बजट 2024: बाजार विशेषज्ञों की सलाह और वित्तीय प्राथमिकताएं
केंद्रीय बजट 2024 के आगमन से पहले भारतीय शेयर बाजार में विशेषज्ञों द्वारा दी जा रही सलाह और अपेक्षाएं आज के समय के महत्वपूर्ण विषय हैं। अनेक निवेशक और बाजार विश्लेषक इस बात पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं कि सरकार किस प्रकार के वित्तीय समेकन और अवसंरचना खर्च को प्राथमिकता देगी, और यह क्षेत्रवार निवेश के लिए क्या मायने रखता है।
वित्तीय समेकन और लक्ष्य
विश्लेषक मॉर्गन स्टेनली ने सुझाव दिया है कि भारतीय निवेशकों को वित्तीय समेकन पर विशेष ध्यान देना चाहिए। यह समेकन सरकार की ओर से वित्तीय घाटे को नियंत्रित करने और आर्थिक स्थिरता बनाए रखने में सहायक होगा। आगामी वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए, सरकार का लक्ष्य वित्तीय घाटे को जीडीपी के 5.1% तक सीमित रखना है। इसके साथ ही, 2025-26 तक इसे जीडीपी के 4.5% तक लाने का लक्ष्य रखा गया है। इस तरह के कदम आर्थिक विकास को ट्रैक पर बनाए रखेंगे।
अवसंरचना खर्च और विकास
बाजार विशेषज्ञ मानते हैं कि सरकार अवसंरचना खर्च में वृद्धि करेगी, जिससे न सिर्फ निर्माण और बुनियादी ढांचे में सुधार होगा, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ेंगे। यह भारतीय अर्थव्यवस्था को गति प्रदान करेगा और दीर्घकालिक विकास को सुनिश्चित करेगा। सड़कों, पुलों, रेलवे स्टेशनों और शहरी विकास में निवेश से अर्थव्यवस्था का निर्माण होगा और उद्योगों को आवश्यक समर्थन मिलेगा।
संदर्भित क्षेत्रवार निवेश
मॉर्गन स्टेनली ने भारतीय बाजार में निवेश के लिए कुछ क्षेत्रों को प्राथमिकता दी है जिनमें खासकर वित्तीय, उपभोक्ता विवेकाधीन, औद्योगिक, और प्रौद्योगिकी क्षेत्र शामिल हैं। ये क्षेत्र भविष्य में बढ़ोतरी के मजबूत संकेत प्रदान कर रहे हैं और निवेशकों को अधिक लाभ की संभावना के साथ अपने निवेश की योजना बनानी चाहिए। वित्तीय क्षेत्र अर्थव्यवस्था की रीढ़ है, जिसमें बैंकिंग और फाइनेंस सर्विसेज शामिल हैं, जबकि उपभोक्ता विवेकाधीन क्षेत्र में वाहन, घरेलू उपकरण और लक्ज़री वस्त्र जैसे उत्पाद शामिल हैं।
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के मूल्यांकन
आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 के अनुसार, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए 6.5-7% की जीडीपी वृद्धि का प्रक्षेपण है। इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार और औद्योगिक सुधार में सुधार के लिए 'ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस' पहल को लेकर है, ताकि व्यवसाय स्थापन और संचालन में तैयारी सुगम और कुशल बने। यह पहल भारतीय अर्थव्यवस्था को और भी आकर्षक निवेश गंतव्य बनाने में मदद कर सकती है।
बाजार की ऐतिहासिक अस्थिरता
शेयर बाजार में ऐतिहासिक तौर पर देखा गया है कि बजट सत्र के आसपास बाजार कभी-कभी अस्थिर होता है। बजट प्रस्तुति के 30 दिनों बाद बाजार में गिरावट की उच्च संभावना होती है, विशेष रूप से यदि महीने भर पहले बाजार में बढ़ोतरी हुई हो। इस स्थिति में निवेशकों को अपने निवेश रणनीतियों में सतर्कता और अनुशासन बनाए रखना चाहिए। यह अस्थिरता कई बार एक अवसर भी हो सकता है, जहां निवेशक दीर्घकालिक दृष्टिकोण से सस्ते दर पर उच्च गुणवत्ता वाली संपत्तियों को खरीद सकते हैं।
विश्लेषकों की विशेष दृष्टिकोण
जाने-माने बाजार विश्लेषक गीतेनन्द का मानना है कि इस वर्ष का बजट कई मायनों में निर्णायक हो सकता है। सरकार की नीतियां और उनके क्रियान्वन पर बाजार की प्रतिक्रिया महत्वपूर्ण होगी। गि�<|vq_7670|>नन्द का यह भी कहना है कि निवेशकों को अपनी निवेश रणनीतियों को लचीला और दृढ़ बनाए रखना चाहिए, ताकि वे बाजार की आगामी परिस्थितियों में खुद को समायोजित कर सकें।
वित्तीय मंत्री की प्रस्तुति
वित्तीय मंत्री निर्मला सीतारमण 23 जुलाई 2024 को केंद्रीय बजट पेश करने वाली हैं। पूरे देश के निवेशक और आर्थिक विशेषज्ञ इस पर नजर बनाए हुए हैं। उनके द्वारा प्रस्तुत की जाने वाली बजट की योजनाएं और नीतियां भारतीय अर्थव्यवस्था के भविष्य के लिए दिशा निर्धारित करेंगी।
बजट 2024 से पहले बाजार विशेषज्ञों की सलाह और वित्तीय प्राथमिकताओं को समझना महत्वपूर्ण है। निवेशकों को वर्तमान बाजार परिस्थिति को देखते हुए और आने वाले समय को ध्यान में रखते हुए अपने निवेश की योजना बनानी चाहिए। इस प्रकार का दृष्टिकोण न केवल उन्हें सुरक्षित निवेश का अवसर देगा बल्कि उन्हें आने वाली संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए भी तैयार करेगा।
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