रिषभ शेट्टी की अगली महाकाव्य फिल्म Kantara Chapter 1 का ट्रेलर 22 सितंबर नवरात्रि के उद्घाटन दिन जारी किया गया, और इसका असर सोशल मीडिया पर तुरंत महसूस हुआ। राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता निर्देशक‑अभिन Yee शेट्टी ने इस प्रीक्वेल को अपने मूल ‘Kantara’ की कहानी के स्रोत‑बिंदु के रूप में पेश किया है, जहाँ कदम्ब राजवंश के समय में गाँव के लोगों को एक क्रूर राजाओं से जूझते दिखाया गया है।
ट्रेलर का मुख्य आकर्षण
ट्रेलर की शुरुआत एक छोटे लड़के के दृश्य से होती है, जो अपने पिता के गायब होने के रहस्य को सुलझाने की कोशिश कर रहा है। इस सस्पेंस‑भरे सफर में, गाँव को खतरे में डालने वाले किंग कलाशेकर (गुलशन देवैह) का काला चेहरा बार‑बार उभरता है, जबकि रिषभ शेट्टी का किरदार बर्मे गांववालों का रक्षक बनकर सामने आता है। बर्मे और कानकावती (रुक्मिणी वासंत) के बीच हल्की‑फुल्की रोमांस भी ट्रेलर में दिखती है, जो कहानी में मानवीय स्पर्श जोड़ती है।
संकेत मिलते हैं कि फिल्म में प्रकृति और अलौकिक शक्ति के बीच एक बड़ा टकराव होगा—एक जंग जो आध्यात्मिक और शारीरिक दोनों पहलुओं से परिपूर्ण होगी। ट्रेलर में दिखाए गए युद्ध के दृश्य, तेज़ कट और एंजार ध्वनि‑प्रभाव दर्शकों को तत्काल सिनेमाई बाथरूम में ले जाते हैं।
निर्माण और तकनीकी पहलू
‘Kantara Chapter 1’ का निर्माण हॉम्बाले फिल्म्स (विजय किरागंदूर) के तहत हुआ है, जो ‘KGF’ श्रृंखला और ‘सालार’ जैसी ब्लॉकबस्टर फ़िल्मों के पीछे का नाम है। इस फ़िल्म में 500 प्रशिक्षित फाइटर्स और कुल 3,000 लोगों की बड़ी टोली ने हिस्सा लिया, जिससे यह भारतीय सिनेमा के सबसे बड़े युद्ध दृश्यों में गिना जा रहा है। शूटिंग 25 एकड़ के विस्तृत सेट पर की गई, जो पहाड़ी इलाकों में बसा हुआ था और इसे तैयार करने में लगभग दो महीने लगे।
तकनीकी टीम में एआरएन पी कश्यप (डायरेक्टर ऑफ फ़ोटोग्राफी) ने प्रकाश और कैमरा वर्क को परफ़ेक्ट बनाया है। प्रोडक्शन डिजाइनर बंगलान ने वैकल्पिक पुली‑सिस्टम और प्राचीन खंडहर बनाकर सेट को जीवंत किया। प्रागती शेट्टी (कॉस्ट्यूम डिजाइनर) ने कदम्ब राजवंश की पोशाकों में आधुनिक स्पर्श जोड़कर दर्शकों को इतिहास में ले जाने का काम किया। धरणी गैंगेपुत्र (आर्ट डायरेक्टर) ने सेट पर राक्षस‑जैसे देवी-देवताओं की मूर्तियों को स्थापित किया, जो फ़िल्म के रहस्यमय माहौल को बढ़ाते हैं।
संगीत के मामले में बी. अजानेश लोकेनाथ (संगीतकार) ने फिर से जोड़ी बनाई है, क्योंकि उन्होंने पहले ‘Kantara’ में भी अपना जादू दिखाया था। उनका बैकग्राउंड स्कोर फ़िल्म में पौराणिक ध्वनि और लोक संगीत का मिश्रण पेश करता है, जो दृश्यों की तीव्रता को और भी ऊँचा कर देता है।
फ़िल्म के सह‑लेखक अनिरुद्ध महेश और शनील गौतम ने शेट्टी की दृष्टि को शब्दों में ढालने में मदद की है, जबकि शेट्टी ने अपने अनुभव को कहानी में बुना है। इस तरह की टीमवर्क के कारण ‘Kantara Chapter 1’ को सिर्फ़ एक फिल्म नहीं, बल्कि एक पूर्ण अनुभव माना जा रहा है।
रिलीज़ की बात करें तो, यह फ़िल्म 2 अक्टूबर 2025 को विश्वभर में थिएटरों में आएगी। सात भाषाओं—कन्नड़, हिंदी, तेलुगु, मलयालम, तमिल, बंगाली और अंग्रेजी—में रिलीज़ होने से यह सभी वर्गों के दर्शकों को लक्षित करती है। प्रमुख कलाकारों में रिषभ शेट्टी, रुक्मिणी वासंत, जयाराम और गुलशन देवैह हैं, जो अपने-अपने किरदार में नई गहराई लाते दिखे हैं।
ट्रेलर के साथ ही फैन्स ने इस बात की उम्मीद जताई है कि इस प्रीक्वेल में ‘Kantara’ की मूल भावना—भौतिक और आध्यात्मिक संघर्ष—को और भी विस्तृत रूप में प्रस्तुत किया जाएगा। फिल्म के शुरुआती दृश्य, मार्मिक संवाद और दिग्गज युद्ध अनुक्रम इस आशा को और भी मजबूत बनाते हैं।
17 टिप्पणियाँ
Ashish Pundir
ट्रेलर देख कर लगता है शैली बहुत ढीली है
gaurav rawat
वाह! ट्रेलर देखके बड़ा मजा आया 😂 रिषभ भाई का काम हमेशा टॉप रहता है 🙌
Vakiya dinesh Bharvad
कदम्ब राजवंश की जड़ें और जंगल की ध्वनियों को इतनी जिंदादिल तरीके से दिखाया गया 😊
Aryan Chouhan
भाई ट्रेलर में जो दिग्गज लड़ाई दिखे वो तो कचहरी हुई 😅 फाइटर्स की गिनती देख के हैरान हो गया, लेकिन एडीटिंग थोड़ा थकाणे वाला लग रहा है.
