हिमाचल प्रदेश चुनाव 2024: भाजपा और कांग्रेस की टक्कर
हिमाचल प्रदेश में 2024 के लोकसभा चुनाव परिणामों की घोषणा के लिए लोगों की धड़कनें तेज हो गई हैं। 4 जून, 2024 को सुबह 8 बजे से वोटों की गिनती शुरू हो गई है। इस बार के चुनाव में खास बात यह रही कि महिलाओं ने बहुत उत्साह के साथ भाग लिया। यह चुनाव 1 जून को संपन्न हुए थे और इसमें उच्च मतदान दर्ज किया गया।
उच्च मतदान और महिलाओं की भागीदारी
चार महत्वपूर्ण लोकसभा सीटें मंड़ी, हमीरपुर, शिमला, और कांगड़ा में होने वाले इस चुनाव में कुल 62 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 37 उम्मीदवार लोकसभा सीटों के लिए और 25 उम्मीदवार छह विधानसभा सीटों के लिए मैदान में उतरे थे। राज्य में कुल 71% मतदान हुआ, जिसमें मंड़ी ने सबसे अधिक 73% मतदान दर्ज किया।
महिलाओं की भागीदारी इस चुनाव में देखा गया एक महत्वपूर्ण पहलू था। कई महिलाओं ने इस बार बड़े उत्साह के साथ मतदान किया, जिससे राज्य में महिला मतदाताओं की सराहना हो रही है। यह उत्साही भागीदारी इस बात को दर्शाती है कि महिलाओं में अपने अधिकारों को लेकर जागरूकता बढ़ी है।
विधानसभा सीटों पर भी भारी मतदान
लोकसभा के साथ ही विधानसभा सीटों के लिए भी मतदान हुआ। इनमें कुतलेहर विधानसभा क्षेत्र में सबसे अधिक 76% मतदान हुआ, जबकि अन्य क्षेत्रों में भी भारी जनसमर्थन देखा गया। चुनाव आयोग के अनुसार, सभी मतदान केंद्रों पर प्रयाप्त व्यवस्थाएं की गई थीं जिससे मतदाताओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो।
कुल 62 उम्मीदवार मैदान में
इस बार के चुनावों में कुल 62 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 37 उम्मीदवार चार लोकसभा सीटों के लिए खड़े हुए हैं जबकि 25 उम्मीदवार छह विधानसभा सीटों के लिए मैदान में उतरे हैं। सभी उम्मीदवारों ने जोश और उत्साह के साथ चुनाव प्रचार किया और अब वे परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं।
बीजेपी और कांग्रेस के बीच सबसे बड़ी टक्कर
हिमाचल प्रदेश की चार लोकसभा सीटों के लिए भाजपा और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर मानी जा रही है। दोनों ही पार्टियों ने इस चुनाव में अपने बड़े नेताओं को मैदान में उतारा था और चुनाव प्रचार में कोई कसर नहीं छोड़ी। भाजपा और कांग्रेस दोनों ही पार्टियाँ अपने-अपने उम्मीदवारों की जीत को लेकर आशान्वित हैं।
चुनाव परिणाम की प्रतीक्षा
4 जून की शाम तक हिमाचल प्रदेश के लोकसभा चुनावों के परिणाम घोषित कर दिए जाएंगे। राजनीतिक पक्ष और मतदाता सभी उम्मीद लगाए हुए हैं और परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे हैं। इस बार के चुनाव परिणाम राज्य की राजनीति में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं और यह देखना दिलचस्प होगा कि कौन सी पार्टी विजयी होती है।
यह देखना बाकी है की हिमाचल प्रदेश के मतदाता किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनते हैं। यह चुनाव न केवल राज्य के राजनैतिक परिदृश्य को बल्कि देश की राजनीति पर भी व्यापक प्रभाव डाल सकते हैं। सभी की निगाहें अब इन परिणामों पर टिकी हैं और देशभर के राजनीतिक विश्लेषक भी इस पर गहरी नजर बनाए हुए हैं।
मतदान केंद्रों पर वोटों की गिनती जारी है और परिणामों की घोषणा में अब कुछ ही समय बाकी है।
6 टिप्पणियाँ
Ravindra Kumar
इस चुनाव में महिलाओं का भाग लेना बहुत अच्छा हुआ, लेकिन अब तक कोई नहीं सोचता कि ये सिर्फ एक नाटक है। जब तक महिलाओं को घर से बाहर निकलने की अनुमति नहीं मिलती, तब तक ये सब फर्जी दिखावा है। वोट डालना तो बहुत आसान है, लेकिन उनकी आवाज सुनने का इरादा किसी के पास नहीं।
arshdip kaur
हाँ, बिल्कुल। जब तक महिलाओं को अपने घर के बाहर बिना पुरुषों के साथ जाने की आजादी नहीं मिलेगी, तब तक ये सब चुनावी नाटक हैं। अब तक किसी ने ये नहीं पूछा-क्या ये महिलाएँ वाकई अपने वोट के बारे में सोच रही हैं, या सिर्फ अपने पति, भाई, या पिता के निर्देश पर?
khaja mohideen
ये सब नाटक छोड़ दो। जो भी वोट डाल रहा है, वो अपनी जिम्मेदारी निभा रहा है। इस बार लोगों ने अपनी आवाज बहुत साफ़ दी है। मतदान की दर 71% है-ये कोई छोटी बात नहीं है। अगर आप इसे नाटक कहते हैं, तो आप शायद खुद किसी ने वोट नहीं डाला।
Diganta Dutta
अरे भाई, ये सब बातें तो बहुत पुरानी हो गईं 😅 अब तो सब जानते हैं कि ये चुनाव बस एक बड़ा बाजार है-कांग्रेस का ब्रांड, बीजेपी का ब्रांड, और महिलाओं का ब्रांड बेचा जा रहा है। असली सवाल ये है: जीतने वाला किसके लिए खड़ा है? लोगों के लिए या टिकट के लिए? 🤔
Meenal Bansal
ये चुनाव तो सच में बहुत जबरदस्त रहा! मैंने अपने गाँव में देखा, महिलाएँ अपने बच्चों को लेकर वोटिंग लाइन में खड़ी थीं, और उनकी आँखों में एक अलग ही चमक थी। ये बस एक वोट नहीं, ये एक बदलाव की शुरुआत है। अगर आप इसे नाटक समझते हैं, तो आपको शायद खुद को देखना चाहिए। अगर आपके घर में महिला वोट नहीं डालती, तो आपकी बात का कोई मतलब नहीं। 💪❤️
Akash Vijay Kumar
मतदान की दर 71% है, और मंडी में 73%, कुतलेहर में 76%-ये आंकड़े बहुत महत्वपूर्ण हैं, और इनके पीछे लाखों लोगों की आशाएँ हैं। ये बातें बहुत बड़ी हैं, और इन्हें बस एक नाटक या ब्रांडिंग के रूप में नहीं देखना चाहिए। ये लोगों की आवाज है, और इसका सम्मान करना चाहिए।