नासा के अंतरिक्ष यात्रियों का चुनौतीपूर्ण जीवन
नासा के लिए काम कर रहे अंतरिक्ष यात्री, सुनिता विलियम्स और बट्च विलमोर, अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (आईएसएस) पर पिछले पांच महीनों से हैं। इस दौरान, ताजे भोजन की कमी उनके स्वास्थ पर सवाल खड़े कर रही है। हालांकि, नासा ने उन्हें यह विश्वास दिलाया है कि उनके पास पर्याप्त भोजन की आपूर्ति है, विशेषज्ञ चेता रहे हैं कि उनकी ताजे फल और सब्जियों की आपूर्ति धीरे-धीरे समाप्त हो रही है।
आईएसएस में रहने वाले इन अंतरिक्ष यात्रियों का भोजन मुख्यतः पुरानी और पकी हुई चीजें होती हैं जैसे पिज्जा, रोस्ट चिकन, श्रिम्प कॉकटेल, टूना, पाउडर दूध और ब्रेकफास्ट सीरियल। जबकि ताजे फल और सब्जियाँ हर तीन महीने में ही पुनः भराई जाती हैं, जो उनकी सेहत पर असर डाल सकती हैं। ताजे फलों और हरी सब्जियों की कमी उनके पोषण संतुलन को बिगाड़ सकती है, जिससे उनकी ऊर्जा और स्वस्थ रहने की क्षमता पर प्रभाव पड़ सकता है।
स्वास्थ और पोषण पर नज़र
नासा के डॉक्टर नियमित रूप से इनका स्वास्थ और उनके आहार की निगरानी कर रहे हैं। हाल ही में प्रकाशित एक तस्वीर ने सुनीता विलियम्स के चेहरे की मुंदी हुई गालों और पतले दिख रहे रूप को दर्शाया, जिससे उनके वजन कम होने की चिंताओं ने जोर पकड़ा। अंतरिक्ष गतिशीलता के कारण वजन का घटना सामान्य है, लेकिन जबाबदेही चिकित्सा अस्वस्थता को इंगित कर सकती है।
विलियम्स ने स्वयं इन चिंताओं को खारिज करते हुए कहा है कि यह वजनहीनता के कारण उनके शरीर में तरल के हिलने के कारण है। वजनहीनता के कारण तरल का स्थानांतर उनके शरीर को संकुलित कर देता है।
खाद्य और जल आपूर्ति की रणनीति
अंतरिक्ष यात्रियों को दिन में 1.7 किलोग्राम भोजन प्रदान किया जाता है, जो उनके पोषण संबंधी आवश्यकताओं के अनुसार होता है। इसके अलावा, आईएसएस में मूत्र और पसीने को पीने योग्य पानी में बदलने का प्रबंध किया गया है ताकि संसाधनों को बचाया जा सके। बावजूद इसके, अधिक समय तक उनके रहने के मददेनजर उनकी सेहत को लेकर चिंता बनी हुई है।
नासा ने विश्वास दिलाया है कि फरवरी 2025 में स्पेसएक्स के ड्रैगन अंतरिक्षयान पर वे धरती पर लौटेंगे, स्पेसएक्स क्रू-9 मिशन के दो अन्य सदस्यों के साथ। इससे पहले, सितंबर 2024 में बिना किसी चालक दल के स्टारलाइनर की सुरक्षित वापसी की योजना बनाई गई है। यह दर्शाता है कि नासा सुरक्षा और जोखिम को कम करने की दिशा में कड़ी तत्परता से तैयार है।
8 टिप्पणियाँ
Rajan Jayswal
ताजे फल‑सब्ज़ियों की कमी सच में माइक्रोग्रैविटी में भूख को बदल देती है
Simi Joseph
नासा का झूठी दवा-बिना ताजे खाने के वजन कम होना तो तय है
Vaneesha Krishnan
सुनिता की स्थिति से मैं दिल से जुड़ी हूँ 😊 उनकी सेहत पर निरंतर ध्यान देना बहुत ज़रूरी है
इंटरनैशनल स्टेशन में ताज़ा सब्ज़ी की डिलीवरी बढ़नी चाहिए ताकि पोषण संतुलन बना रहे
Satya Pal
इंटरनैशनल स्टेशन का एखायक रूटीन एक गहरा दार्शनिक प्रश्न उठाता है की मनुष्य प्रकृति के बीच में अपने आप को कैसे बनाए रखेगा
भोजन की स्थिरता केवल कलेक्टिव इकोसिस्टम पर निर्भर नहीं बल्कि व्यक्तिगत हार्मोनी पर भी असर डालती है