स्टोरी में थोड़ा ज्यादा सस्पेंस चाहिए था, वरना टाइम पास हो जाता.
फिर भी, कुल मिलाकर एंटरटेनिंग है.
Tsering Bhutia
Kantara Chapter 1 का ट्रेलर भारतीय इतिहास में एक नई कथा का द्वार खोलता प्रतीत होता है।
इसमें कदम्ब राजवंश के समय की सामाजिक समस्याओं को बहुत सूक्ष्मता से पकड़ा गया है।
प्राचीन सेटिंग और आधुनिक CG तकनीक का संगम दर्शकों को दोहरी यात्रा पर ले जाता है।
ट्रेलर के शुरुआती दृश्य में छोटे लड़के की खोजी भावना हमारे भीतर बचपन की जिज्ञासा को जगाती है।
रिषभ शेट्टी ने नायकों को ऐसे चित्रित किया है जैसे वे प्रकृति के रक्षक हों, जो आज के पर्यावरणीय संकट से भी जुड़ा है।
कुल मिलाकर संगीत का प्रयोग, बी. अजानेश की धुनें, पौराणिक चाल और लोक संगीत को मिलाकर एक अनूठा माहौल बनाती है।
तकनीकी टीम ने 500 प्रशिक्षित फाइटर्स को व्यवस्थित किया, जिससे युद्ध दृश्यों में वास्तविकता की गहराई आई है।
स्मार्ट कैमरा एंगल और तेज़ कटिंग ने प्रत्येक युद्धकोश को जीवंत बना दिया है।
विजुअल इफ़ेक्ट्स की गुणवत्ता को देखते हुए, यह फिल्म भारतीय बड़े बजट वाले प्रोजेक्ट्स में नई मानक स्थापित कर सकती है।
स्रोत-भूतपूर्व कथा को प्रीक्वेल के रूप में प्रस्तुत करने से दर्शकों को मूल कहानी के कई पहलुओं को समझने का अवसर मिलेगा।
कहानी में रूक्मिणी वासंत और रिषभ के बीच की हल्की-फुल्की रोमांस भी दर्शकों को भावनात्मक संतुलन देता है।
सेट डिजाइन में बंगलान द्वारा निर्मित प्राचीन खंडहर और राक्षस जैसी मूर्तियों ने रहस्य का स्तर बढ़ाया है।
फिल्म का बहुभाषी रिलीज़ करना इसे विभिन्न क्षेत्रों में पहुँच देगा और भारतीय cinema की बहु-भाषीय ताकत को दिखाएगा।
समय-समय पर दिखाए गए आध्यात्मिक एवं शारीरिक संघर्ष का मिश्रण दर्शकों को गहराई से सोचने पर मजबूर करेगा।
यदि निर्माता इन पहलुओं को सही रूप में प्रस्तुत कर पाते हैं तो यह ब्लॉकबस्टर बनना निश्चित है।
आशा है कि इस प्रीक्वेल में हमें वही गहरी कहानी मिलेगी जो मूल Kantara ने हमें दी थी।
Narayan TT
इतिहास को इतना साधारण बनाकर क्यों पेश किया? असली कला गहराई में होती है।
SONALI RAGHBOTRA
ट्रेलर में दिखाए गए भावनात्मक तत्व बहुत ही ताज़ा लगते हैं। ऐसा लगता है जैसे कहानी में नई ऊर्जा बह रही है।
sourabh kumar
चलो दोस्तों, इस फिल्म के लिए तैयार हो जाएँ! देखेंगे तो पता चलेगा!
khajan singh
सेट की विस्तृत तैयारी और लागत वास्तव में एपीक है 😊
Dharmendra Pal
ट्रेलर में उपयोग किए गए लाइटिंग तकनीक ने नाइट सीन को स्पष्ट किया।
Balaji Venkatraman
ऐसी सांस्कृतिक प्रस्तुति में मूल्यों की अनदेखी नहीं होनी चाहिए।
Tushar Kumbhare
बहुत बढ़िया विश्लेषण 👍
Arvind Singh
वाह, फिर भी ये सब सिर्फ शोर है।
Vidyut Bhasin
शोर ही तो असली संगीत है, क्या समझते हो?
nihal bagwan
देश की सच्ची पहचान ऐसे गहरे इतिहास में नहीं, बल्कि वर्तमान में है।
Arjun Sharma
सही कहा, पर इस प्रीक्वेल में वैश्विक दृष्टिकोण भी जरूरी है।
Sanjit Mondal
सही कहा, सेट की विस्तृत तैयारी ही फिल्म की गुणवत्ता को सुनिश्चित करती है।