अगर NTA अपने सर्वर को अपडेट कर ले तो आगे और भी कई स्टूडेंट्स को यही सफलता मिल सकती है।
Ahmad Dala
ऐसे छात्रों को देख कर लगता है कि केवल इंडियन एलीट ही सर्वश्रेष्ठ हो सकते हैं, बाकी सब को तो बस सर करना चाहिए।
RajAditya Das
बहुत बढ़िया 🙌
Rakesh Pandey
जब मैं कहता हूँ कि तकनीकी समस्याएँ अनिवार्य होती हैं, तो आप सब को चाहिए कि आप भी इस बात को समझें कि इस तरह की विफलता को कैसे रोका जा सकता है। इस मुद्दे पर मेरी गहराई से रिसर्च है और मैं बता सकता हूँ कि सर्वर को क्लाउड बेस्ट प्रैक्टिसेज़ के तहत चलाना चाहिए।
Simi Singh
क्या आपको नहीं लगता कि इस सारी गड़बड़ी का कारण बड़े धनी लोगों के कॉर्पोरेट इंटरेस्ट हैं? ये सब सिर्फ एक ऐसा मंच है जो हमें नज़रअंदाज़ कर रहा है।
Rajshree Bhalekar
मैं तो सोचती हूँ, 14 लोग 100 अंक ले के सबको दिखा रहे हैं कि मेहनत से सब कुछ संभव है। लेकिन मैं अपनी पढ़ाई में फँसी हुई हूँ, इस सिस्टम की गड़बड़ी ने मेरा मन उड़ा दिया।
Ganesh kumar Pramanik
बिलकुल सही बात है, देखो ये सिस्टम गड़बड़ी भी एक सिग्नल है कि हमें अपनी इन्फ्रास्ट्रक्चर को अपडेट करना चाहिए।
हम सब को मिलकर इस समस्या पर काम करना चाहिए, नहीं तो आगे और बड़े प्रॉब्लम आ सकते हैं।
आओ, हम सब एक साथ समाधान खोजें!