जब ताज़ा फल कम होते हैं तो न केवल शारीरिक ऊर्जा घटती है बल्कि मानसिक संतुलन भी बिगड़ता है
इसलिए नासा को चाहिए कि वे रक्त में विटामिन स्तर को रियल‑टाइम मॉनिटर करें और तुरंत सप्लाई को एडजस्ट करें
वर्ना एलीट अंतरिक्ष यात्रियों के वजन में अनियंत्रित गिरावट उनके भविष्य के मिशन को जोखिम में डाल सकती है
समय पर सुधार न किया गया तो यह वैज्ञानिक अनिश्चितता बन सकती है
Partho Roy
हाय मित्रों मैं इस चर्चा में थोड़ा गहराई से उतरना चाहता हूँ क्योंकि अंतरिक्ष में पोषण का मुद्दा वैसा नहीं जैसा हम सोचते हैं
सबसे पहले यह समझना ज़रूरी है कि आईएसएस में हर चीज़ को माइक्रोग्राविटी के अनुसार डिज़ाइन किया जाता है जिसमें भोजन भी शामिल है
सामान्यतः पैकेज्ड फूड को वैक्यूम‑सील किया जाता है जिससे उसकी शेल्फ‑लाइफ़ कई साल तक टिकती है
लेकिन इस प्रक्रिया से खाद्य पदार्थों के प्राकृतिक एंजाइम और विटामिन कई बार दीमुलीकृत हो जाते हैं
सुनिता जैसी एलीट एयरोनॉट्स को अगर नियमित रूप से ताजे फळ‑सब्ज़ी नहीं मिलती तो उनके इंटेस्टाइनल माइक्रोबायोम में असंतुलन पैदा हो सकता है
और असंतुलन का सीधा असर उनके इम्यून सिस्टम और मसल मास पर पड़ता है
जैसे ही वजन में अनजाने में गिरावट आती है तो यह एक चेतावनी संकेत बन जाता है कि शरीर को अतिरिक्त पोषक तत्वों की जरूरत है
नासा ने पहले से ही पानी को रीसायकल करने की तकनीक अपनाई है लेकिन ताजे भोजन की सप्लाई को उसी स्तर पर नहीं लाया गया है
इसी कारण वैज्ञानिकों ने प्रस्ताव रखा है कि स्पेस‑ग्रो इन-कैबिन फ़ार्मिंग सिस्टम को अपनाया जाए जहाँ माइक्रोग्राविटी में हाइड्रोपोनिक बागान स्थापित किया जा सके
ऐसे सिस्टम से न केवल ताजा सलाद और फल मिलेंगे बल्कि क्रू को मनोवैज्ञानिक लाभ भी होगा
दूसरी ओर, यह तकनीक लागत‑व्यवस्थापन की दृष्टि से भी फायदेमंद हो सकती है क्योंकि कम सामान लाने से लॉजिस्टिक बोझ घटेगा
ऐसे पहल को लागू करने के लिए अंतरराष्ट्रीय सहयोग आवश्यक है क्योंकि विभिन्न एजेंसियों के पास अलग‑अलग तकनीकी विशेषज्ञता है
हमें यह भी याद रखना चाहिए कि अंतरिक्ष में वजन घटना अक्सर द्रव‑संतुलन के कारण होता है न कि केवल पोषण की कमी से
परंतु यदि पोषण में अंतर बना रहा तो यह द्रव‑संतुलन भी बिगड़ सकता है
अंत में मैं यह कहना चाहूँगा कि विज्ञान केवल डेटा नहीं, बल्कि मानव जीवन की गुणवत्ता भी देखता है और इस दिशा में सुधार आवश्यक है
आशा है कि भविष्य की मिशनों में ताजे भोजन को प्राथमिकता दी जाएगी और हमारे अंतरिक्ष यात्रियों को स्वस्थ और खुशी से काम करने का मौका मिलेगा
Ahmad Dala
नासा की योजना सुनने में तो सुनहरी लगती है पर वास्तविकता में यह थोड़ा सारा दिखावा है सब कुछ ठीक चल रहा है जैसा दिखता है
RajAditya Das
ये तो बहुत बड़ी बात है 😂
Harshil Gupta
सच में, यदि हम पोषण संतुलन को मॉनिटर करने के लिए वास्तविक‑समय डेटा इंटीग्रेशन लागू करें तो स्थिति में काफी सुधार आ सकता है
इसमें वैक्सिन‑ड्रोन सिस्टम और बायो‑सेन्सर का उपयोग किया जा सकता है जिससे भोजन की गुणवत्ता का तुरंत ब्योरा मिल सके
मेरी सलाह है कि अगले सप्लाई मिशन में इन तकनीकों को पहले चरण में टेस्ट किया जाए