Kotak Mahindra Bank के Q3 नतीजों के बाद शेयर में बड़ा उछाल
Kotak Mahindra Bank ने जब अपनी तीसरी तिमाही (Q3 FY25) के नतीजों का ऐलान किया, तो उसके शेयर की कीमतों में अचानक 10% की जबरदस्त तेजी देखने को मिली। बाजार में हलचल मच गई क्योंकि इस तिमाही में बैंक ने 10% साल-दर-साल ग्रोथ के साथ 4,701 करोड़ रुपये का कंसोलिडेटेड शुद्ध मुनाफा (PAT) दर्ज किया। वहीं, स्टैंडअलोन PAT भी बढ़कर 3,305 करोड़ रुपये पहुंच गया, जो पिछली साल की इसी तिमाही में 3,005 करोड़ रुपये था।
बैंक ने अपने कामकाज और फाइनेंशियल हेल्थ के कई अहम आंकड़े भी पेश किए। उसका नेट इंटरेस्ट मार्जिन (NIM) 4.93% पर रहा, जो बैंकिंग इंडस्ट्री में अच्छा माना जाता है। बैंक का CASA (current account savings account) ratio 42.3% रहा, जिससे साफ है कि उसके पास किफायती डिपॉजिट की अच्छी-खासी मात्रा है।
सबसे खास बात रही कि बैंक के Non Performing Assets (NPA) अब सिर्फ़ 0.41% हैं। यानी कुल लोन में से केवल 0.41% लोन डूबत की कैटेगरी में आए। ये आंकड़ा बैंक की सकल लोन क्वालिटी को दर्शाता है। यही नहीं, Kotak Mahindra Capital और Kotak AMC जैसी उसकी सब्सिडियरी कंपनियों में भी जबरदस्त ग्रोथ दिखी। Capital में PAT 170% बढ़ा, तो AMC में 73% की छलांग देखी गई।
ब्रोकरेज का मिला-जुला रुख और भविष्य की चिंता
हालांकि नतीजे दमदार रहे, लेकिन Kotak Mahindra Bank के शेयर को लेकर ब्रोकरेज हाउस का नजरिया एक जैसा नहीं है। कुछ एनालिस्ट्स बैंक की मजबूत खुदरा लोन ग्रोथ और सब्सिडियरी यूनिट्स के परफॉर्मेंस को लेकर उत्साहित हैं, तो कुछ ने प्रावधानों एवं एसेट क्वालिटी में आशंका जताई है।
- कई ब्रोकरेज अभी तक बैंक के बढ़ते प्रावधान (यानी बुरे कर्ज की आशंका पर रखे गए पैसे) और एसेट क्वालिटी को लेकर सजग हैं।
- कुछ एक्सपर्ट्स का मानना है कि बैंक की पिछली तिमाहियों में मार्जिन उतनी तेजी से नहीं बढ़े हैं, जितनी उम्मीद थी।
- साथ ही, रिटेल लोन सेगमेंट में आगे जाकर दबाव दिख सकता है, क्योंकि कर्ज मांग बढ़ने के साथ-साथ डिफॉल्ट्स का जोखिम भी बढ़ता है।
फिर भी, इन नतीजों ने भारतीय बैंकिंग सेक्टर में Kotak को चर्चा में ला दिया है। बैंक के मैनेजमेंट ने खुदरा लोन बढ़ाने और डिजिटल सर्विसेस को आगे बढ़ाने पर फोकस रखा है। एनपीए कंट्रोल में हैं, सब्सिडियरी बिजनस की रफ्तार भी बनी हुई है। यही वजह है कि, बाजार ने इनके नतीजों को पॉजिटिव तरीके से लिया। लेकिन, लंबी दौड़ में प्रावधान और एसेट क्वालिटी पर नजर रखनी होगी—यहीं से भविष्य की असल कहानी तय होगी।